
भीनमाल। ( माणकमल भंडारी )
शहर के स्थानीय आर्य समाज मंदिर में इस सप्ताह विशेष वैदिक यज्ञ और सत्संग का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में नगरवासियों ने बड़ी संख्या में भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और श्रद्धा भाव से आहुति दी।
आर्य समाज के प्रधान भंवरलाल जीनगर ने जानकारी दी कि यह आयोजन आर्य समाज राजस्थान के प्रदेश उपाध्यक्ष राव विक्रमसिंह आर्य की विशेष उपस्थिति में संपन्न हुआ। यज्ञ के मुख्य यजमान श्रीराम वैष्णव बने, जबकि वैदिक रीति से यज्ञ का संपादन प्रवीणकुमार छीपा ने करवाया।
सत्संग के दौरान राव विक्रमसिंह आर्य ने महर्षि दयानंद सरस्वती के जीवन की एक प्रेरणादायी घटना साझा की और बताया कि आज के समय में समाज और खासकर युवाओं को वैदिक संस्कृति से जोड़ना क्यों जरूरी है। उन्होंने युवाओं को बड़ी संख्या में आर्य समाज आंदोलन से जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि यही सच्चे राष्ट्रनिर्माण का मार्ग है।
संगीतमय प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी भावपूर्ण बना दिया। प्रवीण छीपा ने “मेरी मां शेरों वाली है” गीत की शानदार प्रस्तुति दी, जिस पर उपस्थित लोगों ने भाव-विभोर होकर तालियां बजाईं।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि इस आयोजन में शहर के कई गणमान्य नागरिक और आर्य समाज के बंधु शामिल हुए। इनमें भंवरलाल जीनगर, शंकरलाल फुलवरिया, श्रीराम वैष्णव, संपतलाल सोनी, सोमताराम माली, हरिराम जीनगर, भैरूसिंह भाटी, इंद्रसिंह आर्य, जितेंद्र सोनी, हीराराम मेघवाल, प्रवीण छीपा, जितेंद्र फुलवरिया, रमेश माली, रमेश फुलवरिया, राहुल बंजारा, रोहित मेघवाल, अक्षय बंजारा, शिवम् सरगरा और वासु बंजारा सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
इस कार्यक्रम ने न सिर्फ वैदिक संस्कृति की महिमा को उजागर किया, बल्कि समाज में सत्यार्थ प्रकाश की भूमिका, आर्य समाज के सिद्धांतों और दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को भी लोगों के बीच जीवंत किया।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।