
जयपुर, 23 अगस्त।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश के सरकारी वकीलों की फीस में तीन गुना तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर विधि एवं विधायी विभाग द्वारा लिया गया। आदेश के अनुसार यह बढ़ी हुई फीस एडवोकेट जनरल, एडिशनल एडवोकेट जनरल और जिला स्तर के अधिवक्ताओं पर लागू होगी। यह नया नियम 1 सितम्बर 2025 से प्रभावी होगा।
मासिक रिटेनरशिप में बड़ा इजाफा
मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार, राजस्व मण्डल अजमेर, अधीनस्थ राजस्व न्यायालय, संभागीय आयुक्त और जिला कलक्टर कार्यालयों में राज्य सरकार की पैरवी करने वाले पूर्णकालिक राजकीय अधिवक्ताओं की मासिक रिटेनरशिप बढ़ाई गई है।
राजस्व विभाग के शासन उप सचिव हरिसिंह मीना ने जिलेवार फीस की जानकारी दी:
- राजस्व मंडल अजमेर:
- स्टेट एडवोकेट – ₹11,250
- एडिशनल स्टेट एडवोकेट – ₹10,200
- डिप्टी स्टेट एडवोकेट – ₹9,000
- सम्भागीय आयुक्त एवं अतिरिक्त सम्भागीय आयुक्त कोर्ट: ₹6,000
- जयपुर, अलवर, भरतपुर, चित्तौडगढ़, उदयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर, जोधपुर, नागौर, पाली: ₹6,000
- बूंदी, झालावाड़, टोंक, जालोर, सिरोही, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, बारां, राजसमंद: ₹4,500
- बांसवाड़ा, बाड़मेर, बीकानेर, चूरू, डूंगरपुर, धौलपुर, जैसलमेर, हनुमानगढ़, करौली: ₹3,000
- अन्य जिलों के जिला कलक्टर और अतिरिक्त जिला कलक्टर कोर्ट: ₹4,500
- राजस्व अपीलीय प्राधिकारी और उनके कैम्प कोर्ट: ₹3,000
न्यायिक दायित्वों के पेटे में भी बढ़ोतरी
सरकारी अधिवक्ताओं को मिलने वाली अन्य राशि में भी वृद्धि की गई है:
- जवाबदावा के लिए – ₹700
- प्रति पृष्ठ डिक्टेशन/टंकण – ₹25
- प्रति पृष्ठ फोटोस्टेट – ₹2
- अधिवक्ता कल्याण कोष – ₹200
- स्टेशनरी/फाइल कवर/टेग्स आदि – ₹60
- प्रति प्रमाण पत्र शपथ पत्र प्रमाणीकरण – ₹100
- अन्य विधिक खर्च – ₹200
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के इस आदेश से राजस्थान के सरकारी वकीलों को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। यह न केवल उनकी मेहनत का सम्मान है, बल्कि न्यायालय में राज्य सरकार की पैरवी को और प्रभावी बनाने में भी मदद करेगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।