
नई दिल्ली।
शिक्षक दिवस के खास मौके पर वांछित फाउंडेशन दिल्ली की संस्थापिका और राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ. सुनीता मेहरोत्रा ने देशभर के शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने अपने गुरुजनों को याद करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि “गुरु ही हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं और हमें सही राह दिखाते हैं।”
शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है
भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य शिक्षकों के योगदान को याद करना और उनके महत्व को समाज में रेखांकित करना है।
डॉ. मेहरोत्रा ने कहा कि शिक्षक हमारे जीवन के निर्माण में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। वे सिर्फ ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि हमारे चरित्र और व्यक्तित्व को भी आकार देते हैं। बिना शिक्षक के हम अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकते।
अपने गुरुजनों को किया नमन
शिक्षक दिवस पर डॉ. सुनीता मेहरोत्रा ने अपने जीवन के सभी गुरुजनों को याद किया और उनका नाम लेकर आभार व्यक्त किया। उन्होंने योग में स्वामी रामदेव, श्याम गुप्ता, जयप्रकाश धीमान, हरिओम वर्मा और विमला मालिक का आशीर्वाद याद किया। वहीं शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने डॉ. रीता चौहान, डॉ. आशा उपाध्याय, डॉ. मंजरी शुक्ला, डॉ. कृष्णा बैनर्जी सहित अपने अन्य गुरुओं को नमन किया।
उन्होंने कहा – “मैं हमेशा अपने गुरुओं की शिक्षाओं को जीवन में उतारने की कोशिश करती हूं और उन मूल्यों को अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास करती हूं। शिक्षक केवल किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि वे हमारे जीवन की सच्चाई और मूल्यों को भी समझाते हैं।”
शिक्षकों की भूमिका पर विचार
डॉ. मेहरोत्रा का मानना है कि एक शिक्षक ही असली मार्गदर्शक होता है। वह न केवल पढ़ाई में मदद करता है, बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें मजबूत बनाता है। यही कारण है कि शिक्षक दिवस हर विद्यार्थी के लिए अपने गुरुओं को धन्यवाद कहने का सुनहरा अवसर है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।