
जयपुर, 22 अगस्त 2025।
राजस्थान सरकार द्वारा विद्यार्थियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने एवं भारतीय संस्कृति की गहरी समझ विकसित करने के उद्देश्य से राजकीय एवं निजी विद्यालयों में चातुर्मास के दौरान श्रमणों (साधु-साध्वियों) के विशेष प्रवचन, कार्यशालाएं और अर्ह ध्यान योग शिविर आयोजित करवाने की अभिनव पहल की गई है। इस ऐतिहासिक निर्णय का जैन समाज और विभिन्न संगठनों ने हर्षपूर्वक स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री एवं शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त किया।
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी यह पहल – डॉ. जस्टिस नरेन्द्र कुमार जैन
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग के पूर्व अध्यक्ष एवं राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के परम संरक्षक डॉ. जस्टिस नरेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि वर्तमान समय में विद्यार्थी पश्चिमी संस्कृति, सोशल मीडिया और आधुनिक जीवनशैली के दबाव में अवसाद और तनाव से ग्रसित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा –
“सरकार की इस पहल से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, एकाग्रता और अनुशासन बढ़ेगा। साथ ही वे भारतीय संस्कृति और विरासत को समझने का अवसर पाएंगे। श्रमणों के प्रेरक प्रवचन से विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलेगी।”
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर इन प्रवचनों में अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जाए तो बच्चों पर समाज और माता-पिता की अवांछित अपेक्षाओं का बोझ कम होगा और वे अपनी रूचि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पाएंगे।
श्रमण संस्कृति से परिचित होंगे विद्यार्थी – श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि
प्रख्यात श्रमण डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों के लिए मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने का कारगर उपाय साबित होगी।
उनके अनुसार –
“आज विद्यार्थी भय, तनाव और अवसाद से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में श्रमणों के प्रेरक कथन और ध्यान शिविर से उन्हें जीवन का सकारात्मक दृष्टिकोण मिलेगा। वे न केवल पढ़ाई में बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर ढंग से कर सकेंगे।”
जैन समुदाय और युवा परिषद की अपील
राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के संरक्षक अशोक बांठिया ने सभी जैन समाजश्रेष्ठियों, युवा संगठनों और चातुर्मास कमेटियों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में श्रमणों के चातुर्मास की सूचना जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग तक पहुँचाएं।
ताकि स्थानीय विद्यालयों में श्रमणों को आमंत्रित कर प्रवचन, कार्यशाला, अर्ह ध्यान योग शिविर और वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें।
सूचना साझा करने के लिए परिषद ने हेल्पलाइन नंबर – 7877735999, 9001940605, 9828169261 और ईमेल – rsjyp21@gmail.com भी जारी किए हैं।
जैन समाज ने जताया सरकार के प्रति आभार
राजस्थान समग्र जैन युवा परिषद् के अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन सहित सभी पदाधिकारियों और युवा वर्ग ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, मुख्य सचिव सुधांश पंत, विद्यालयी शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल और शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर का हार्दिक आभार व्यक्त किया।
परिषद ने कहा कि यह निर्णय न केवल जैन समाज बल्कि पूरे राज्य के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी और ऐतिहासिक कदम है।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की यह पहल विद्यार्थियों को स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, अनुशासन और भारतीय संस्कृति की समझ प्रदान करेगी। जैन समाज और श्रमण समुदाय द्वारा इस निर्णय का स्वागत इस बात का संकेत है कि समाज और सरकार मिलकर शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

श्रवण कुमार ओड़ जालोर जिले के सक्रिय पत्रकार और सामाजिक विषयों पर लिखने वाले लेखक हैं। वे “जालोर न्यूज़” के माध्यम से जनहित, संस्कृति और स्थानीय मुद्दों को उजागर करते हैं। उनकी पत्रकारिता का उद्देश्य है—सच दिखाना और समाज की आवाज़ बनना।