
जालोर:
आर्य समाज जालोर और आर्य वीर दल की ओर से आयोजित श्रावणी उपक्रम और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम रविवार को धूमधाम से मनाया गया। आयोजन स्थल आर्य वीरम व्यायामशाला परिसर में वैदिक भजनों और प्रवचनों से माहौल भक्तिमय हो उठा।
जब गूंजे वैदिक भजन और प्रेरक उपदेश
कार्यक्रम में बिजनौर (उत्तर प्रदेश) से आए प्रसिद्ध भजनोदेशक और वैदिक विद्वान टीकम सिंह आर्य ‘मधुर’ ने अपनी ओजस्वी वाणी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
उन्होंने कहा कि –
👉 “आज राष्ट्र में जो नैतिक पतन दिख रहा है, उसका कारण यही है कि हमने वेदों की राह छोड़ दी है।”
उन्होंने समझाया कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और योगीराज श्रीकृष्ण दोनों ही वेदों के अनुयायी थे, और वे ही कारण हैं कि आज वे महानायक कहलाते हैं।
राम और कृष्ण के जीवन से सीख
विद्वान टीकम सिंह आर्य ने कहा –
- श्रीकृष्ण ने कंस और जरासंध जैसे दुष्टों का वध किया, लेकिन सत्ता हमेशा योग्य लोगों को सौंपी।
- भगवान श्रीराम ने रावण और बाली का वध करने के बाद भी उनके परिजनों को ही राज्य का उत्तराधिकारी बनाया।
उन्होंने कहा कि “यह हमारी वैदिक संस्कृति का सबसे बड़ा आदर्श है कि युद्ध जीतने के बाद भी राज्य पर कब्जा नहीं किया, बल्कि न्याय और मर्यादा को बनाए रखा।”
स्वतंत्रता संग्राम और महर्षि दयानंद का योगदान
भजनोदेशक ने अपने उपदेश में महर्षि दयानंद सरस्वती का भी उल्लेख किया और कहा –
👉 “देश की आजादी इतनी सस्ती नहीं मिली है। 7 लाख 32 हजार से ज्यादा बलिदानों के बाद स्वतंत्रता आई है। इसे व्यर्थ मत जाने दो।”
उन्होंने बताया कि दयानंद सरस्वती से प्रेरित होकर लाखों लोगों ने आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारी मार्ग चुना और भारत को स्वतंत्र कराने में अहम भूमिका निभाई।
भजनों ने बांधा समां
टीकम सिंह आर्य ने अपनी मधुर आवाज़ में “मेरे ईश्वर हे जगदीश”, “महिमा तेरी निराली”, “प्रभु मेरे जीवन को पावन बना दो” जैसे कई भजन प्रस्तुत किए।
इन भजनों ने श्रोताओं को न केवल भावविभोर किया बल्कि उन्हें ईश्वरभक्ति, सदाचार और राष्ट्रप्रेम की राह पर चलने की प्रेरणा भी दी।
अतिथियों और प्रतिभाओं का सम्मान
इस अवसर पर अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र, शॉल और साफा पहनाकर किया गया।
दानदाताओं – नाथूराम चौधरी, शक्ति सिंह, पेमी देवी, लालबाबू तिवारी, चंद्रशेखर शर्मा, जितेंद्र मेघवाल, उत्तम चौधरी, जितेंद्र खत्री, कमल कुमार, महेंद्र बेरवा – का सम्मान हुआ।
साथ ही,
🏅 अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता वुशू खिलाड़ी सुनीता चौधरी,
🏅 राष्ट्रीय पदक विजेता मयंक भादरु और
🏅 खिलाड़ी काव्य गुप्ता को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
कार्यक्रम में अध्यक्ष कृष्ण कुमार, आर्य समाज के प्रधान दलपत सिंह आर्य, आर्य वीर दल राजस्थान के अधिष्ठाता विनोद आर्य, संचालक प्रशांत सिंह, संगठन मंत्री कांतिलाल आर्य, पूर्व पार्षद जगदीश आर्य और भरत कुमार, अंबिका प्रसाद तिवारी, कन्हैयालाल मिश्रा, आलोक सोनी और बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।
यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि इसने समाज को वेदों की राह, नैतिकता, राष्ट्रभक्ति और सांस्कृतिक एकता का संदेश भी दिया।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।