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बालकों में कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व और अनुशासन का निर्माण करती है स्काउटिंग – सीडीईओ मीणा

By Shravan Kumar Oad

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Reporter Shravan Kumar Od Jalore

सुंधा माता में स्काउट मास्टर बेसिक एडवांस कोर्स का भव्य समापन

जालौर ( 15 सितंबर 2025 ) राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड जिला मुख्यालय जालोर के तत्वावधान में आयोजित कब/स्काउट मास्टर बेसिक एडवांस कोर्स का समापन सोमवार को सुंधा माता मंदिर परिसर में सर्वधर्म प्रार्थना, खुली वार्ता और ध्वजावतरण कार्यक्रम के साथ हुआ। यह प्रशिक्षण शिविर 9 से 15 सितम्बर 2025 तक चला, जिसमें जिलेभर से आए शिक्षकों को स्काउटिंग के विभिन्न आयामों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

शिक्षकों को मिला गहन प्रशिक्षण

सी.ओ. स्काउट सवाईसिंह राठौड़ ने बताया कि शिविर में प्रतिभागी शिक्षकों को स्काउटिंग की आधारभूत और उन्नत जानकारियों से अवगत कराया गया। इसमें ध्वज शिष्टाचार, नियम-प्रतिज्ञा, स्काउट प्रार्थना, झंडा गीत, स्काउट इतिहास, गांठें व बन्धन, प्राथमिक चिकित्सा, संगठन की संरचना, स्काउट पोशाक, कैम्प क्राफ्ट और एक्टिविटी सॉन्ग शामिल रहे। साथ ही जीवनोपयोगी शिक्षा के अंतर्गत वनविधा और फर्स्ट एड जैसे आवश्यक विषयों पर भी विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

सुबह से रात तक अनुशासन और गतिविधियां

प्रशिक्षक दल के दक्ष प्रशिक्षक अनिल कुमार शर्मा, नानालाल अहारी, ललित बरंडा, रमेश दवे, प्रकाशचंद, दलपतसिंह जोधा, लादुराम, हजारीमल माली, महेंद्र कुमार भाटी, विरेंद्रसिंह व शंभुसिंह ने सुबह 5:30 बजे से लेकर रात 10 बजे तक शिक्षकों को व्यायाम, बी.पी. सिक्स, टोली विधि, संगठन, हाईक और विभिन्न गतिविधियों से प्रशिक्षित किया।

अधिकारियों ने किया निरीक्षण, दी प्रेरणा

शिविर स्थल पर पहुंचे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश कुमार मीणा और मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रानीवाड़ा मंजु प्रतिभा ने प्रशिक्षण की जानकारी ली और शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया।


सीडीईओ मीणा ने कहा –


👉 “स्काउटिंग बालकों में देशभक्ति, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तित्व का निर्माण करती है। प्रशिक्षित शिक्षक अपने विद्यालयों में जाकर कब व स्काउट यूनिट का गठन कर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करें।”

भजन संध्या और सर्वधर्म प्रार्थना बनी विशेष आकर्षण

शिविर के दौरान मंदिर प्रांगण में सभी टोलियों द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसकी सराहना मंदिर प्रभारी जितेंद्र सिंह राठौड़ ने की। समापन दिवस पर सर्वधर्म प्रार्थना और खुली वार्ता ने शिविर को विशेष गरिमा प्रदान की।।


📌 यह सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर न केवल शिक्षकों के लिए एक अनुशासित अनुभव साबित हुआ बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण के लिए भी नई दिशा प्रदान करने वाला रहा।

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