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किसानों की खराब हुई फसलों को लेकर कांग्रेस का सदन और सदन के बाहर प्रदर्शन

By Shravan Kumar Oad

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पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर

अन्नदाता की खराब फसलों के साथ ट्रैक्टर से विधान सभा पहुंचे जूली

जयपुर ( 04 सितम्बर 2025 ) विधान सभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने गुरूवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधान सभा परिसर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और प्रदेश में भारी बारिश से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिये सरकार से विशेष पैकेज जारी कर मुआवजे की मांग की।

Tikaram juli


प्रतिपक्ष के नेता जूली कांग्रेस विधायकों के साथ ट्रैक्टर में किसानों की खराब फसलों को लेकर मुआवजे की मांग सम्बन्धी पोस्टरों को हाथों में लेकर विधान सभा के पश्चिमी द्वार पर पहुंचे, जहां सरकार ने बलपूर्वक उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इस पर कांग्रेस विधायकों ने विधान सभा परिसर के बाहर किसान विरोधी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।


जूली ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार उडन खटोला बन चुकी है। मुख्यमंत्री और सरकार के मंत्री आसमान में उड रहे हैं, लेकिन जमीनी हालात पर किसी का ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक अतिवृष्टि से 193 लोगों की मौत हो चुकी है और सरकार ने मृतकों के परिजनों को केवल 1 करोड 4 लाख का ही मुआवजा दिया है। किसानों की दो-दो फसलें बर्बाद हो चुकी है, बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही, बाजरे की खराब हुई फसल पर कोई राहत पैकेज नहीं दिया।


उन्होंने कहा कि मंत्रियों का व्यवहार किसानों के साथ अन्यायपूर्ण है, उनकी संवेदना मर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की खराब हुई फसलों की गिरदावरी करवाने के मामले में बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है। अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों और पीड़ित परिवारों की सरकार ने अब तक कोई सुध नहीं ली है। लगभग 1 माह बीत जाने के बाद भी किसानों की हजारों बीघा कृषि भूमि में पानी भरा हुआ है, जिसकी निकासी तक के लिये कोई प्रयास नहीं किये गये हैं। किसान अपनी खराब हुई फसल के बाद आगामी फसल की तैयारी तक नहीं कर पा रहे हैं।


प्रतिपक्ष के नेता जूली ने सदन में भी स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से अन्नदाता की पीड़ा को पुरजोर तरीके से उठाया और उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की हालत बहुत खराब है, ऐसे समय में सरकार की चुप्पी लापरवाही और संवेदनहीनता को दर्शाती है। जूली ने कहा कि बडे शर्म की बात है कि सदन में किसानों की गम्भीर समस्या को लेकर चर्चा जारी है और मुख्यमंत्री जी अपने चैम्बर में बैठे हैं। चर्चा के दौरान वे वहीं बैठे रहे,


लेकिन सदन में नहीं पहुंचे। जूली ने इसे गम्भीरता से लिया और अपनी बात को तल्खी के साथ रखा, इस पर आसन द्वारा उन्हें टोके जाने पर जूली ने कहा कि मैं जोर से इसलिए बोल रहा हूं कि प्रदेश की बहरी सरकार और अपने चैम्बर में बैठे सरकार के मुखिया के कानों तक किसानों की पीड़ा पहुंच सके और सरकार उन्हें राहत पैकेज देने के बारे में विचार करे। विधान सभा की कार्यवाही समाप्त होने तक सदन में कांग्रेस विधायकों की नारेबाजी जारी रही।

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