पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जयपुर ( 20 सितंबर 2025 ) Rajasthan BJP: राजस्थान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के संगठन विस्तार का कार्यक्रम कई महीनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के नेतृत्व में नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर उत्सुकता चरम पर है, लेकिन यह प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें सत्ता और संगठन में नए-पुराने नेताओं के बीच संतुलन बनाना, जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का ध्यान रखना और अन्य दलों से आए नेताओं को समायोजित करने की चुनौती भी शामिल है। इन सबके बीच पार्टी के सामने अपने मूल कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने की भी जिम्मेदारी है।

सत्ता और संगठन में कब होंगी नियुक्तियां?
राजस्थान में बीजेपी की सरकार को डेढ़ साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक संगठनात्मक और राजनीतिक नियुक्तियां नहीं हुई हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और अन्य दलों से कई बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। इनमें से कुछ को छोड़कर अधिकांश नेता अभी तक न तो सत्ता में कोई महत्वपूर्ण स्थान पा सके हैं और न ही संगठन में। यह स्थिति बीजेपी के लिए एक बड़ी दुविधा बन गई है।
पार्टी के सामने सवाल यह है कि वह अपने मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी कैसे करे और जो लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे हैं। दूसरी ओर, नए शामिल हुए नेताओं को समायोजित न करने से उनकी नाराजगी भी बढ़ सकती है। इससे पार्टी की एकता और भविष्य की रणनीति प्रभावित हो सकती है। इस संतुलन को बनाए रखना बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
मंत्रिमंडल और संगठन में फेरबदल की चर्चा
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी संगठन और सरकार में बड़े बदलाव की तैयारी में है। कुछ मौजूदा मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं, जबकि संगठन के कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इस तरह के फेरबदल से पार्टी 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है। हाल ही में अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अन्य नेताओं की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राजेंद्र राठौड़, सुखबीर जौनपुरिया, कैलाश चौधरी, ज्योति मिर्धा और अशोक परनामी जैसे नेताओं को बोर्ड, निगमों या आयोगों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। जयपुर और दिल्ली के बीच लगातार बातचीत के बाद जल्द ही इन नियुक्तियों पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।
नई कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन?
मदन राठौड़ की नई कार्यकारिणी में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें आदिवासी, दलित, ओबीसी और युवा नेताओं को खास तवज्जो दी जा सकती है। पुराने नेताओं को हटाकर नए चेहरों को मौका देने की रणनीति पर भी विचार हो रहा है। सूत्रों के अनुसार, नई कार्यकारिणी में भूपेंद्र सैनी, विजेंद्र पूनिया, कैलाश मेघवाल और मिथलेश गौतम को प्रदेश महामंत्री बनाए जाने की संभावना है।
वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष के लिए नाहर सिंह जोधा, मुकेश दाधीच, ज्योति मिर्धा, अनिता कटारा, सरदार सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, ज्योति खंडेलवाल, छगन माहुर, सुरेश यादव, बिहारीलाल विश्नोई और हकरू मईडा के नाम चर्चा में हैं। प्रदेश मंत्री के लिए सीमा माथुर, रत्ना कुमारी, विष्णु चेतानी, घेवर सिंह रैगर, आईदान सिंह भाटी, सरोज प्रजापत, सीताराम पोसवाल और अपूर्वा सिंह के नाम सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन नामों पर अंतिम फैसला अभी बाकी है।
प्रदेश अध्यक्ष की नई टीम का इंतजार
दरअसल, मदन राठौड़ को 22 फरवरी 2025 को विधिवत रूप से बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था। सात महीने बीतने को हैं, लेकिन वे अभी तक अपनी नई टीम और विभिन्न मोर्चों-प्रकोष्ठों की घोषणा नहीं कर पाए हैं। मदन राठौड़ की संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा भी हो चुकी है। लेकिन अभी तक नई टीम का ऐलान नहीं हो पाया है।
मदन राठौड़ ने जालोर न्यूज़ से बातचीत में कहा कि पहले जो सूची वायरल हुई थी वह हमारी नहीं थी। वह किसी का प्रस्ताव था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पहले जो लिस्ट वायरल हुई थी वो मेरे द्वारा नहीं बनाई गई थी। राठौड़ ने कहा कि वो तो किसी का प्रपोजल था जो वायरल हुआ था।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि राजस्थान बीजेपी की कार्यकारिणी का विस्तार कब होगा तो उन्होंने जवाब दिया कि हमारी पार्टी और कार्यकार्ताओं का तो विस्तार चलता ही रहता है, रोज नए लोग जुड़ते ही हैं। फिर जब उनसे पूछा गया कि नए प्रदेशाध्यक्ष की नई टीम कब तैयार होगी? तो उन्होंने जवाब दिया कि इस पर मंथन अंतिम चरण में है। केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलते ही संगठन का विस्तार कर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर वायरल सूची से हलचल
इससे पहले, सोशल मीडिया पर बीजेपी की कथित कार्यकारिणी की एक सात पेज की सूची वायरल हुई थी, जिसमें 38 पदाधिकारियों के नाम शामिल थे। इस सूची में 10 उपाध्यक्ष, 4 महामंत्री, 10 मंत्री, 1 कार्यालय मंत्री, 1 कार्यालय प्रभारी, 6 प्रवक्ता, 1 आईटी संयोजक, 1 आईटी सह-संयोजक, 1 सोशल मीडिया संयोजक, 1 सोशल मीडिया सह-संयोजक, 1 प्रकोष्ठ संयोजक और 1 मीडिया सह-संयोजक के नाम थे। इस सूची के बाद कार्यकर्ताओं में असंतोष पैदा हो गया था, क्योंकि इसमें कई अप्रत्याशित नाम शामिल थे।
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श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।