आज का 72वें राजस्थान दिवस पर विशेष कवरेज , राजस्थान के बारे में जाने क्या है राजस्थान - JALORE NEWS
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आज का 72वें राजस्थान दिवस पर विशेष कवरेज , राजस्थान के बारे में जाने क्या है राजस्थान - JALORE NEWS
पत्रकार जगमालसिंह राजपुरोहित मोदरान
जालौर ( 30 मार्च 2021 ) क्षेत्रफल के मामले में राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य के बड़े हिस्से में थार रेगिस्तान है जिसको ग्रेट इंडियन डेजर्ट के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान बालू के टीलों, रेगिस्तान और चट्टानों की धरती है। जयपुर यहां की राजधानी है। जयपुर यहां का सबसे बड़ा शहर भी है। राजस्थान भव्य महलों, किलों, रंगों और उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है। इससे जुड़ीं कुछ अहम और रोचक बातें नीचे दी गई हैं...
राजस्थान का इतिहास
राजस्थान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से मिलता है। समय-समय पर यहां चौहान, मेवाड़,गहलोत वंशों का राज रहा है। मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, बुंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर बड़ी रियासतें हुआ करती थीं। इन सभी रियासतों ने ब्रिटिश शासन की अधीनता स्वीकार कर ली थी। इससे राजाओं ने अपने लिए तो रियायतें हासिल कर लीं लेकिन लोगों के बीच असंतोष रहा। 1857 के विद्रोह के बाद महात्मा गांधी के नेतृत्व में लोग एकजुट हुए और स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। आजादी के बाद जब रियासतों का विलय होना शुरू हुआ तो बड़ी रियासतों जैसे बिकानेर, जयपुर, जोधपुर और जैसलमेर को मिलाकर ग्रेटर राजस्थान बना। 1958 में आधिकारिक तौर पर मौजूदा राजस्थान राज्य वुजूद में आया। उस समय अजमेर, आबू रोड तालुका और सुनल तप्पा रियासतों ने भी राजस्थान में विलय किया।
राजस्थान के प्रतीक चिह्न
- राज्य का पशु : ऊंट और चिंकारा
- राज्य की पक्षी: गोडावण जिसो सोहन चिड़िया, हुकना, गुरायिन वगैरा के नाम से जाना जाता है।
- राज्य का फूल: रोहिड़ा
- राज्य का वृक्ष: खेजड़ी
थार रेगिस्तान
थार रेगिस्तान का ज्यादातर हिस्सा राजस्थान में पड़ता है। इसका कुछ हिस्सा हरियाणा, पंजाब और गुजरात के कच्छ के रण तक पाया जाता है। थार रेगिस्तान पाकिस्तान के सिंध प्रांत और पाकिस्तानी पंजाब के कुछ हिस्से तक भी फैला हुआ है। पर्यटकों के लिए यहां कैमल सफारी काफी पसंदीद है।
राजस्थान के प्रमुख स्थान
उदयपुर, नागौड़, माउंट आबू, कोटा, जोधपुर, झलावर, जयसलमेड़, जयपुर, बिकानेर और अजमेर यहां की प्रसिद्ध जगहें हैं जो यहां स्थित महलों, मंदिरों और दरगाह के लिए प्रसिद्ध हैं
अन्य बातें
राजस्थान के लगभग बड़े शहरों का किसी न किसी खास रंग से संबंध है जैसे जयपुर का गुलाबी, उदयपुर का सफेद, जोधपुर का नीले रंग और झलावर का बैंगनी रंग से। इन जगहों पर लगभग सभी खास स्मारकों और स्थानों को खास रंगों से रंगा गया है। यही वजह है कि जयपुर को गुलाबी शहर, उदयपुर को वाइट सिटी भी बोलते हैं। राजस्थान के बारे में लोग सोचते हैं कि वहां सिर्फ रेगिस्तान ही रेगिस्तान होगा। लेकिन ऐसा नहीं है। कुछ हिस्से में आपको रेगिस्तान बिल्कुल नहीं दिखेगा। वहां आपको हरियाली भी दिखेगी।ऐसा माना जाता है कि अरावली पर्वत श्रृंखला बनने की वजह से सरस्वती नदी थार रेगिस्तान के नीचे ही गुम हो गई थी। अरावली पर्वत श्रृंखला भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है। यह हिमालय से भी पुरानी है।
राजस्थान राज्य ने 30 मार्च 2021 को आज अपना 72वां स्थापना दिवस मना रहा है. इस अवसर पर राज्य में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा हैं. राजस्थान प्रदेश की पहचान यहां की लोक संस्कृति, धरोहरों और ऐतिहासिक स्मारकों की वजह से देश दुनिया में है. स्थापना दिवस से पहले ही प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और समारोह के ज़रिये जश्न मनाया जाता है. ! राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर 30 मार्च की शाम को जयपुर स्थित जनपथ पर राजस्थान दिवस समारोह के तहत कई तरह के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। राजस्थान दिवस के अवसर पर यहां के पॉलो ग्राउंड में हुए आर्मी शो में सेना का अदम्य साहस, अनुशासन और रोमांच देखने को मिला.
मरु भूमि राजस्थान
राजस्थान को मरू-भूमि कहा जाता है. राजस्थान भारत गणराज्य का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है. राजस्थान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्र मानसूनी जलवायु है. प्राचीन समय में राजस्थान में क्षत्रिय राजपूत वंश के राजाओ का शासन था. जिनमे जालौर,मेवाड़ मुख्य थे, राजपूत जाति के विभिन्न वंशो ने इस राज्य के विविध भागों पर अपना कब्जा जमा लिया तो उन भागों का नामकरण अपने-अपने वंश, क्षेत्र की प्रमुख बोली अथवा स्थान के अनुरूप कर दिया.
सीमेन्ट उद्योग की दृष्टि से ‘राजस्थान’ का पूरे भारत में प्रथम स्थान है. यहां पर सर्वप्रथम वर्ष 1904 में समुद्री सीपियों से सीमेन्ट बनाने का प्रयास किया गया था. राजस्थान की आकृति लगभग पतंगाकार है. राजस्थान बलिदान, शौर्य और साहस का साक्षी रहा है. राजस्थान धर्म-कर्म के लिहाज़ से भी पीछे नहीं है. ऐतिहासिक किले और स्मारकों के अलावा यहां के आध्यात्म स्थल भी हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने का काम कर रहे हैं. राजस्थान को वीरों की धरती के तौर पर पहचाना जाता है. यहां के राजे- रजवाड़े और ऐतिहासिक किले प्रदेश की आन-बान-शान को बताने के लिए काफी है।
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