
जालोर। भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी की संध्या इस बार खास रही। श्री गुरु जम्भेश्वर सेवा संस्थान, जालोर में भगवान श्री जम्भेश्वर के 575वें अवतरण दिवस पर भव्य जागरण और हवन-प्रसादी का आयोजन हुआ।
देर रात तक गूंजे भक्ति गीत
संस्थान के महासचिव डॉ. भजन डूडी ने बताया कि 16 अगस्त की रात को आयोजित जागरण में पंडित मंगलाराम ने भगवान जम्भेश्वर की आरती, साखी और भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से भक्ति का माहौल बांध दिया। देर रात तक सैकड़ों श्रद्धालु भजनों की गूंज में डूबे रहे।
हवन और पाहल से हुआ शुभारंभ
17 अगस्त की सुबह समाज के मौजिज लोगों की मौजूदगी में भगवान श्री जम्भेश्वर के 120 शब्दों से पाहल बनाकर हवन में आहुति दी गई। बिश्नोई समाज के आराध्य और प्रकृति संरक्षण के अग्रदूत जाम्भोजी के जन्मोत्सव पर यह कार्यक्रम बेहद श्रद्धा और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ।
जाम्भोजी के विचार आज भी मार्गदर्शक
संस्थान अध्यक्ष हरिंगाराम ने बताया कि जाम्भोजी ने सन 1485 में बिश्नोई धर्म की स्थापना की थी। उनके 29 नियम पर्यावरण, पशु-पक्षी और मानवीय मूल्यों की रक्षा का संदेश देते हैं। यही जीवनदर्शन आज भी समाज के लिए मार्गदर्शक और प्रेरणा का स्तंभ है।
इस मौके पर श्री भगवानाराम (री. DySP) और श्री सुरेंद्र बोला ने युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ व्यापारिक गतिविधियों में भी आगे बढ़ने का आह्वान किया।
हजारों भक्तों ने पाई प्रसादी
समारोह के अंत में हजारों श्रद्धालुओं ने बड़े ही भाव से प्रसादी ग्रहण की।
आयोजन में मौजूद रहे
कार्यक्रम में संस्थान कोषाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश गिला, डॉ. प्रकाश, ईशराराम, रामकरण, भीखाराम, कैलाश सियाग (ASP), डॉ. विक्रम सिंह, रामूराम, बाबूलाल, एडवोकेट हेमंत, चौथा राम जी जानी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।