ओबीसी की जाति आधारित जनगणना और क्रिमिलेयर हटाने की उठी मांग, रावणा राजपूत महासभा ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
जयपुर ( 24 अगस्त 2025 ) आगामी राष्ट्रीय जनगणना से पहले अखिल राजस्थान रावणा राजपूत महासभा ने जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान बड़ी मांग उठाई। महासभा ने स्पष्ट कहा कि ओबीसी वर्ग की अलग से जाति आधारित जनगणना कराई जाए और क्रिमिलेयर को समाप्त किया जाए।



महासभा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा ने बताया कि ब्रिटिश शासन के दौरान 1872 से लेकर 1931 तक नियमित रूप से जाति आधारित जनगणना होती थी, लेकिन स्वतंत्रता के बाद से केवल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की ही गिनती जारी रही। आखिरी बार 2011 में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) हुई थी, मगर उसका डेटा अब तक पूरी तरह सार्वजनिक नहीं किया गया।
रावणा ने कहा कि –
“संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत जैसे अनुसूचित जाति व जनजाति को आबादी के अनुपात में आरक्षण मिला है, वैसे ही ओबीसी वर्ग को भी मिलना चाहिए। जब सामान्य वर्ग के लिए EWS आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण और घूमन्तु जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है, तो ओबीसी को क्यों क्रिमिलेयर की बेड़ियों में बांधा गया है? हमारी मांग है कि अनुच्छेद 340 का विस्तार कर नीतिगत रूप से पिछड़े वर्गों को उनकी वास्तविक आबादी के अनुसार बिना क्रिमिलेयर के आरक्षण मिले।”
महासभा के संस्थापक जसवंत सिंह सोलंकी ने कहा कि जातिगत जनगणना से सामाजिक और आर्थिक असमानताओं का सही आकलन संभव होगा। इससे शिक्षा, रोजगार, आय और संपत्ति के वितरण में असमानताओं का विश्लेषण कर लक्षित नीतियां बनाई जा सकेंगी, संसाधनों का उचित आवंटन होगा और कमजोर वर्गों को सामाजिक न्याय मिल सकेगा।
ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा गया
बैठक के दौरान प्रदेशभर से आए प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि आगामी राष्ट्रीय जनगणना में अपनी जाति रावणा राजपूत और वर्ग कॉलम में ओबीसी लिखवाया जाए। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ईमेल के जरिए दो ज्ञापन प्रेषित किए गए –
- ओबीसी की जाति आधारित अलग से जनगणना कराने की मांग।
- क्रिमिलेयर हटाने की मांग।
बड़ी संख्या में प्रतिनिधि शामिल
इस प्रेस वार्ता में प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र रावणा, युवा प्रदेश अध्यक्ष शंकर सिंह भाटी, संस्थापक जसवंत सिंह सोलंकी सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी और प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें –
जयपुर ग्रामीण से महावीर सिंह सिंघावत, उमराव सिंह मोरडा, मोहन सिंह चौहान, सांगानेर से चेन सिंह सिसोदिया, अजमेर से विभा सिंह राठौड़, राजवीर मझेवला, बांसवाड़ा से नरेन्द्र सिंह चावड़ा, भीलवाड़ा से विजय सिंह पंवार, हिम्मत सिंह सोलंकी, जोधपुर से रामलीलावती भाटी, शंकर सिंह भाटी, नागौर से मनोहर सिंह, सवाई माधोपुर से राधेश्याम गहलोत, शिवराज सिंह तंवर, टोंक से सुमेर सिंह जी, राम सिंह राजावत, उदयपुर से ओम प्रकाश सोलंकी सहित अन्य जिलों के 100 से ज्यादा प्रतिनिधि मौजूद रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।
समाज के लिए बहुत ही अच्छा कार्य है हुकुम ।
में सहमत हूँ ।