Reporter Shravan Kumar Od Jalore
जालोर ( 11 सितंबर 2025 ) ग्राम पंचायत दीगांव की गोचर भूमि को आबादी में बदलने की प्रक्रिया का ग्रामीणों ने विरोध किया है। गुरुवार को ग्रामीणों ने जिला कलक्टर प्रदीप के. गावंडे और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई रोकने की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि गोचर भूमि पर कब्ज़ा और परिवर्तन जारी रहा तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
खसरा नंबर 519 पर विवाद



ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि दीगांव सरहद के खसरा नंबर 463, 495 से 497, 503 से 505, 512, 516 से 519, 521 से 523, 537, 539 से 544, 568, 580 और 581 तक की जमीन जमाबंदी में गैरमुमकिन गोचर दर्ज है। इनमें से खसरा नंबर 519 (रकबा 0.26 हैक्टेयर) को आबादी भूमि में बदलने की प्रक्रिया पंचायत स्तर पर शुरू की जा रही है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस भूमि पर स्थानीय निवासी बाघसिंह पुत्र पूनमाजी पुरोहित ने अवैध कब्ज़ा कर रखा है और वहां फसल उगाकर आमदनी ले रहा है।
रास्ते पर भी अतिक्रमण
तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि खसरा नंबर 512 गांव का आवागमन मार्ग और गोचर भूमि है। यह रास्ता खेतों, मंदिर और ढाणियों तक पहुंचने के लिए उपयोग होता है। यहां भी अवैध कब्ज़े से लोगों की आवाजाही प्रभावित हो रही है।
सामाजिक व्यवस्था पर असर
ग्रामीणों ने चेताया कि यदि गोचर भूमि आबादी में बदल दी गई तो पशुओं के लिए चारागाह की कमी हो जाएगी। इससे गांव की सामाजिक व्यवस्था बिगड़ेगी। ग्रामीणों ने पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर मिलीभगत कर गोचर भूमि को आवासीय प्रयोजन के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया।
कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की कि गोचर भूमि को आबादी में बदलने की कार्रवाई तुरंत रोकी जाए और अवैध कब्ज़े हटाकर भूमि को पूर्ववत गोचर घोषित रखा जाए।


ये रहे मौजूद
ज्ञापन के दौरान हेमाराम चौधरी, अमराराम चौधरी, पूरण सिंह राजपूत, भीख सिंह, शंभू सिंह, जेपाराम चौधरी, सतराराम चौधरी, लाख सिंह नैनसिंह और वीर सिंह सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।