📰

राजस्थान विधानसभा में पास हुआ धर्मांतरण विरोधी बिल: उम्रकैद, 50 लाख जुर्माना और बुलडोजर का प्रावधान

By Shravan Kumar Oad

Published on:

Rajasthan Assembly passes anti-conversion bill 2025 with provisions for life imprisonment, heavy fines, and bulldozer action against illegal conversions

जयपुर।
राजस्थान विधानसभा ने मंगलवार को ‘राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025’ को भारी हंगामे और विपक्ष की नारेबाजी के बीच पास कर दिया। इस बिल के तहत जबर्जस्ती, धोखे या लालच से धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कठोर सजा के प्रावधान किए गए हैं। इसमें आजिवन कारावास और भारी जुर्माना शामिल हैं।

खास बात यह है कि अब धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं के भवनों पर बुलडोजर चलाने का प्रावधान भी पहली बार पेश किया गया है। बिल पास होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही 10 सितंबर तक स्थगित कर दी गई।

बिल के प्रमुख प्रावधान

नए बिल को पिछले फरवरी 2025 के बिल से और सख्त बनाया गया है। इसमें सजा और जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी गई है। प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं:

  • सामान्य धर्मांतरण: जबरन, धोखे या लालच से धर्मांतरण कराने पर 7–14 साल की कैद और 5 लाख रुपये जुर्माना
  • विशेष मामले: नाबालिग, महिला, दिव्यांग, SC/ST के धर्मांतरण पर 10–20 साल कैद और 10 लाख रुपये जुर्माना
  • सामूहिक धर्मांतरण: 20 साल से आजीवन कारावास और न्यूनतम 25 लाख रुपये जुर्माना
  • विदेशी फंडिंग: विदेशी या अवैध संस्थाओं से फंड लेकर धर्मांतरण कराने पर 10–20 साल की कैद और 20 लाख जुर्माना
  • दोहराया अपराध: बार-बार धर्मांतरण कराने पर आजिवन कारावास और 50 लाख जुर्माना
  • शादी के जरिए धर्मांतरण: यदि विवाह का उद्देश्य केवल धर्मांतरण है, तो इसे कानूनी रूप से अवैध घोषित किया जाएगा।
  • बुलडोजर एक्शन: धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं के भवनों को सीज और तोड़ने का अधिकार प्रशासन को।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान

  • धर्म परिवर्तन से 90 दिन पहले जिला कलेक्टर या अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सूचना देना अनिवार्य होगा।
  • सभी अपराध अब संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे, यानी पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तारी कर सकती है।
  • घर वापसी (स्वेच्छा से मूल धर्म में लौटना) को धर्मांतरण की श्रेणी में नहीं माना जाएगा।

विधानसभा में हंगामा

बिल पर चर्चा के दौरान विपक्षी दल कांग्रेस ने बहस में हिस्सा नहीं लिया और सदन में नारेबाजी की। गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि यह हमारी संस्कृति और सभ्यता की रक्षा के लिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जबरन धर्मांतरण किसी को करने का अधिकार नहीं है।

आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग ने बिल का विरोध किया और चेताया कि इससे पुलिस का दुरुपयोग हो सकता है। वहीं, भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने विवादित टिप्पणियां की और धर्म परिवर्तन करने वाले कुछ विधायकों का नाम लेकर चर्चा छेड़ी।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में अतिरिक्त कैमरे लगाने पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को दबाना चाहती है। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने विपक्ष से रचनात्मक बहस में भाग लेने की अपील की।

बिल लाने का उद्देश्य

इस बिल का मुख्य उद्देश्य बल, धोखाधड़ी, लालच या शादी के झांसे से होने वाले धर्मांतरण को रोकना है। यह खास तौर पर कमजोर वर्गों को अवैध धर्मांतरण से बचाने के लिए बनाया गया है। बुलडोजर एक्शन और शादी के जरिए धर्मांतरण को अवैध घोषित करना इसके सख्त प्रावधानों में शामिल हैं।

फरवरी 2025 के पुराने बिल में अधिकतम 5–10 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना था। नए बिल में इसे कई गुना बढ़ाकर इसे और कड़ा बनाया गया है।

Leave a Comment