
भीनमाल। ( माणकमल भंडारी )
मुंबई की पहचान और परंपरा माने जाने वाले कबूतरखानों में फिर से दाना-पानी की व्यवस्था शुरू हो सकती है। इसके लिए ओसवाल समाज सोशल ग्रुप के अध्यक्ष हेमराज मेहता ने बृहत्त मुंबई महानगरपालिका (BMC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर पारंपरिक व्यवस्था बहाल करने की मांग की है।
हेमराज मेहता ने अपने पत्र में लिखा कि मुंबई के कबूतरखाने न सिर्फ सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक हैं, बल्कि यहाँ कबूतरों को दाना-पानी देना करुणा, दान और सद्भावना की भावना से भी जुड़ा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह व्यवस्था बाधित हो गई है, जिससे नागरिकों और श्रद्धालुओं में निराशा है।
पत्र में आगे कहा गया कि कबूतरों को दाना-पानी देना कई श्रद्धालुओं और वरिष्ठ नागरिकों की आस्था और परंपरा से जुड़ा हुआ है। यह सिर्फ परोपकार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक संतोष का अनुभव भी है।
मेहता ने BMC को भरोसा दिलाया कि समाज के लोग पूरी तरह से महानगरपालिका के नियमों और स्वच्छता मानकों का पालन करेंगे और इस व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में हर संभव सहयोग भी देंगे।
यदि BMC इस मांग को मान लेती है, तो जल्द ही मुंबई के कबूतरखानों में फिर से दाना-पानी की व्यवस्था देखने को मिल सकती है, जो न सिर्फ पक्षियों बल्कि नागरिकों की भावनाओं के लिए भी बड़ी राहत होगी।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।