Department of Self Government, Rajasthan, Jaipur : राजस्थान में शहरी निकाय चुनाव को लेकर सरकार और निर्वाचन आयोग के बीच खींचतान चल रही है। आयोग की ओर से 49 निकायों में चुनावी की तैयारियां शुरू करने के बाद अब स्वायत्त शासन विभाग (डीएलबी) सक्रिय हो गया है। निर्वाचन आयोग को पत्र लिखने की तैयारी है, जिसमें ‘एक राज्य-एक चुनाव’ के तहत हुई तैयारियों की जानकारी दी जाएगी और परिसीमन-पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होने के बाद ही मतदाता सूची तैयार करने के लिए कहेंगे।
आयोग अडिग- समय सीमा में चुनाव कराना जरूरी
राज्य सरकार का कहना है कि परिसीमन और वार्ड पुनर्गठन प्रस्ताव तैयार हो चुके हैं। इसमें मतदाता और वार्डों की स्थितियां बदल चुकी हैं। ऐसे में मौजूदा स्थितियों में मतदाता सूची तैयार करने का मतलब नहीं रह जाता है। अब केवल अधिसूचना जारी होनी है। ऐसे में मतदाता सूची तैयार करने का काम भी उसी अनुरूप करने की जरूरत है। उधर, आयोग पहले ही साफ कर चुका है कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार समय सीमा में चुनाव कराना जरूरी है।
इन जिलों में ये हैं 49 शहरी निकाय
1- ब्यावर-ब्यावर नगर परिषद
2- अजमेर-पुष्कर व नसीराबाद नगर परिषद
3- टोंक-टोंक नगर परिषद
4- डीडवाना-कुचामनसिटी- डीडवाना व मकराना नगर परिषद
5- बीकानेर-बीकानेर नगर निगम
6- चूरू-चूरू नगर परिषद व राजगढ़ नगर पालिका
7- श्रीगंगानगर-श्रीगंगानगर नगर परिषद व सूरतगढ़ नगरपालिका
8- हनुमानगढ-हनुमानगढ़ नपा
9- अलवर-अलवर नगर निगम, भिवाडी़ नगर परिषद, थानागाजी व महुआ नगर पालिका
10- सीकर-सीकर नगर परिषद, नीमकाथाना व खाटूश्यामजी नगर पालिका
11- झुंझुनूं-झुंझुनूं नगर परिषद, बिसाऊ व पिलानी नगर पालिका
12- फलौदी-फलौदी नगर परिषद
13- जैसलमेर-जैसलमेर नपा
14- बाड़मेर-बाड़मेर नगर परिषद
15- बालोतरा-बालोतरा नगर परिषद
16- सिरोही-सिरोही नगर परिषद, माउंटआबू-पिंडवाडा व शिवगंज नगर पालिका
17- पाली-पाली नगर निगम, सुमेरपुर नगर परिषद
18- जालौर-जालौर नगर परिषद व भीनमाल नगर पालिका
19- कोटा-कैथून व सांगोद
20- बारां-छबड़ा व मांगरोल नगर पालिका
21- भरतपुर-भरतपुर नगर निगम, रूपवास नगर पालिका (नवगठित)
22- उदयपुर-उदयपुर नगर निगम, कानोड़ नगर पालिका
23- बांसवाडा-बांसवाडा़ नगर परिषद, प्रतापुरगढ़ी नगरपालिका
24- चित्तौड़गढ़-निम्बाहेडा़ नगर परिषद व रावतभाटा नगर पालिका
25- राजसमंद-नाथद्वारा व आमेट नगरपालिका।
राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप
सत्ता पक्ष के लिए परिसीमन बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि वार्ड सीमाओं में बदलाव से स्थानीय समीकरण प्रभावित होंगे। विपक्ष पहले ही आरोप लगा रहा है कि सरकार जानबूझकर चुनाव टालकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है। दूसरी ओर, सत्ता पक्ष का कहना है कि नया परिसीमन जनता के हित में है और इससे प्रतिनिधित्व ज्यादा न्यायसंगत होगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।