Reporter Shravan Kumar Od Jalore
जयपुर ( 10 सितम्बर 2025 ) ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ पर अतिरिक्त मिशन निदेशक डॉ. टी. शुभमंगला की अध्यक्षता में बुधवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज सभागार में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गयी। इस कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य के विषय विशेषज्ञों, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे डवलपमेंट पार्टनर्स के प्रतिनिधियों एवं नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान आत्महत्या रोकथाम से जुड़े मिथक व तथ्य विषय पर तैयार पोस्टर का भी विमोचन किया गया।
अतिरिक्त मिशन निदेशक ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ आदि स्वयं के साथ अन्य हजारों जिंदगिंयों के साथ जुड़े हुए होते हैं। उन्हें चाहिए कि प्रोफेशनल करियर के दौरान रोगियों में मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों को पहचानते हुए उन्हें आवश्यक परामर्श प्रदान करने पर विशेष ध्यान दें। साथ ही स्वयं भी मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा समग्र दृष्टिकोण के साथ निरामय राजस्थान अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान में प्रत्येक माह निर्धारित थीम पर जागरुकता गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि 10 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक शिक्षण संस्थानों यथा स्कूलों, कॉलेजों एवं कोचिंग संस्थानों में आउटरीच एवं आईईसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
डॉ. टी. शुभमंगला ने कहा कि समाज में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के लिये प्रदेश में गेटकीपर कार्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिसके शुरुआती चरण में मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत हताश, निराश और आत्महत्या की सोच रखने वालों को गेटकीपर के रूप में आसानी से प्रभावी मोटिवेटर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने बताया कि टेलीमानस टोल फ्री हेल्पलाइन 14416 अथवा 1800-89-14416 के माध्यम से प्रभावी परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब तक 45 हजार से अधिक कॉल्स पर संबंधित को आवश्यक परामर्श व सहयोग सेवाएं उपलब्ध कराई गयी हैं।


तकनीकी सत्रों में हुआ प्रजेंटेशन
यूनिसेफ के हैल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल अग्रवाल ने जीवनशैली और मानसिक विकारों की वर्तमान स्थिति विषय पर विस्तार से प्रजेंटेशन दिया। मनोचिकित्सा केन्द्र के अधीक्षक डॉ. ललित बत्रा ने आत्महत्या रोकथाम एवं मेडिकल कॉलेज में अनुभव पर विस्तार से चर्चा की।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के एसएनओ डॉ. एसएम स्वामी ने स्ट्रेस एवं मेंटल वेल बीइंग विषय पर प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा तत्काल परामर्श सेवाओं के लिए प्रभावी रूप से टोल फ्री हैल्पलाईन सेवा 14416 या 188-89-14416 का संचालन किया जा रहा है।
मनोचिकित्सा केन्द्र में विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक त्यागी ने मानसिक स्वास्थ्य पर सोशल मीडिया के प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। एसएमएस मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ मोनिका जैन ने भी अपने अनुभव साझा किए।
तकनीकी सत्रों में हुई विशेष चर्चाएं
डॉ. अनिल अग्रवाल (यूनिसेफ हेल्थ स्पेशलिस्ट) ने जीवनशैली और मानसिक विकारों की वर्तमान स्थिति पर प्रजेंटेशन दिया।
डॉ. ललित बत्रा (अधीक्षक, मनोचिकित्सा केंद्र) ने आत्महत्या रोकथाम और मेडिकल कॉलेज में अपने अनुभव साझा किए।
डॉ. एस.एम. स्वामी (एसएनओ, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम) ने स्ट्रेस एवं मानसिक स्वास्थ्य विषय पर विस्तार से जानकारी दी और हेल्पलाइन नंबरों की उपयोगिता बताई।
डॉ. आलोक त्यागी (विभागाध्यक्ष, मनोचिकित्सा केंद्र) ने सोशल मीडिया के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पर चर्चा की।
डॉ. मोनिका जैन (अतिरिक्त प्रधानाचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज) ने भी अपने अनुभव साझा किए।
शिक्षा संस्थानों में जागरूकता अभियान
डॉ. शुभमंगला ने बताया कि 10 सितम्बर से 10 अक्टूबर तक स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में आउटरीच और आईईसी गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं, ताकि युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके।
विशेषज्ञों का मानना है कि आत्महत्या रोकथाम के लिए समाज को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर खुलकर बात करने और जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ परामर्श लेने की दिशा में आगे आना होगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।