Ganesh Chaturthi 2024: जल्द ही घर आ रहे हैं बप्पा, जानिए गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के कुछ विशेष नियम , गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त , विधि से की
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Ganesh Chaturthi 2024: जल्द ही घर आ रहे हैं बप्पा, जानिए गणेश चतुर्थी पर मूर्ति स्थापना के कुछ विशेष नियम
जयपुर ( 1 अक्टूबर 2024 ) Ganesh Chaturthi 2024 Murti Sthapana Niyam: हिंदू धर्म में भगवान गणेश की उपासना प्रथम देवता के रूप में की जाती है. भगवान गणेश की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. बता दें कि प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन गणेश चतुर्थी पर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व 07 सितंबर 2024, शनिवार के दिन मनाया जाएगा. इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की विधिवत उपासना की जाती है और घर पर 10 दिनों के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है. लेकिन भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियम जरूर जान लेने चाहिए.
गणेश चतुर्थी पर प्रतिमा स्थापना का नियम
- गणेश चतुर्थी के दिन इस बात का ध्यान रखें कि भगवान गणेश की प्रतिमा मिट्टी की बनी हो और उनकी सूंड दाईं ओर हो. इसके साथ उनके चरणों में मूषकराज बैठे हों और भगवान गणेश ने जनेऊ जरूर धारण किया हो. बता दें कि भगवान गणेश की बैठे हुए प्रतिमा ही स्थापित करें.
- गणेश चतुर्थी के दिन प्रतिमा स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार करें और मध्याह्न काल में विधि-विधान से गणेश मूर्ति को स्थापित करें. इस दौरान घर में दिशा का भी ध्यान रखें. गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करने के लिए उत्तर दिशा या ईशान कोण को बहुत ही उत्तम माना जाता है.
- इस बात का ध्यान रखें की गणेश जी की प्रतिमा का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो और वह लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पर ही बैठें हों. बता दें कि जब भगवान गणेश की प्रतिमा को घर लाया जाए तो उनकी आंखें लाल या पीले रंग के वस्त्र से ढकी हुई हो.
- इस बात का ध्यान रखें की गणेश जी की प्रतिमा का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो और वह लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग के वस्त्र पर ही बैठें हों. बता दें कि जब भगवान गणेश की प्रतिमा को घर लाया जाए तो उनकी आंखें लाल या पीले रंग के वस्त्र से ढकी हुई हो.
- जब तक गणेश जी घर में विराजमान हैं, इस दौरान तामसिक भोजन भूलकर भी ग्रहण न करें और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इसके साथ इस अवधि में मन में बुरे भाव या विचार न लाइन और कोई भी बुरा कार्य न करें.
- इस दौरान प्रत्येक दिन भगवान गणेश की विधिवत सुबह और शाम आरती करें व भोग अर्पित करें. जिस स्थान पर गणेश जी विराजमान हो चुके हैं, उस स्थान की साफ सफाई रखें और वहां से उन्हें स्थानांतरित ना करें. विसर्जन के समय मूर्ति को हल्का सा हिलाएं.
Ganesh Chaturthi 2024: 6 या 7 सितंबर कब है गणेश चतुर्थी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और भोग
हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है. इस दिन लोग अपने घर बप्पा लेकर आते हैं और पूरे विधि विधान के साथ उनकी स्थापना शुभ मुहूर्त में करते हैं. इसके बाद 10 दिनों तक बप्पा को घर में रखकर उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान भक्त उनकी खूब सेवा करते हैं. उन्हें प्रिय मोदक और लड्डू का भोग लगाया जाता है और रोज दोनों समय आरती की जाती है. वहीं 10वें दिन गणपति जी का विसर्जन कर दिया जाता है. आइए जानते हैं स्थापना की तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि और भोग रेसिपीज.
गणेश चतुर्थी 2024 तारीख और मुहूर्त- (Ganesh Chaturthi Tithi And Muhurat)
इस साल शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा. वहीं उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर शनिवार को मनाई जाएगी.
गणेश चतुर्थी स्पेशल भोग- (Ganesh Chaturthi Special Bhog)
1. लड्डू-
भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाया जाता है. आप बेसन या बूंदी से बने लड्डू का भोग लगा सकते हैं.
2. मोदक-
इसके अलावा बप्पा को मोदक बहुत ही पसंद माने जाते हैं. पुराणों में ऐसा उल्लेख मिलता है कि गणेश जी बचपन में अपनी मां माता पार्वती के द्वारा बनाए गए मोदक पलभर में चट कर जाते थे.
गणेश चतुर्थी पूजा का मुहूर्त- (Ganesh Chaturthi Puja Muhurat)
वैसे तो बप्पा के लिए किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि, वे विघ्नहर्ता हैं. लेकिन हिंदी पंचांग के अनुसार, चतुर्थी के दिन गणपति जी की पूजा दिन में 11 बजकर 03 मिनट से कर सकते हैं यह मुहूर्त दोपहर में 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.
