अलीगढ़ जिले में हाईरिस्क प्रेगनेंसी के खतरे को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सचेत - JALORE NEWS
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अलीगढ़ जिले में हाईरिस्क प्रेगनेंसी के खतरे को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सचेत - JALORE NEWS
अलीगढ़ ( 05 अप्रैल 2021 ) प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच कर हाई रिस्क वाली महिलाओं की पहचान कर लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।सीएमओ ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर परिवार नियोजन की अस्थाई विधियों जैसे- अंतरा इंजेक्शन, छाया, माला-डी, माला-एन, आईयूसीडी व पीपीआईयूसीडी आदि को लाभार्थियों को उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डॉ एस.पी सिंह ने बताया कि एसआरएस 2019 के आकड़ों के अनुसार प्रति वर्ष उत्तर प्रदेश मे लगभग 12000 महिलाओ की मातृ मृत्यु होती है जिसका कुछ प्रमुख कारण गर्भधारण, प्रसव, तथा असुरक्षित गर्भपात की समस्याओं के कारण है । इनमें लगभग 3600 मौतों को परिवार नियोजन के द्वारा रोका जा सकता है । उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन द्वारा अनचाहे गर्भ और कम करने से 30 फीसदी मातृ मृत्यु कम हो सकती है ।
यूपीटीएसयू से वरिष्ठ परिवार नियोजन ने कहा कि गर्भ धारण के खतरों की रोकथाम जरूरी है। कम आयु में प्रसव, कई बच्चों को लगातार जन्म देने, 4 या उससे अधिक बच्चे पैदा करने, महिला को प्रसव के पश्चात खून बहने आदि कारणों से मृत्यु का अधिक जोखिम होता है। लाइफ स्टाइल भी हाई प्रेगनेंसी का प्रमुख कारण है।
यदि महिला की उम्र 35-40 के बीच है तो ऐसे में गर्भवती में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक अनेक प्रकार की जटिलताओं का सामना उनके शरीर को करना पड़ता है। आसपास क्षेत्रों में गर्भवती महिला मोटापे की शिकार हो रही हैं, ऐसे में वो हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में आ गई है। गर्भवती महिलाओं में खून की कमी की समस्या सबसे अधिक सामान्य समस्या है। ऐसी गर्भवती महिला जिसका एक से अधिक बार गर्भपात हुआ है। उन्हें भी हाई रिस्क में जोड़ा गया है। उच्च रक्तचाप, टीबी, पीलिया आदि रोग से ग्रस्त होने पर भी गर्भवती महिला को हाई रिस्क की सूची में जोड़ा गया है।
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