
जयपुर।
राजस्थान सरकार ने लाखों परिवारों को राहत देने वाला बड़ा फैसला लिया है। 19 सितम्बर को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में पेंशन नियमों में अहम संशोधन किए गए हैं। इस बदलाव का सीधा असर उन परिवारों पर पड़ेगा, जिनके आश्रित सरकारी कर्मचारी अब इस दुनिया में नहीं रहे।
माता-पिता को मिलेगी बढ़ी हुई पारिवारिक पेंशन
सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम-1996 में संशोधन किया गया।
- पहले नियम 62 (IV) के तहत दिवंगत कार्मिक के माता-पिता को केवल 30 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन का प्रावधान था।
- अब इस नियम को हटाकर माता-पिता को भी नियम 62 (III) के अनुसार बढ़ी हुई पेंशन (अधिकतम 50 प्रतिशत तक) का लाभ मिलेगा।
यानि कर्मचारी की असामयिक मृत्यु होने पर माता-पिता को अब ज्यादा पेंशन दी जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी।
निशक्त बच्चों के लिए बड़ी राहत
कैबिनेट ने नियम 67 में भी बदलाव किया है। पहले मानसिक या शारीरिक रूप से निशक्त बेटे-बेटी को शादी के बाद पारिवारिक पेंशन नहीं मिलती थी।
- अब यह पेंशन विवाह के बाद भी जारी रहेगी।
- इसके अलावा पेंशन की न्यूनतम सीमा को 8,550 रुपये से बढ़ाकर 13,750 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
इस संशोधन से उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जिनके बच्चे जीवनभर सहारे पर रहते हैं।
क्यों अहम है ये फैसला
राजस्थान सरकार का यह कदम सामाजिक सुरक्षा और परिवारिक सहारे को मजबूत करेगा। माता-पिता और निशक्त बच्चों को आर्थिक स्थिरता मिलेगी और वे अपने भविष्य को लेकर अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।