गाँधीजी के विचार बहुआयामी एवं प्रासंगिक - मुख्य कार्यकारी अधिकारी - JALORE NEWS
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गाँधीजी के विचार बहुआयामी एवं प्रासंगिक - मुख्य कार्यकारी अधिकारी - JALORE NEWS
जालोर ( 6 अप्रेल 2021 ) राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की विचारधारा,व्यक्तित्व एवं कृतित्व बहुआयामी के साथ-साथ वर्तमान में प्रासंगिक भी है अतः गांधी के सत्य, अहिंसा, नैतिक मूल्य, स्वावलम्बन, अस्पृश्यता, स्वच्छता सहित शिक्षा और दर्शन का आम जन को जीवन में आत्मसात् कर अनुसरण करना चाहिए। गाँधीजी के 150वीं जयन्ती वर्ष एवं स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर राज्य सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में मंगलवार को दांडी यात्रा के समापन दिवस पर नगर परिषद सभागार में आयोजित संगोष्ठी में उक्त विचार मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासु ने व्यक्त किए।
दांडी यात्रा के समापन पर आजादी के अमृत महोत्सव पर संगोष्ठी सम्पन्न - Seminar on Amrit Festival of Independence concludes at the conclusion of Dandi Yatra
संगोष्ठी के प्रारम्भ में गांधी दर्शन समिति के ब्लॉक संयोजक नैनसिंह राजपुरोहित, सह संयोजक लक्ष्मणसिंह साँखला एवं उपखण्ड अधिकारी चम्पालाल जीनगर ने गांधीजी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राजकीय महिला महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वगताराम चौधरी ने गांधीजी की दांडी यात्रा को स्वाधीनता आंदोलन का महत्वपूर्ण घटक बताते हुए कहा कि नमक कर का विरोध करके गांधी ने स्वराज की स्थापना को आम जन मानस तक ले जाने का कार्य किया। उन्होने सविनय अवज्ञा आन्दोलन एवं दाण्डी मार्च के बारे में विस्तार से जानकारी दी। गांधी दर्शन समिति के संयोजक नैनसिंह राजपुरोहित एवं सह सहसंयोजक लक्ष्मणसिंह सांखला ने गांधीजी के विचारों को आमजन तक ले जाने के लिए ‘‘आजादी के अमृत महोत्सव’’ कार्यक्रम द्वारा राष्ट्रपिता के विचारों के प्रचार-प्रसार की बात कही। राजकीय महिला महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बी.एल.देवड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गांधीजी ने साबरमती (अहमदाबाद) से 12 मार्च 1930 से दांडी तक की 24 दिनों की 387 किमी यात्रा में 78 समर्थको को साथ लेकर नमक कानून को तोड़ते हुए एक मुट्ठी नमक से अंग्रेजी साम्राज्य को हिलाने की बात कही वही दांडी मार्च के बाद पूरे देश में नमक कानून का प्रबल विरोध भी हुआ। उपखण्ड अधिकारी चम्पालाल जीनगर ने कहा कि महात्मा गांधी ने शांति और सादगी से बिना तलवार और बंदूक के नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन ने स्वराज के प्रति जनचेतना एवं जन भावना को जगाकर आजादी के आंदोलन को गति देने के साथ महिलाओं, मजदूर सहित आमजन को आंदोलन से जोड़ा। उन्होंने गांधीजी के विचारों को वर्तमान की आवश्यकता बताते हुए जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक अशोक विश्नोई, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुभाष मणि, नगर परिषद आयुक्त महिपाल सिंह, पार्षद मिश्रीमल गहलोत, अनिल पंडत सहित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएं, अधिकारी-कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एनसीसी अधिकारी अम्बिका प्रसाद तिवारी ने किया।
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