लॉकडाउन का डर, मुंबई से लौट रहे प्रवासी:नौकरी से निकाल रहीं कंपनियां, रेलवे स्टेशनों पर भीड़; पिछले साल की तरह धक्के नहीं खाना चाहते मजदूर - JALORE NEWS
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लॉकडाउन का डर, मुंबई से लौट रहे प्रवासी:नौकरी से निकाल रहीं कंपनियां, रेलवे स्टेशनों पर भीड़; पिछले साल की तरह धक्के नहीं खाना चाहते मजदूर - JALORE NEWS
JALORE NEWS - मुंबई ( 8 मार्च 2021 ) कोरोना की दूसरी लहर के बीच अब वैसी ही स्थिति बनने लगी है, जैसी पिछले साल बनी थी। मुंबई में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लोगों को फिर से लंबा लॉकडाउन लगने का डर सताने लगा है। इसलिए मुंबई में रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने अपने राज्य और शहरों की तरफ लौटना शुरू कर दिया है। मुंबई के सभी रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों की भीड़ बढ़ने लगी है। ट्रेन के टिकट के लिए लंबी कतारें लग रही हैं। भिवंडी और ठाणे में हालात ज्यादा खराब हैं। इसके अलावा कंपनियों ने भी लॉकडाउन के डर से कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है।
रिजर्वेशन के बिना स्टेशन में एंट्री नहीं, परिवार लेकर पहुंच रहे लोग Without reservation, there is no entry in the station, people arriving with family
मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन पर रविवार के बाद से हर दिन प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ नजर आ रही है। लोग अपने सामान और परिवार के साथ यहां डटे हुए हैं। स्टेशन में बिना रिजर्व टिकट के एंट्री नहीं मिल रही है। टिकट खिड़कियों पर लंबी कतार देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश के रहने वाले और मुंबई के धारावी में संविदा पर हेल्थ वर्कर के रूप में काम कर रहे अहमद खान कहते हैं, 'पिछली बार अचानक लॉकडाउन लगाकर सरकार ने हमें परेशानी में डाल दिया, लोगों को पुलिस के डंडे खाने पड़े। ऐसे स्थिति फिर से न आए, इसलिए हम वापस अपने गांव जा रहे हैं।'
यह तस्वीर मुंबई के मरीन ड्राइव की है। घर का किराया बचाने के लिए लोग घर छोड़ इस तरह से सार्वजनिक स्थानों पर जमा हो रहे हैं। यह तस्वीर मुंबई के मरीन ड्राइव की है। घर का किराया बचाने के लिए लोग घर छोड़ इस तरह से सार्वजनिक स्थानों पर जमा हो रहे हैं।
खाना खाने के पैसे नहीं थे, किसी तरह घर से मंगवाए Had no money to eat food, somehow got it from home
UP के बांदा के रहने वाले राजेश परिहार मुंबई में कई साल से सिक्योरिटी गार्ड का काम कर रहे थे। लॉकडाउन लगने की आशंका के बाद कंपनी ने एक सप्ताह पहले उन्हें नौकरी से निकाल दिया। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे वापस घर जा सकें। किसी तरह घर से पैसे मंगवाए और अब वे वापस लौट रहे हैं। राजेश ने बताया, 'स्थिति नॉर्मल होने के बाद मैं यहां लौटा था। नौकरी जाने के बाद मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं खाना भी खा सकूं, किसी तरह से पैसे मंगवाकर अब घर लौट रहा हूं।'
- LTT स्टेशन के बाहर की तस्वीर। घर लौटने वाले ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं।
- LTT स्टेशन के बाहर की तस्वीर। घर लौटने वाले ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं।
- फिर से इन उद्योगों का उत्पादन हो सकता है प्रभावित
मजदूरों के पलायन करने से पावरलूम इंडस्ट्री सहित उससे जुड़े साइजिंग, डाइंग कंपनियों के अलावा मोती कारखाना एवं गोदामों के कामकाज, कंस्ट्रक्शन के काम पर बड़ा असर पड़ने वाला है। राज्य सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के बीच साल 2020 में मुंबई समेत पूरे राज्य से 11.86 लाख प्रवासी मजदूरों का पलायन हुआ था। हालांकि आंकड़ों में यह संख्या करीब 25 लाख के आसपास थी।
कहां-कहां से आते हैं प्रवासी मजदूर Where do migrant laborers come from
'इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार से मजदूर खासतौर पर मुंबई और दिल्ली में सबसे ज्यादा जाते हैं। फिर नंबर आता है मध्य प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के मजदूरों का।
पिछले साल पैदल जाना पड़ा था Had to walk last year
पिछले साल मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन के बाद मुंबई में काम करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों का कामकाज बंद हो गया था, जिसके बाद मुंबई से उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में मजदूरों को पैदल जाना पड़ा था।
रेलवे ने बढ़ाई ट्रेनों की संख्या Railways increased the number of trains
यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए सेंट्रल और मध्य रेलवे ने कई विशेष ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है। मुंबई से गोरखपुर, पटना और दरभंगा के लिए विशेष ट्रेनें चलाने का निर्णय मध्य रेल ने लिया है। 01053 विशेष LTT 13 और 20 अप्रैल को 4.40 बजे प्रस्थान करेगी और तीसरे दिन 2 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। 01054 विशेष गोरखपुर से 15 और 22 अप्रैल को 4.05 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन रात 11.45 बजे LTT पहुंचेगी। 21401 सुपरफास्ट विशेष ट्रेन पुणे से 9, 11, 16 और 18 अप्रैल को शाम 4.15 बजे प्रस्थान करेगी और अगले दिन 11.45 पर दानापुर पहुंचेगी।
- संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
- संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच सुरक्षाकर्मियों को भीड़ को हटाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
- भीड़ कम करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत बढ़ाई
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार के अनुसार, केवल रिजर्व टिकट वालों को ही स्टेशन परिसर में आने और ट्रेनों में यात्रा की अनुमति है। पहले जो लोग सामान्य श्रेणी से यात्रा करते थे, अब उन्हें सेकेंड सिटिंग श्रेणी में सीमित टिकट दी जा रही है। इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर भीड़ न हों, इसके लिए प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत 50 रुपए कर दी गई है।
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