Reporter Shravan Kumar Od Jalore
जालोर ( 10 सितम्बर 2025 ) विश्व स्वास्थ्य संगठन के आह्वान पर ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस’ के अवसर पर बुधवार को जिला चिकित्सालय जालोर में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. रमेश कुमार चौधरी के नेतृत्व में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस दौरान ओपीडी में चिकित्सालय स्टाफ को ‘विश्व आत्महत्या मुक्त राजस्थान’ की शपथ दिलाई गई।
🔹 आत्महत्या रोकथाम को लेकर जागरूकता
डॉ. चौधरी ने बताया कि आज के समय में अधिकांश लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं और निराशा में आत्महत्या कर बैठते हैं। कई बार लोगों को लगता है कि वे जीवन की परिस्थितियों और समस्याओं से नहीं लड़ पाएंगे, ऐसे में आत्महत्या को ही समाधान समझ लेते हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों को समझाया कि यह सोच गलत है और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाकर, परामर्श लेकर और सहयोग से कठिन परिस्थितियों से निकला जा सकता है।
वैश्विक आंकड़े और युवाओं में बढ़ती समस्या
डॉ. चौधरी ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर साल करीब 8 लाख लोग आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं की होती है। यही कारण है कि आत्महत्या रोकथाम दिवस की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
🔹 आत्महत्या रोकथाम सप्ताह
उन्होंने बताया कि 10 से 16 सितम्बर तक ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह’ मनाया जाएगा, जिसके तहत जिलेभर में जागरूकता गतिविधियां आयोजित होंगी। इसका उद्देश्य आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और आत्महत्या जैसी प्रवृत्तियों को रोकना है।

🔹 कार्यक्रम में मौजूद रहे
इस अवसर पर डॉ. कमलेश मीणा, डॉ. गजानंद शर्मा, डॉ. विजय चौधरी, डॉ. गोवर्धन सिंह शेखावत, नर्सिंग अधीक्षक हजाराम सुनदेशा, छगनलाल गर्ग, शहजाद खान, चंपालाल परिहार, पृथ्वीराज, राधेश्याम सोलंकी, ललित कुमार, जितेंद्र भाटी, चंद्रप्रकाश बामनिया, पुरुषोत्तम गर्ग, दिनेश कुमार खटीक, प्रवीण कुमार गर्ग सहित चिकित्सालय स्टाफ मौजूद रहा।
👉 विशेषज्ञों का कहना है कि आत्महत्या रोकथाम के लिए जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर चर्चा हो और जरूरत पड़ने पर लोग परामर्श लेने में संकोच न करें।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।