पत्रकार माणकमल भंडारी भीनमाल
भीनमाल ( 20 सितंबर 2025 ) BHINMAL NEWS शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ आश्विन मास शुक्ल प्रतिपदा 22 सितम्बर सोमवार से हो रहा है ।

इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ में प्रतिवर्ष की भांति सामूहिक साधना अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। गायत्री परिवार के महेश व्यास ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन प्रातः 5:30 बजे से देव पूजन, ध्यान, आरती, मंत्र-जप एवं सामूहिक यज्ञ का आयोजन होगा। परिजनों को आह्वान किया गया है कि शताब्दी वर्ष को सफल बनाने हेतु प्रत्येक साधक चौबीस हजार गायत्री मंत्रों का अनुष्ठान करें। प्रतिदिन 27 माला जप के साथ साधना को पूर्ण किया जा सकता है ।
उन्होंने बताया कि साधना से सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं जो लोककल्याण व आत्मकल्याण के कार्य में सहायक होती हैं। इससे घर-परिवार में सुख-शांति का वातावरण निर्मित होता है और साधक को नई ऊर्जा की प्राप्ति होती है। यह साधना एक प्रकार से आत्मिक “बैटरी रिचार्ज” करने का कार्य करती है
।अनुष्ठान का समापन विजयादशमी 2 अक्टूबर को नौ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, कन्या पूजन एवं कन्या भोजन के साथ होगा। इस अवसर पर समस्त साधकों व परिजनों के लिए भोजन प्रसाद की विशेष व्यवस्था भी रहेगी।
Shardiya Navratri 2025: 21 या 22 सितंबर? जानें कब शुरू होंगी शारदीय नवरात्रि, यहां पढ़ें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
नवरात्र वर्ष में चार बार माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन महीने में पड़ती है. चैत्र वाली नवरात्र को वासंतिक नवरात्र और आश्विन वाली नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है. इनमें से शारदीय नवरात्र को सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण माना जाता है. इस साल शारदीय नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार से हो रही है. 1 अक्टूबर को महानवमी के साथ समापन किया जाएगा.
इस दौरान नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना होगी और पूरे देश में भक्ति और आस्था का वातावरण छाया रहेगा. नवरात्र के दिनों में वातावरण में सकारात्मकता का संचार होता है. यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी बेहद खास माना जाता है. मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से बुराइयों का नाश होता है, जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं.
इस साल कब शुरू होंगी नवरात्र?
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को रात 1 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 23 सितंबर को रात 2 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के आधार पर इस वर्ष शारदीय नवरात्र 22 सितंबर, सोमवार से ही मनाई जाएगी. अष्टमी तिथि 30 सितंबर को और महानवमी 1 अक्टूबर को होगी.
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, शारदीय नवरात्र 2025 में घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक रहेगा. इस दौरान कुल 1 घंटा 56 मिनट का समय विशेष रूप से कलश स्थापना के लिए उत्तम है. अगर कोई भक्त इस समय कलश स्थापना नहीं कर पाता है तो वह अभिजीत मुहूर्त में भी यह कर सकता है, जो सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा.
नवरात्र का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
नवरात्र को शक्ति की उपासना का पर्व कहा जाता है. मान्यता है कि इस संसार की सारी शक्ति नारी स्वरूप में विद्यमान है, इसलिए नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा की आराधना की जाती है. इन नौ दिनों में मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है. प्रत्येक स्वरूप से अलग-अलग वरदान और आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।