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कांग्रेस सरकार में जारी 9 लाख पट्टों की होगी जांच, 4 अधिकारी निलंबित, पट्टे जारी करने पर रोक

By Shravan Kumar Oad

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Reporter Shravan Kumar Od Jalore

जयपुर ( 8 सितंबर 2025 ) राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला सकने वाला बड़ा फैसला—भाजपा सरकार ने पिछली कांग्रेस सरकार के ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान के तहत जारी किए गए करीब 9 लाख पट्टों की जांच कराने का निर्णय लिया है।

शहरी विकास एवं आवासन (यूडीएच) विभाग अब पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान के तहत जारी किए गए पट्टों की जांच करने जा रहा है। उस दौरान प्रदेश भर में करीब 9 लाख पट्टे जारी किए गए थे, जिनके जरिए हजारों अवैध कॉलोनियों को नियमित किया गया। अब भाजपा सरकार इन पट्टों की पड़ताल कर फर्जी पट्टों पर कार्रवाई करेगी।

हाल ही में विभाग ने जांच के बाद 30 पट्टे रद्द कर दिए हैं। इनमें जालौर जिले के सांचौर, जयपुर और अन्य शहरों में जारी पट्टे शामिल हैं। सांचौर में जारी 13 फर्जी पट्टों की जांच के बाद इन्हें रद्द कर दिया गया है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है, जिनमें जयपुर नगर निगम हेरिटेज के पूर्व उप आयुक्त भी शामिल हैं।

बड़ी कार्रवाई : 4 अधिकारी निलंबित


फर्जी पट्टों के मामले में लापरवाही और गड़बड़ी साबित होने पर 4 अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इनमें जयपुर नगर निगम हेरिटेज के पूर्व उप आयुक्त भी शामिल हैं।

यूडीएच मंत्री ने क्या कहा

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने साफ कहा कि जांच के दौरान अगर कोई पट्टा फर्जी पाया जाता है, तो उसे तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, जिन अधिकारियों ने गलत तरीके से पट्टे जारी किए, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई नए पट्टा आवेदन करने वालों पर असर नहीं डालेगी। लोग नए पट्टों के लिए आवेदन कर सकते हैं और अन्य शहरी निकायों में पट्टा जारी करने की प्रक्रिया को सरकार और तेज करने की कोशिश कर रही है।


पट्टे जारी करने पर रोक


इस बीच जयपुर में नाहरगढ़ के ईको-सेंसिटिव जोन और बफर जोन में बने पुराने मकानों को लेकर जटिलताएं बनी हुई हैं। भाजपा सरकार ने इन कॉलोनियों को अवैध मानते हुए यहां पट्टे जारी करना रोक दिया है। मंत्री खर्रा ने कहा कि यह मामला अलग है। क्योंकि इन कॉलोनियों को संरक्षित क्षेत्र के भीतर बनाया ही नहीं जाना चाहिए था।


उन्होंने कहा कि इन अवैध बस्तियों के बनने के पीछे राजनीतिक हस्तक्षेप और अधिकारियों की लापरवाही जिम्मेदार है। साथ ही यहां घर बनाने वाले निवासियों की भी जिम्मेदारी है। सरकार का कहना है कि अब फर्जी पट्टों पर न केवल अंकुश लगाया जाएगा। बल्कि जिम्मेदार अधिकारियों और संबंधित लोगों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।

⚖️ सरकार का रुख अब साफ है—
फर्जी पट्टों पर सख्त कार्रवाई होगी।
दोषी अधिकारियों पर गाज गिरेगी।


राजनीतिक दबाव में किए गए गलत आवंटन उजागर होंगे

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 यह फैसला न केवल प्रदेश की शहरी व्यवस्था को प्रभावित करेगा, बल्कि कांग्रेस के ‘प्रशासन शहरों के संग’ अभियान पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

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