
जालोर:
जिले में आयोजित ‘रूमा देवी संग-महिला सशक्तीकरण संवाद’ कार्यक्रम ने एक नया इतिहास रच दिया। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) और रूमा देवी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में हुए इस आयोजन में सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजीविका की ब्रांड एंबेसेडर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित समाजसेवी डॉ. रूमा देवी ने महिलाओं से सीधा संवाद किया और उन्हें एकजुट होकर उद्यमशीलता अपनाने और आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
“महिलाओं में है उद्योग खड़ा करने की ताकत”
डॉ. रूमा देवी ने कहा—
“आज की महिलाएँ स्वयं सहायता समूह बनाकर, आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए छोटे गाँवों से भी बड़े उद्योग खड़े करने की अद्भुत क्षमता रखती हैं।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि जब महिलाएँ संगठित होकर काम करती हैं, तो वे न केवल अपना जीवन बदलती हैं बल्कि आसपास की अन्य महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करती हैं।
संघर्ष से सफलता तक: प्रेरणादायक कहानियाँ
कार्यक्रम में कई वास्तविक सफलता की कहानियाँ सामने आईं।
- नीतू देवी (बेटला गाँव): नींबू का काम असफल होने पर उन्होंने हार नहीं मानी और घर पर ही ऑर्गेनिक अचार का उद्योग शुरू किया। आज उनके प्रोडक्ट्स जयपुर, हैदराबाद और मुंबई तक बिक रहे हैं।
- ललिता: खींचिया-पापड़ बनाने से शुरुआत की और आज खुद का कैंटीन चला रही हैं।
रूमा देवी फाउंडेशन की कविता कुमारी ने बताया कि इस संवाद में ऐसी कई कहानियाँ सामने आईं जिन्होंने यह साबित किया कि मेहनत और सहयोग से हर महिला अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
“हर महिला को बनना है रूमा देवी”
डॉ. रूमा देवी ने महिलाओं से कहा कि ऐसी कहानियाँ पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
“आज यहाँ मौजूद हर महिला समाज में रूमा देवी बन सकती है—अपने परिवार, समाज और गाँव की महिलाओं के लिए उम्मीद और हिम्मत का स्तंभ।”
इस मौके पर महिलाओं ने भी संकल्प लिया कि वे खुद को और दूसरों को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देंगी।
महिला उद्यमियों की प्रदर्शनी
कार्यक्रम में महिला समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।
“राज सखी” ब्रांड के तहत तैयार खाद्य उत्पाद, वस्त्र और घरेलू उपयोग की वस्तुएँ खास आकर्षण का केंद्र रहीं।
अतिथियों ने बढ़ाया हौसला
आयोजन में आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने आहोर विधानसभा क्षेत्र के सभी क्लस्टर कार्यालय निर्माण की स्वीकृति दी।
साथ ही डीपीएम अशोक कुमार विश्नोई, वित्त प्रबंधक लाल सिंह पुरोहित सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
सभी अतिथियों ने कहा कि इस तरह के मंच से हजारों महिलाओं को वास्तविक उदाहरणों के जरिए आत्मनिर्भरता की राह पर चलने का हौसला और मार्गदर्शन मिलता है।
महिलाओं की बड़ी भागीदारी
इस संवाद में 500 से अधिक महिलाओं ने रोजगार, उद्यमिता और सामाजिक जागरूकता से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा की।
यह कार्यक्रम साबित करता है कि आज की महिलाएँ सिर्फ घर-परिवार तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था में बदलाव की मज़बूत कड़ी बन चुकी हैं।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।