पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जालौर ( 23 सितंबर 2025 ) जालोर शहर में हाईफा हीरो मेजर दलपत सिंह देवली 107 के बलिदान दिवस के अवसर पर जिला रावणा राजपूत महासभा एवं युवा महासभा के संयुक्त तत्वावधान में मलकेश्वर मठ प्रांगण में विशाल रावणा राजपूत समाज का सामाजिक सम्मेलन आयोजित हुआ।
जिसको राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वर्चुअल संबोधित करते हुए मेजर दलपतसिंह देवली को नमन किया । बाद में जालोर के मुख्य मार्गो पर ऐतिहासिक शोभा यात्रा निकाली गयी।




जिसमें लगभग प्रदेश भर से एवं देश के प्रवासी बन्धुओं शिरकत की। जिसमें हजारों लोगो ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जिला रावणा राजपूत महासभा के अध्यक्ष राजुसिंह राजपुरा , युवा अध्यक्ष श्रवणसिंह सिसोदिया एवं कार्यक्रम संयोजक गजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने बताया कि कार्यक्रम सांसद लुंबाराम सहित समस्त अथितियो ने मेजर दलपसिंह देवली की तस्वीर पर पुष्पांजली अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया ।
वीरता की गाथा और प्रेरणा
कार्यक्रम में अतिथियो , दानदाताओ, सहयोगियो व कार्यक्रताओ का शाॅल दुपट्टा व साफा पहना कर स्वागत किया। मुुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 1914 से 1918 के बीच प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इजराइल के हाइफा शहर पर तुर्की और जर्मन सैनिकों का कब्जा था। उस समय भारत देश पर अंग्रेजों का राज था इसलिएः अंग्रेजी सेना में भारतीय सैनिकों को भी युद्ध लड़ने जाना पड़ता था। एक टुकड़ी ने तुर्की और जर्मन की बंदूकों व गोला बारूद का मुकाबला तलवार और भाले से करते हुए 23 सितंबर 1918 ई. को मेजर ठाकुर दलपत सिंह देवली ने हाइफा शहर को आजाद करा लिया।
इस विजय के बाद मेजर दलपत सिंह को हीरो ऑफ हाइफा कहा गया। इनकी बहादुरी को देखते हुए अंग्रेज सरकार ने उन्हें मरणोपरांत ‘‘विक्टोरिया क्रॉस मेडल’’ व ‘‘मिलिट्री क्रॉस’’ से सम्मानित किया। महज 26 वर्ष की उम्र में अद्वितीय बलिदान देने वाले मेजर दलपत सिंह के प्रति केवल राजस्थान के लोग अथवा रावणा राजपूत समाज के लोग ही नहीं बल्कि सुदूर इजराइल के लोग भी आदर सम्मान और कृतज्ञता का भाव रखते हैं। इसके अलावा लंदन की रॉयल गैलरी में भी उनकी मूर्ति लगी है। हाईफा का युद्ध मानव इतिहास का सबसे बड़े युद्ध में से एक रूप में याद किया जाता है।
इतिहास में यह अंतिम घटना है जहाँ भाले व तलवारों से सज्जित घोडो़ं पर सवार व पैदल सैनिकों ने कोई प्रमुख लड़ाई लड़ी और जीती। हाईफा का युध्द भारतीय इतिहास का एक स्वार्णिम अध्याय है जो हर भारतीय बालक व युवाओं को पे्ररित कर सकता है। उन्होने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अदम्य साहस और हौसले का परिचय देने वाले मेजर दलपत सिंह देवली इजराइल जाकर नमन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम से माहौल हुआ देशभक्ति से ओतप्रोत



अन्तर्राष्ट्रीय गायक छोटुसिंह रावणा ने क्षत्रिय उनका धर्म…………. एवं बोली-बोली तलवारे बोली गाकर लोगो को झुमने के लिए मजबुर कर दिया। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के विभाग प्रचारक संजीव कुमार व प्रान्त कार्यवाहक खीमाराम सुथार ने संबोधित करते राष्ट्र के प्रति समर्पण भाग जागृत करने का आह्वान किया। मुख्य सचेतक राजस्थान विधानसभा जोगेश्वर गर्ग ने रावणा राजपुत समाज की मांगो का समर्थन हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।
विधायक जोगेश्वर गर्ग साहब बोले साथ में हुआ


