
कोर्ट ने कहा – कोई धोखाधड़ी नहीं, नौकरी से नहीं हटाया जाएगा
जयपुर। राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2022 (लेवल-2) से बाहर किए गए 1235 शिक्षकों को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। अदालत ने साफ कर दिया कि जो शिक्षक पहले से नियुक्ति पा चुके हैं, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।
यह आदेश न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह और न्यायाधीश भुवन गोयल की खंडपीठ ने विनेश कुमार, स्वाति भट्ट और अन्य की अपीलों पर सुनवाई करते हुए दिया।
27 हजार पदों पर निकली थी भर्ती
मामला 2022 से जुड़ा है। 16 दिसंबर 2022 को कर्मचारी चयन बोर्ड ने तृतीय श्रेणी अध्यापक (लेवल-2) के करीब 27,000 पदों पर भर्ती निकाली थी।
- इसका पहला परिणाम 15 सितंबर 2023 को आया, जिसमें अपीलकर्ताओं का चयन हो गया।
- लेकिन जनवरी 2025 में जारी संशोधित परिणाम में ये शिक्षक चयन सूची से बाहर कर दिए गए।
अपीलार्थियों का कहना है कि अगर परिणाम में कोई गलती हुई तो इसकी जिम्मेदारी कर्मचारी चयन बोर्ड की है, न कि शिक्षकों की। उन्होंने न तो कोई धोखाधड़ी की और न ही गलत जानकारी दी, ऐसे में नौकरी से हटाना अन्याय होगा।
विवादित प्रश्न बने वजह
इस भर्ती में कुछ विवादित प्रश्नों पर आपत्ति उठी थी। इसके बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने विशेषज्ञ समिति बनाने और उसकी सिफारिश के आधार पर पुनः परिणाम जारी करने का आदेश दिया।
संशोधित परिणाम आने के बाद कई अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट से बाहर हो जाने पर उनकी सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए गए।
अपील पर कोर्ट का बड़ा फैसला
इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने अपील की। उनका तर्क था कि एकलपीठ में न तो उन्हें पक्षकार बनाया गया और न ही आदेश देने से पहले उनकी दलीलें सुनी गईं।
खंडपीठ ने माना कि नियुक्त हो चुके अभ्यर्थियों ने कोई चीटिंग, फर्जीवाड़ा या गलत तथ्य प्रस्तुत नहीं किया। इसलिए, उनकी सेवाएं जारी रहेंगी और उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाएगा।
इसका मतलब साफ है कि अब 1235 शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रहेगी और संशोधित परिणाम का असर उनकी नियुक्ति पर नहीं पड़ेगा।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।