
(रिपोर्ट: श्रवण कुमार ओड़, पाली/जालोर/सिरोही)
लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से तेज़ आवक ने जवाई बाँध को छलकने की कगार पर पहुँचा दिया है। शनिवार दोपहर 2 बजे बाँध प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 13 में से 8 गेट खोल दिए। इनमें गेट नंबर 2, 3, 4, 5, 8, 9, 10 और 11 शामिल हैं, जिन्हें 6-6 फीट तक खोला गया।
इससे नदी में करीब 10,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी का बहाव तेज़ होने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
बाँध का जलस्तर
- अधिकतम क्षमता : 61.25 फीट
- शनिवार सुबह 11 बजे तक : 59.55 फीट
- इस सीजन में गेट खोले जाने का 10वां मौका
प्रशासन अलर्ट मोड पर
नदी किनारे और निचले इलाकों में पानी का खतरा देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है।
- ग्रामीणों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
- पुलिस और प्रशासनिक टीमें पुलों और रपटों पर 24 घंटे निगरानी रख रही हैं।
- सभी अधिकारी मुख्यालय पर तैनात रहेंगे।
- ग्राम स्तर पर पटवारी और ग्राम विकास अधिकारी अलर्ट पर रहेंगे।
प्रभारी सचिव की समीक्षा बैठक
प्रभारी सचिव विश्व मोहन शर्मा ने कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।
- बहते पानी वाली रपटों पर चौबीसों घंटे पुलिसकर्मी तैनात करने के निर्देश।
- फसल नुकसान का तुरंत सर्वे और बीमा दावा प्रक्रिया तेज़ करने के आदेश।
- पशुधन हानि की स्थिति में चारा और चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर जोर।
किसानों के लिए राहत की खबर
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा –
“यह किसानों और जालोर की जनता के लिए राहत की खबर है। सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा और बाँध ओवरफ्लो का खतरा भी टल गया है।”
प्रशासन की एडवाइजरी
- नदी-नालों, पुलों और रपटों से दूर रहें।
- बहते पानी को पार करने की कोशिश न करें।
- फोटो और वीडियो बनाने के लिए नदी के पास न जाएं।
- मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
सावधानी ही सुरक्षा है
प्रशासन ने साफ कहा है – “जवाई नदी के बहाव क्षेत्र से दूर रहें और निर्देशों का पालन करें। सुरक्षा में ही समझदारी है।”

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।