
जालोर, 10 जुलाई।
Guru Purnima in Jalore का पर्व इस वर्ष जिले में भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति का अद्भुत संगम लेकर आया। सुबह से ही मंदिरों और मठों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। Sire Temple Jalore, Bhairunath Akhada समेत कई पवित्र स्थलों पर Spiritual Gathering का नजारा देखने लायक था।
मुख्यमंत्री का Message पहुँचा Bhairunath Akhada
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग Bhairunath Akhada पहुँचे और वहां मौजूद Mahant Ganganath Maharaj को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का विशेष Guru Vandan Message सौंपा।
मुख्यमंत्री के संदेश में Guru Tradition, भारतीय संस्कृति में गुरु की भूमिका और चरित्र निर्माण में उनके योगदान की प्रशंसा की गई। यह संदेश पढ़े जाते समय श्रद्धालुओं ने जयकारों से वातावरण को गुंजा दिया।
Sire Temple Jalore में जलंधरनाथ महादेव और शांतिनाथ महाराज के दर्शन को उमड़े भक्त
कन्यागिरी पर्वत पर स्थित Sire Temple Jalore में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। Jalandhar Nath Mahadev और Guru Sant Shantinath Maharaj के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगीं। कीर्तन मंडलियों की आवाज और दीपों की रोशनी ने पूरे मंदिर परिसर को spiritual aura से भर दिया।
जिलेभर में Guru Discourses और पूजा-अर्चना का आयोजन
Guru Discourses in Rajasthan के तहत जालोर जिले के प्रमुख मठों और आश्रमों में विशेष प्रवचन सभाएं और गुरु पूजन आयोजित किया गया।
- Bhairunath Akhada – महंत गंगानाथ महाराज द्वारा गुरु के महत्व पर विशेष प्रवचन।
- Haldeshwar Math – मोहननाथ महाराज ने गुरु-शिष्य संबंध की गहराई बताई।
- Pipleshwar Math – रछोड़ भारती महाराज ने गुरु सेवा को परम धर्म बताया।
- Jagannath Math – महंत महेन्द्र भारती ने तप और ज्ञान पर बल दिया।
- Malkeshwar Math – सेवा भारती महाराज ने आत्मज्ञान की ओर प्रेरित किया।
मठों को flags, lights और flowers से सजाया गया था। भक्तों ने Guru Worship कर ज्ञान व सेवा की शिक्षाएं ग्रहण कीं।
Guru Bhakti से गूंजा Jalore, निकाली गई प्रभात फेरी
शहर में “गुरु बिना ज्ञान नहीं”, “जय शांतिनाथ महाराज”, जैसे नारों के साथ प्रभात फेरी निकाली गई। भक्तों ने कीर्तन, भजन, कथा व Langar Prasad का आयोजन कर social unity का परिचय दिया।
युवाओं और बच्चों ने दिखाई विशेष भागीदारी
इस बार की Guru Purnima in Jalore की एक खास बात यह रही कि नई पीढ़ी – बच्चों और युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
विद्यालयों में Guru Vandana Assemblies हुईं, जहाँ छात्रों ने शिक्षकों और आध्यात्मिक गुरुओं को नमन कर आशीर्वाद लिया।
Jalore की भूमि: गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत मिसाल
यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि spiritual awakening, cultural bonding और moral education का प्रतीक बन गया है। Guru Purnima in Rajasthan ने यह सिद्ध कर दिया कि जालोर केवल वीरों की नहीं, संतों की भी तपोभूमि रही है।
संत-भक्तों की उपस्थिति बनी आयोजन की विशेष पहचान
इस धार्मिक अवसर पर जिले के अनेक प्रमुख सामाजिक व राजनीतिक व्यक्तित्व भी उपस्थित रहे।
पूर्व विधायक रामलाल मेघवाल, रवि सोलंकी, महेश भट्ट, ओबाराम देवासी, अशोक गुर्जर, रमेश मेघवाल, रतन सुथार,
दिनेश बारोट, डिम्पलसिंह, प्रकाश खत्री, दशरथसिंह भाटी, नाथु सोलंकी, पारस परमार, भंवर प्रजापत,
तथा श्रवण कुमार ओड़ सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और भक्तजन मौजूद रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।