
मोदरान (जगमाल सिंह राजपुरोहित)। जोधपुर मंडल के समदड़ी–भीलड़ी रेलमार्ग पर स्थित मोदरान रेलवे स्टेशन एक बार फिर सुर्खियों में है। स्टेशन के दोहरीकरण कार्य के दौरान नई बिल्डिंग कहां बनाई जाए, इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। बुधवार को ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से रेल मंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि स्टेशन की नई बिल्डिंग प्लेटफार्म नंबर दो पर न बनाकर, पुरानी बिल्डिंग की जगह यानी प्लेटफार्म नंबर एक (आबादी और बाजार क्षेत्र की तरफ) पर ही बनाई जाए।
धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है स्टेशन
ग्रामीणों ने ज्ञापन में कहा कि मोदरान स्टेशन सिर्फ एक स्टेशन नहीं है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी खास महत्व रखता है। यहां विश्व प्रसिद्ध माँ आशापुरी महोधरी माताजी मंदिर, जैन धर्म का प्रथम तीर्थधाम अडसट अक्षर नवकार महामंत्र जैन मंदिर समेत कई प्रमुख धार्मिक स्थल मौजूद हैं। यही वजह है कि यह स्टेशन आसपास के करीब 120 गांवों के लोगों के आवागमन का मुख्य केंद्र है।




बारिश में खतरा बन सकता है प्लेटफार्म नंबर दो
ग्रामीणों ने चेताया कि प्लेटफार्म नंबर दो की तरफ नई बिल्डिंग बनाना गंभीर गलती होगी। इस तरफ सुकड़ी नदी और वाडा नाले का पानी हर बारिश में भर जाता है, जिससे जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है। मीटर गेज के समय भी जलभराव की वजह से स्टेशन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
ग्रामीणों की मांग – अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल हो
ज्ञापन में स्पष्ट कहा गया कि अगर स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया जाए और नई बिल्डिंग आबादी क्षेत्र (प्लेटफार्म नंबर एक) पर बनाई जाए तो यह यात्रियों और ग्रामीणों दोनों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रहेगा।
प्रतिलिपि कई बड़े अधिकारियों को भेजी गई
यह ज्ञापन सिर्फ रेल मंत्री तक ही सीमित नहीं रहा। इसकी प्रतिलिपि उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय जयपुर, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय जोधपुर और सांसद लुंबाराम चौधरी को भी भेजी गई है। अब देखना होगा कि रेलवे ग्रामीणों की इस महत्वपूर्ण मांग पर क्या कदम उठाता है।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।