गणेश चतुर्थी पूजन विधि- (Ganesh Chaturthi Pujan Vidhi)
गणेश चतुर्थी वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठ कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. अब घर के मंदिर की साफ-सफाई कर गंगा जल से छिड़काव करें. इसके बाद भगवान गणेश को प्रणाम कर तीन बार आचमन करें. अब बप्पा की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद भगवान गणेश को जनेऊ, वस्त्र, चंदन, दूर्वा, धूप, अक्षत, दीप, पीले फूल और फल अर्पित करें. पूजा करते समय भगवान गणेश को 21 दूर्वा जरूर अर्पित करें. दूर्वा अर्पित करते समय 'श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जप करें. भगवान गणेश को लड्डू और मोदक का भोग लगाएं. पूजा के अंत में बप्पा की आरती करें और प्रसाद बांटें.
Ganesh Chaturthi 2024:
गणपति बप्पा की स्थापना करने से पहले जानें ये 7 वास्तु नियम, हर इच्छा होगी पूरी!
किसी भी भगवान की पूजा करने से पहले भगवान गणेश की उपासना की जाती है, क्योंकि गणपति बप्पा को सभी देवी-देवताओं में प्रथम स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि जो लोग गणेश भगवान की नियमित रूप से पूजा करते हैं, उनके घर में सदा खुशहाली बनी रहती है। इसलिए गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए गणपति बप्पा को समर्पित गणेश चतुर्थी के पर्व का भी खास महत्व है। गणेश चतुर्थी का आरंभ भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होता है, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा और 17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन त्योहार का समापन होगा।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 दिन तक उनकी पूजा करने के बाद विसर्जन करते हैं। हालांकि गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना करने से जुड़े कई नियम होते हैं। यदि व्यक्ति उन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसका दुष्प्रभाव भी उन्हें झेलना पड़ता है। चलिए जानते हैं वास्तु शास्त्र में बताए गए मूर्ति स्थापना के मुख्य 7 नियमों के बारे में।
किस दिशा में स्थापित करनी चाहिए मूर्ति?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणपति की मूर्ति को घर में हमेशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। इसके अलावा मूर्ति को ऐसे स्थापित करें कि उसका मुख पश्चिम दिशा की तरफ हो। ये दिशा मूर्ति स्थापना के लिए सबसे शुभ मानी जाती है।
स्थापित करने के बाद मूर्ति को नहीं हिलाना चाहिए
मूर्ति विसर्जन से पहले भगवान गणेश की मूर्ति को अपनी जगह से नहीं हटाना चाहिए। यदि आप मूर्ति को बार-बार उसकी जगह से हटाते हैं, तो इससे आपको पाप लग सकता है।
कैसी मूर्ति घर लाना शुभ है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दौरान घर में गणेशजी की बैठी हुई मुद्रा वाली मूर्ति को स्थापित करना चाहिए। गणेशजी की खड़ी हुई मुद्रा वाली प्रतिमा को घर में लगाना अशुभ माना जाता है। हालांकि ऐसी प्रतिमा आप ऑफिस या कार्यस्थल की डेस्क पर रख सकते हैं।
किस रंग की मूर्ति होती है शुभ?
शास्त्रों में बताया गया है कि सिंदूरी और सफेद रंग की गणेश जी मूर्ति को घर में स्थापित करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। ये दोनों ही रंग जीवन में तरक्की लेकर आते हैं।
सूंड किस तरफ होनी चाहिए?
गणेश जी की वो ही मूर्ति घर में लानी चाहिए, जिसकी सूंड उत्तर दिशा यानी सीधी तरफ हो। गणेश जी की ऐसी मूर्ति को घर में लाने से साधक को उसकी पूजा का मनोवांछित फल मिलता है।
क्रिस्टल से बनी मूर्ति घर लाना है शुभ
क्रिस्टल से बनी गणेश जी की मूर्ति को घर में स्थापित करना सबसे शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, क्रिस्टल से बनी गणेश जी की मूर्ति की पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कचरा इकट्ठा न होने दें
यदि आप 10 दिन के लिए अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति को लेकर आ रहे हैं, तो लगातार 10 दिन सुबह और शाम दोनों समय गणपति बप्पा की आरती करें। उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। साथ ही दीप-धूप अर्पित करें। इसके अलावा जिस स्थान या कमरे में आपने गणपति बप्पा की मूर्ति को स्थापित किया है। वहां सुबह-शाम साफ-सफाई करें। थोड़ा-सा भी कचरा इकट्ठा न होने दें। नहीं तो इससे आपको पाप लग सकता है।
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