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श्रद्धा और परम्परा के साथ घर-घर बने रोट, उल्लासपूर्वक मनाया गया रोट तीज महोत्सव

By Shravan Kumar Oad

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श्रद्धा और परम्परा के साथ घर-घर बने रोट, उल्लासपूर्वक मनाया गया रोट तीज महोत्सव

बामनवास ( 26 अगस्त 2025 ) अल्पसंख्यक वर्ग के जैन समुदाय द्वारा मंगलवार को पारंपरिक उत्साह और श्रद्धा के साथ रोट तीज महोत्सव मनाया गया। यह पर्व जैन समाज में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की स्थिरता से जुड़ा माना जाता है। ब्लॉक के विभिन्न जैन मंदिरों में इस अवसर पर चौबीसों भगवान की विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने भाग लेकर धर्मलाभ अर्जित किया।

श्री वर्धमान दिगम्बर जैन विकास समिति पिपलाई के सदस्य बृजेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि परम्परानुसार महिलाओं ने व्रत-उपवास रखे। वहीं घर-घर में रोट, घी, बूरा, तुरई की सब्जी और रायता बनाया गया। यह आयोजन जैन धर्म की संस्कृति और सामूहिक आस्था का प्रतीक रहा। रोट तीज महोत्सव के साथ ही जैन धर्म के दशलक्षण महापर्व की भी शुरुआत होती है, जिसे समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।

वर्धमान कोचिंग सेन्टर की निदेशक एकता जैन ने बताया कि भाद्रपद शुक्ला तृतीया (तीज) को जिनालयों में विशेष पूजा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ज्ञान रूपी लक्ष्मी का पूजन किया गया। इसके बाद श्रावक-श्राविकाओं ने परम्परानुसार रोट और खीर बनाकर मंदिरों में भगवान को भोग अर्पित किया। तत्पश्चात इष्ट-मित्रों, परिचितों एवं रिश्तेदारों को भोजन करवा कर पुण्य लाभ लिया गया।

कार्यक्रम के अंत में समिति के सचिव जिनेन्द्र जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पर्व ने समाज में धार्मिक एकता और परंपरा की अमिट छाप छोड़ी है।


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