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राजस्थान के स्कूलों में पहली बार जैन साधु-साध्वियों के प्रवचन और ध्यान शिविर – बच्चों की पढ़ाई के साथ मिलेगा संस्कारों का खज़ाना

By Shravan Kumar Oad

Published on:

Jain monks conducting meditation and value education workshops in Rajasthan schools 2025

दिनांक – 17 सितम्बर 2025

जयपुर। राजस्थान सरकार ने विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने चातुर्मास के दौरान राज्यभर के सरकारी और निजी स्कूलों में जैन साधु-साध्वियों के विशेष प्रवचन, योग–ध्यान शिविर और जीवन मूल्यों पर आधारित वर्कशॉप्स आयोजित कराने का निर्णय लिया है।

सरकार का मानना है कि इस पहल से विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, धर्मों के प्रति सम्मान, अहिंसा, संयम, करुणा और स्वास्थ्य-जागरूकता जैसी गुणों का विकास होगा। यह कदम पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को जीवन में मानसिक मजबूती और भावनात्मक संतुलन सिखाने में भी मदद करेगा।

“योग, ध्यान और संस्कार से होगा बच्चों का सर्वांगीण विकास”

राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के संरक्षक मंगल चन्द जैन और अशोक बांठिया ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा –
“यह पहल राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा के साथ वेलनेस और वैल्यू-एजुकेशन को जोड़ती है। इससे बच्चों में एकाग्रता, भावनात्मक संतुलन, सहानुभूति और सामुदायिक जिम्मेदारी जैसे गुण विकसित होंगे।”

उन्होंने आगे बताया कि राजस्थान में सफल क्रियान्वयन के बाद इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू करवाने की योजना बनाई जाएगी।

शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सरकार के निर्देशों पर आदेश जारी करते हुए सभी संभागीय संयुक्त निदेशकों, जिला शिक्षा अधिकारियों, ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों और परियोजना समन्वयकों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

जैन समुदाय ने जताया आभार

राजस्थान सरकार के इस फैसले की जैन समाज ने दिल से सराहना की है।

कई प्रमुख संगठनों और नेताओं ने धन्यवाद व्यक्त किया, जिनमें शामिल हैं –

  • सुभाष जैन (राजस्थान जैन सभा अध्यक्ष)
  • अनिल जैन (दिगम्बर जैन महा समिति)
  • कमल बाबू जैन (भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा)
  • प्रदीप लाला (राजस्थान जैन युवा महासभा)
  • अजय जैन (अखिल भारतीय श्रीमाल जैन जागृति संस्था)
  • भाग चन्द जैन (जैन बैंकर्स फोरम)
  • राजीव पाटनी (जैन सोश्यल ग्रुप)
  • रमेश तिजारिया (जैन पत्रकार महासंघ)
  • पदम चन्द पुगलिया (खरतरगच्छ संघ)
  • अजय शाह (तपागच्छ संघ)
  • विजय चन्द लोढ़ा (स्थानकवासी संघ)
  • रमेश डागा (तेरापंथ युवक परिषद्)
  • सरिता डागा (तेरापंथी महिला मंडल)
  • मनसुख सेठिया (तेरापंथी महासभा)
  • पुष्पा रमेश खोखावत (जैन कॉन्फ्रेंस)
  • मांगीलाल मुणोत (गुरू पुष्कर ट्रस्ट)
  • रमेश जैन (तारक गुरू जैन ग्रंथालय)

इन सभी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल, और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

निचोड़ (Conclusion)

राजस्थान सरकार की यह पहल शिक्षा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम है। आने वाले समय में अगर अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाते हैं, तो भारत की नई पीढ़ी न सिर्फ पढ़ाई में बल्कि संस्कार, संयम और स्वस्थ जीवन शैली में भी आगे बढ़ेगी।

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