
भीनमाल (माणकमल भंडारी):
निकटवर्ती नांदिया गांव में इस बार का महोत्सव बेहद खास रहा। मुरारदान स्मृति सेवा संस्थान की ओर से निर्मित मातृभक्त मुरारदान स्टेडियम, स्मारक धाम, उद्यान और मातृभक्त मुरारदान मूर्ति का लोकार्पण भव्य समारोह में किया गया। यह आयोजन आई कंकू केशर मां के सानिध्य में और सरपंच हिंगलाज एम. नांदिया के नेतृत्व में ग्रामवासियों की सहभागिता से संपन्न हुआ।
सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संगम
कार्यक्रम में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने कहा कि हमें अपनी विरासत को सहेजना और आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि हर गांव में इस तरह के आयोजन होने चाहिए ताकि नई पीढ़ी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ी रहे।
अखिल भारतीय चारण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सी.डी. देवल ने इसे “सामाजिक समरसता का अनूठा मेला” बताया। वहीं पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद सी.पी. जोशी ने कहा कि ऐसे आयोजन ग्राम पंचायत स्तर पर नियमित रूप से होने चाहिए।
सांसद लुंबाराम चौधरी ने इसे “आपसी भाईचारे और सामाजिक एकता को मजबूत करने वाला आयोजन” बताया।
भाजपा जिलाध्यक्ष जसराज राजपुरोहित ने इसे “सभी पारंपरिक त्योहारों को एक मंच पर लाने का बेहतरीन उदाहरण” कहा।
इसके अलावा पूर्व सांसद देवजी एम. पटेल, जिला प्रमुख राजेश राणा, पूर्व विधायक पूराराम, रानीवाड़ा पूर्व विधायक नारायणसिंह देवल और जनसंघ के पूर्व जिलाध्यक्ष हरिशंकर राजपुरोहित ने भी अपने विचार साझा करते हुए मातृभक्त मुरारदान चारण के जीवन और उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक और धार्मिक रंग
समारोह की शुरुआत करणी माता की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन से हुई। अतिथियों का स्वागत सम्मान-पत्र और अभिनंदन देकर किया गया।
कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय लंगा कलाकार फकीरा खान और स्थानीय स्कूल-कॉलेजों के छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सबका दिल जीत लिया। वहीं, गांव के प्रतिभाशाली बच्चों और भामाशाहों को “नांदिया गौरव सम्मान” से सम्मानित किया गया।
खेलकूद और प्रतियोगिताएं
नांदिया महोत्सव में कबड्डी, चम्मच दौड़, काव्य पाठ, नृत्य और गायन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें गांव के युवाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
सामाजिक संदेश और एकता
मुरारदान स्मृति सेवा संस्थान के अध्यक्ष और नांदिया सरपंच हिंगलाज एम. चारण ने कहा कि इस महोत्सव का उद्देश्य सामाजिक समरसता, सद्भावना और हमारी परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखना है।
उन्होंने बताया कि महोत्सव में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी दोनों त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाया गया और इससे पहले गांव में ठाकुरजी की शोभायात्रा भी निकाली गई।
नांदिया महोत्सव ने साबित कर दिया कि जब समाज एक साथ जुटता है, तो परंपराएं और संस्कृति और भी जीवंत हो उठती हैं।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।