
भीनमाल। ( माणकमल भंडारी )
आध्यात्मिक चेतना की प्रेरणास्रोत और राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि की 18वीं पुण्यतिथि एवं विश्व बंधुत्व दिवस पर रविवार को भीनमाल में खास आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रभु वरदान ब्रह्माकुमारीज़ राजयोग केंद्र की ओर से विशाल रक्तदान शिविर रखा गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग जुटे। इस पूरे आयोजन को दादी प्रकाशमणि की दिव्य स्मृति और सेवा के रूप में समर्पित किया गया।
मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। भावनाओं से भरे इस अवसर पर बी. के. गीता बहन ने कहा— “जीवन वही सार्थक है जो दूसरों के काम आए। आपकी एक मुस्कान कई ज़िंदगियों की उम्मीद बन सकती है। सेवा और प्रेम ही असली विश्व बंधुत्व का मार्ग है।”
इसी बीच मरुधरा ब्लड बैंक के रवि दवे ने रक्तदान के महत्व को समझाते हुए कहा कि “एक स्वस्थ व्यक्ति साल में तीन बार रक्तदान कर सकता है और हर बार कम से कम तीन ज़िंदगियां बचा सकता है।”
युवाओं और समाजसेवियों ने बढ़-चढ़कर किया रक्तदान
इस रक्तदान शिविर में नगर के कई जागरूक नागरिकों, युवाओं और सेवाभावी भाई-बहनों ने बड़ी उत्सुकता से भाग लिया। रक्तदान करने वालों में नरेंद्र आचार्य, मीठालाल जांगिड़, संदीप देसाई, सतीश सैन, मुकेश सोलंकी, ओकेश बॉस, उत्तमकुमार, बीके राधा दीदी, नवरत्न अग्रवाल, विक्रम जीत, नरेंद्र भाई, पारस भाई पारंगी, श्रवण घांची, अर्जुन भजवाड़, नारायण जीनगर, वजाराम सहित कई सेवाभावी आत्माओं ने योगदान दिया।
“सेवा को संस्कार बनाना ज़रूरी”
नागरिक कल्याण मंच के अध्यक्ष माणकमल भंडारी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समाज में जीवन मूल्यों को मजबूत बनाते हैं और सेवा को एक संस्कार का रूप देते हैं।
कार्यक्रम के अंत में लक्ष्मण भजवाड़ ने सभी रक्तदाताओं, अतिथियों, वॉलंटियर्स और मरुधरा ब्लड बैंक का तहेदिल से आभार जताया।
यह आयोजन सिर्फ दादी प्रकाशमणि को श्रद्धांजलि नहीं रहा, बल्कि मानवता की सेवा और समर्पण का एक जीवंत उदाहरण भी बन गया।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।