जालौर – सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने बोलें
सांसद लुंबाराम चैधरी ने जालोर सिरोही में सांसद कोटे से मेजर दलपतसिंह देवली मुर्ति लगाने की घोषणा की । और दलपतसिंह ने भारत का नाम इजरायल में जाकर रोशन किया, मैंने इजरायल दौरे के दौरान उस जगह जाकर दलपतसिंह को नमन किया था उन्होंने कहा कि समाज को मेरी जहां जरूरत है मैं साथ चलने को तैयार हूँ। सांसद चौधरी ने समाजबन्धुओं को फैशन व व्यसन से दूर रहने की सलाह दी।
प्रशासनिक और धार्मिक प्रतिनिधियों की मौजूदगी
आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित , जिला प्रमुख राजेश कुमार राणा , पुर्व विधायक रानीवाड़ा नारायणसिंह देवल ,, भाजपा जिलाध्यक्ष जसराज राजपुरोहित, राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रमसिंह भाटी , प्रदेश अध्यक्ष रणजीतसिंह सोडाला , आनंद परिवार के मंजीतसिंह सांवराद , प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता गजेन्द्रसिंह सांखला , रामदेवरा धर्मषाला अध्यक्ष ईश्वर सिंह जसोल, जैसलमेर कांग्रेस अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर , सिरोही अध्यक्ष करणसिंह चैहान , कार्यक्रम संयोजक गजेन्द्रसिंह सिसोदिया , पाली से मूलसिंह गहलोेत, अजमेर अध्यक्ष शंकरसिंह राठौड ,
ओबीसी संघर्ष समिति के प्रदेष अध्यक्ष रणवीरसिंह बिरलोका , अन्तराष्टीय गायक छोटुसिंह रावणा, राष्टीय महामंत्री मदनसिंह राठौड, व अंतराष्टीय खेल प्रशासक दलपतसिंह आर्य ने संबोधित करते समाज की आवश्यकताओं पर प्रकाश डालते हुए वैचारिक , सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक कान्ति लाने का आहवान किया।
कार्यक्रम में प्रारम्भ में जिला अध्यक्ष राजुसिंह राजपुरा व युवा अध्यक्ष श्रवणसिह स्वागत भाषण देते हुए समाज की मांगो पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक एकता पर बल दिया। कार्यक्रम के अन्त में संयोजक गजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने आभार जताया। संचालक राजेन्द्रसिंह नारलाई एवं आशा कँवर भाटी ने संयुक्त रुप से सुन्दर संचालन किया। कार्यक्रम को लेकर रावणा राजपूूत समाज में भारी उत्साह देखा गया।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर जालोर डाॅ. प्रदीप गंवाडे, पुलिस अधीक्षक जालोर शेलैन्द्रसिंह इन्दौलिया, अधिकारी , पीपलेश्वर महादेव मठ लेटा के महंत रणछोड भारती महाराज, महामण्डलेश्वरों संतोष भारती महाराज , पापकटनजी लेहर भारतीजी , नीलकंठ महादेव मंदिर जनकपुरी महाराज, भैरुनाथ अखाडे के प्रतिनिधि सागर नाथ महाराज के साथ विभिन्न प्रांतो से सहित रावणा राजपूत सहित बडी संख्या में महिलाए उपस्थित थी।
ऐतिहासिक शोभायात्रा से गूंजा जालोर
सम्मेलन के बाद विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जो मलकेश्वर मठ से होते हुए कालिका कॉलोनी, सूरजपोल, हॉस्पिटल चौराहा, हरदेव जोशी सर्कल, तिलक द्वार, गौरव पथ, बड़ी पोल, भक्ति प्रहलाद चौक, पंचायत समिति, बागोड़ा रोड, वन वे, नगर परिषद के सामने, राजेंद्र नगर से गुजरकर पुनः मलकेश्वर मठ पहुंची।






इस शोभायात्रा में ऊंट गाड़ियां, ट्रैक्टर पर मेजर साहब का विशाल कट-आउट, कार, जीप, स्कॉर्पियो गाड़ियां शामिल रही। हाथों में भगवा ध्वज थामे बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं और युवा पूरे जोश से “मेजर साहब अमर रहें” और “जय जय राजपूताना” के जयघोष करते चल रहे थे। आगे-आगे डीजे पर देशभक्ति के गीतों की गूंज माहौल को और रोमांचक बना रही थी।
समाज में दिखा उत्साह
कार्यक्रम और शोभायात्रा को लेकर रावणा राजपूत समाज ही नहीं, बल्कि पूरे जालोर शहर में उत्साह और जोश का माहौल रहा। हजारों लोग इस अवसर पर शामिल हुए और मेजर दलपत सिंह देवली के शौर्य को नमन किया ।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।