
जालोर।
जिले में फुटबॉल खिलाड़ियों के चयन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। शिवसेना यूटीबी जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित के नेतृत्व में शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गवांडे को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें चयन प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी और पक्षपात के आरोप लगाए गए।

क्या है मामला?
1 सितम्बर से ग्राम जोड़ा (आहोर) में जिला स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। इसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए 22 खिलाड़ियों का चयन किया गया और दावा किया गया कि इनका प्रशिक्षण 9 से 13 सितम्बर तक चलेगा।
लेकिन 11 सितम्बर को जब शिवसेना प्रतिनिधियों ने प्रशिक्षण स्थल का निरीक्षण किया, तो वहां कोई भी ट्रेनिंग नहीं मिली। खिलाड़ियों ने भी बताया कि 18 खिलाड़ियों का चयन पहले ही कर लिया गया था और ट्रेनिंग सिर्फ कागजों में दिखाया गया।
पक्षपात के आरोप
ज्ञापन में कहा गया कि चयन समिति ने पारदर्शिता की अनदेखी करते हुए पक्षपातपूर्ण तरीके से खिलाड़ियों को चुना। सबसे बड़ा आरोप यह है कि चयनकर्ता ने अपने ही पुत्र को टॉप-18 खिलाड़ियों में जगह दिला दी, जबकि प्रतिभाशाली खिलाड़ी स्वरूप गोस्वामी जैसे बच्चों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
इस तरह की प्रक्रिया से जिले की खेल छवि धूमिल हो रही है और योग्य खिलाड़ियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।
शिवसेना यूटीबी की मांगें
- 22 चयनित खिलाड़ियों का प्रैक्टिस मैच उपखंड अधिकारी (आहोर) की देखरेख में कराया जाए।
- चयन प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाए।
- पक्षपात करने वाले चयनकर्ताओं पर विभागीय जाँच और कड़ी कार्रवाई की जाए।
धरने की चेतावनी
शिवसेना यूटीबी ने साफ कहा है कि अगर उचित कार्रवाई नहीं हुई तो जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर धरना दिया जाएगा।
ये रहे मौके पर मौजूद
इस दौरान शिवसेना यूटीबी जिला प्रमुख रूपराज पुरोहित के साथ मिश्रीमल परिहार, जिलाध्यक्ष जेठमल माली, हनुमानराम पटेल, सूरज बामनिया, रमेश कुमार, दिनेश राणा, महेंद्र राणा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।