जालोर में दो दिवसीय गरबा महोत्सव: सांस्कृतिक धरोहर के पुनरुत्थान की पहल - JALORE NEWS
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जालोर में दो दिवसीय गरबा महोत्सव: सांस्कृतिक धरोहर के पुनरुत्थान की पहल - JALORE NEWS
जालोर ( 13 अक्टूबर 2024 ) JALORE NEWS वीर भूमि जालोर के सूरजपोल स्थित सारणेश्वर महादेव मंदिर के बाहर वर्षों से बंद पड़ी गरबा परंपरा का आयोजन एक बार फिर शुरू किया जा रहा है। इस बार यह आयोजन 14 और 15 अक्टूबर 2024 को किया जाएगा, जिसका नेतृत्व चामुंडा माता मंदिर के पुजारी पवन पुरी जी करेंगे। गरबा महोत्सव का यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक उत्साह के साथ मनाया जाएगा, जिसमें स्थानीय समुदाय का विशेष योगदान रहेगा। और मुन्ना महाराज के सानिध्य में यह गरबा नृत्य आयोजित किया जाएगा
आयोजन की विशेषताएँ
महोत्सव का आयोजन जालोर की एक टीम द्वारा किया जा रहा है, जो क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले दिन मोहल्ले के निवासी पारंपरिक गरबा नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जबकि दूसरे दिन चामुंडा माता मंदिर की टीम अपनी विशेष प्रस्तुति देगी। मंदिर के मुन्ना महाराज इस आयोजन की अगुवाई करेंगे और इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में कदम
कई वर्षों से बंद पड़े गरबा महोत्सव को फिर से शुरू करने का यह प्रयास जालोर की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस आयोजन से न केवल गरबा नृत्य को पुनर्जीवित किया जा रहा है, बल्कि नई पीढ़ी को भी इस परंपरा का अनुभव और ज्ञान प्राप्त होगा। इस सांस्कृतिक उत्सव में धार्मिक आस्था और क्षेत्रीय धरोहर का समन्वय होगा।
स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी
गरबा महोत्सव में स्थानीय निवासियों की विशेष भागीदारी रहेगी। पहले दिन मोहल्ले के लोग पारंपरिक परिधान पहनकर गरबा नृत्य में भाग लेंगे, जिससे उत्सव की रौनक और भी बढ़ जाएगी। दूसरे दिन चामुंडा माता मंदिर की टीम गरबा प्रस्तुति देगी, जो धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होगी। इस आयोजन से क्षेत्र के लोगों के बीच भाईचारा और सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य आकर्षण
1. पहला दिन: मोहल्ले के निवासियों द्वारा पारंपरिक गरबा नृत्य।
2. दूसरा दिन: चामुंडा माता मंदिर की टीम द्वारा गरबा प्रस्तुति।
3. स्थान: सारणेश्वर महादेव मंदिर, सूरजपोल, जालोर।
4. तिथियां: 14 और 15 अक्टूबर 2024
आयोजन की महत्ता
यह महोत्सव जालोर की सांस्कृतिक पहचान को सुदृढ़ करने और समुदाय को एकजुट करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर को एक मंच पर लाकर, यह महोत्सव स्थानीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। हर आयु वर्ग के लोग इस महोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे, जिससे इसे और अधिक विशेष बनाया जाएगा।
दो दिवसीय गरबा महोत्सव जालोर की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करने और आने वाली पीढ़ियों को उनके महत्व से अवगत कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।
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