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“सियासी गणित” बैठाने को नया परिसीमन, लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश – टीकाराम जूली

By Shravan Kumar Oad

Published on:

Leader of Opposition Tikaram Julie addressing media, accusing BJP of weakening democracy through new Jaipur municipal delimitation

जयपुर, 19 सितम्बर।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर नगर निगम के नए परिसीमन को लेकर बड़ा बयान दिया है। जूली ने इसे लोकतंत्र को कमजोर करने और जनता के साथ अन्याय करने की साजिश बताया।

“कांग्रेस ने किया विकेंद्रीकरण, BJP सत्ता के खेल में व्यस्त”

जूली ने कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा सत्ता का विकेंद्रीकरण कर आमजन को राहत देने की रही है। लेकिन वर्तमान राज्य सरकार ने केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए जयपुर के दोनों नगर निगमों को मिलाकर नया परिसीमन लागू किया।

उनका कहना है कि इससे भाजपा को फायदा मिल सकता है या नहीं, यह अलग बात है, लेकिन आम जनता को परेशानी जरूर होगी।

घटते वार्ड, बढ़ती मुश्किलें

जूली ने साफ कहा –
“जयपुर लगातार फैल रहा है, लेकिन वार्डों की संख्या घटाई जा रही है। यह किसी भी दृष्टि से व्यावहारिक नहीं है।”

उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हैरिटेज नगर निगम में कई ऐसे वार्ड हैं, जहां भाजपा को पिछली बार करारी हार मिली थी। अब नए परिसीमन में इन 15 से ज्यादा वार्डों में बड़ा बदलाव किया गया है।

भाजपा का “हिडन एजेंडा”?

जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश में छिपे एजेंडे पर काम कर रही है। इससे देश का संवैधानिक ढांचा कमजोर हो सकता है।

जयपुर नगर निगम क्षेत्र में कुल 10 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से 3 कांग्रेस विधायकों वाले क्षेत्रों में परिसीमन के बाद सिर्फ 28 वार्ड ही रखे गए हैं। वहीं, भाजपा विधायकों के क्षेत्रों में 122 वार्ड शामिल कर दिए गए।

जूली ने कहा –
“यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि सरकार की मंशा जनता को राहत देने की नहीं, बल्कि सियासी फायदे लेने की है।”

वार्डों की कटौती से कांग्रेस क्षेत्रों पर असर

नए परिसीमन के बाद वार्डों की संख्या में बड़ी कटौती हुई –

  • आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र: पहले 25 वार्ड थे, अब घटाकर 17 कर दिए गए।
  • किशनपोल विधानसभा क्षेत्र: 21 वार्डों की जगह अब सिर्फ 12 वार्ड रह गए।
  • हवामहल विधानसभा क्षेत्र: 26 वार्डों में से 11 कम कर अब केवल 15 वार्ड बचे।

जूली ने कहा कि यह पूरी कवायद लोकतंत्र को कमजोर कर भाजपा का “सियासी गणित” बैठाने की कोशिश है।

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