
उम्मेदाबाद: कभी-कभी छोटी-सी पहल किसी की जिंदगी बचा सकती है। ऐसा ही हुआ उम्मेदाबाद में, जहां संजय कुमार भादरू ने पहली बार रक्तदान कर एक प्रसूता की जान बचाई।
डिलीवरी पेशेंट अनीता देवी (पत्नी संजय कुमार) अचानक खून की गंभीर कमी से जूझ रही थीं। स्थिति नाजुक होते ही तुरंत रक्त की आवश्यकता हुई। इस पर संजय कुमार भादरू ने बिना देर किए रक्तदान किया। उनका यह पहला रक्तदान था और इसी से महिला की जान बच सकी।
“पहली बार का अनुभव बेहद संतोषजनक” – संजय कुमार
रक्तदान के बाद संजय कुमार भादरू ने कहा,
“जीवन में पहली बार रक्तदान करने का अनुभव बहुत ही सुखद और संतोषजनक रहा। मैं सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वे रक्तदान जैसे पुनीत कार्य में आगे आएं।”
रक्तदान: समाज के लिए सबसे बड़ा उपहार
सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी संजय के इस कदम की सराहना की। उनका कहना है कि रक्तदान न केवल जरूरतमंद की जान बचाने का सबसे बड़ा माध्यम है, बल्कि इससे रक्तदाता का शरीर भी स्वस्थ और निरोगी रहता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नियमित रूप से रक्तदान कर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।