
जयपुर, 07 सितम्बर।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जयपुर के सुभाष चौक इलाके में जर्जर मकान गिरने से पिता और पुत्री की दर्दनाक मौत पर गहरा दुख जताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। जूली ने कहा कि यह हादसा सिर्फ बरसात की आफत का नतीजा नहीं, बल्कि सरकार और मकान मालिक की लापरवाही का भी नतीजा है।
जूली ने कहा कि आसमान से बरस रही आफत और सरकार की सुस्ती के कारण प्रदेश में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। जयपुर समेत अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही और हनुमानगढ़ जैसे जिलों में भारी बारिश से तबाही का मंजर है। कहीं घरों में पानी घुस रहा है, तो कहीं शवयात्राओं तक को किलोमीटरों पैदल पानी में चलना पड़ रहा है। लेकिन सरकार “आंखें मूंदे और कान बंद किए” सिर्फ पर्यटन और राजनीति में व्यस्त है।
“अफसर मस्त हैं, जनता त्रस्त है”
जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली की मेज़पोशी में व्यस्त हैं, मंत्री अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं और अफसर चैन की बंसी बजा रहे हैं। ऐसे में जनता त्राहिमाम कर रही है। अजमेर के बोराज बांध के टूटने का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि आधी रात को फायसागर रोड पर बसी बस्तियों में पानी घुस गया। लोग अपने सामान को बचाने तक का मौका नहीं पा सके। कई परिवारों का सबकुछ बह गया। यहां तक कि एक परिवार की बेटी की शादी के अरमान भी पानी में बह गए।
“मानवता ने धर्म निभाया, सरकार ने राजधर्म नहीं”
जूली ने कहा कि प्रभावित परिवारों तक मददगार लोग तो पहुंच गए, लेकिन सरकार कहीं नजर नहीं आई। “लोगों ने मानवता का धर्म निभाया, पर सरकार अपना राजधर्म भूल गई।”
जर्जर इमारतों पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि अगर सरकार ने पहले ही जर्जर भवनों का सर्वे और मरम्मत की कार्ययोजना बनाई होती, तो आज सुभाष चौक में दो मासूम जानें नहीं जातीं। उन्होंने याद दिलाया कि कुछ समय पहले जर्जर स्कूल भवन गिरने से 9 बच्चों की मौत हुई थी, लेकिन उस त्रासदी से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया।
विशेष पैकेज की मांग
जूली ने मांग की कि सरकार तत्काल सभी प्रभावित परिवारों का सर्वे करवाए और उन्हें नुकसान के अनुसार राहत राशि दे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित पैकेज “ऊंट के मुंह में जीरा” जैसा है। प्रदेश में तबाही की भयावह स्थिति को देखते हुए विशेष राहत पैकेज जरूरी है।
आपदा राहत मंत्री पर तंज
जूली ने कटाक्ष किया कि जब प्रदेश बारिश से डूब रहा है, तब आपदा राहत मंत्री रामगढ़ बांध में ड्रोन उड़ाकर बरसात का मजमा देखने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि जनता की पीड़ा समझने की बजाय यह सब दिखावा है।
सरकार को चेतावनी
जूली ने सरकार को चेताया कि यदि अब भी जर्जर मकानों और भवनों का सर्वे कर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आगे और मासूम जानें जाएंगी। उन्होंने कहा, “सरकार सत्ता के मद में चूर होकर न सुनना चाहती है और न करना चाहती है, लेकिन विपक्ष जनता की आवाज दबने नहीं देगा।”

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।