
जयपुर, 1 सितंबर।
राजस्थान विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। जूली ने कहा कि 27 जुलाई को झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन सरकार इतनी संवेदनहीन है कि मृतकों को विधानसभा में श्रद्धांजलि तक नहीं दी गई।
“संवेदनहीनता उजागर हुई है” – जूली
कार्यवाही शुरू होते ही जूली ने ‘व्यवस्था के प्रश्न’ के माध्यम से यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस त्रासदी को सदन की कार्यसूची में भी शामिल नहीं किया गया।
जूली ने आरोप लगाया –
“सरकार और उसके मुखिया बच्चों और दलित समाज के प्रति संवेदनहीन हैं। मुख्यमंत्री और उनके मंत्री हादसे को याद करने से भी कतराते हैं, क्योंकि इससे उनकी लापरवाही उजागर होती है।”
हादसे के बाद सर्वे का ड्रामा
जूली ने कहा कि हादसे के बाद सरकार ने विभागों को आदेश दिया कि जर्जर स्कूल इमारतों का सर्वे किया जाए। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि यह काम पहले क्यों नहीं हुआ?
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री मृतकों के परिवारों से मिलने तक नहीं गए, शायद इसलिए क्योंकि हादसे में अनुसूचित जनजाति के बच्चे मारे गए।
शिक्षा मंत्री पर भी सवाल
जूली ने शिक्षा मंत्री पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हादसे के समय शिक्षा मंत्री भरतपुर दौरे पर थे। जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि “मैं तुरंत दौरा रद्द कर घटनास्थल पर जा रहा हूँ।”
लेकिन जूली ने आरोप लगाया कि मंत्री अगले दिन शाम तक भी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे, बल्कि भरतपुर में मालाएं पहनकर स्वागत करवाते नजर आए।
विधानसभा में जगह तक नहीं मिली
जूली ने नाराजगी जताते हुए कहा –
“यह और भी दुख की बात है कि इस बड़े हादसे को विधानसभा की कार्यसूची में तक जगह नहीं दी गई, जबकि अन्य प्रदेशों की दुखांत घटनाओं पर सदन में श्रद्धांजलि दी जाती रही है।”
उन्होंने कहा कि जब इस मुद्दे पर उन्होंने सदन का ध्यान आकर्षित करना चाहा तो उन्हें बोलने का मौका भी नहीं दिया गया।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।