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अज्ञान अंधियारे से ज्ञान उजियारे की ओर ले जाता है गुरु , भक्तों ने गुरु पूजन कर आशीर्वाद लिया - JALORE NEWS
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अज्ञान अंधियारे से ज्ञान उजियारे की ओर ले जाता है गुरु , भक्तों ने गुरु पूजन कर आशीर्वाद लिया - JALORE NEWS
जालोर ( 24 जुलाई 2021 ) जिला मुख्यालय पर ओसवाल न्याति नोहर में विज य नित्यसेन सूरीश्वर महाराज के चातुर्मास के दौरान गुरु पूजन के तहत शनिवार को कई कार्यक्रम आयोजित हुए। शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर राजेन्द्र कुमार पुत्र मांगीलाल सोलंकी परिवार ने गुरु पूजन का चढ़ावा लिया। जालोर नगर के ओसवाल न्याति नोहरे में चल रहे आध्यात्मिक चातुर्मास के दौरान गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन आचार्य जयन्तसेनसूरि के पट्टधर गच्छाधिपति आचार्य नित्यसेनसूरि ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जो हमें अज्ञान के अंधियारे से ज्ञान के उजियारे की ओर ले जाए वह गुरु होता है।जिस प्रकार बिना मोर के पंख और बिना वृक्ष के डालियाँ शोभायमान नहीं होती,उसी प्रकार बिना गुरुकुलवास के शिष्य की शोभा नहीं रहती। गुरु बिना जीवन शुरु नहीं होता है। गुरु का विनय करने से हमारा अभिमान नष्ट होता है। वरिष्ठ मुनि वीररत्न विजय ने कहा कि मानव जीवन प्राप्त होने के पश्चात भी यदि हम व्रत-नियम ग्रहण नहीं करते है,तो हमारा जीवन पशुओं के बराबर ही है।चातुर्मासिक काल के अंदर अनेक जीवों की उत्पत्ति होती है,इन सूक्ष्म जीवों की रक्षा हेतु हमें कुछ त्याग मार्ग को जीवन में अपनाना चाहिए।
रात्रि भोजन व जमीकंद का त्याग व परमात्मा के दर्शन-पूजन करना चाहिए।सामायिक-प्रतिक्रमण आदि अनुष्ठान द्वारा ही हमारी आत्मा का कल्याण होगा।इस मौके पर मुनि डॉ. संयमरत्न विजय ने गुरु पूर्णिमा का महत्व बताते हुए कहा कि सर्वप्रथम माँ ही पूर्ण गुरु है,तत्पश्चात गुरु ही पूर्ण माँ है।हमें गुरु को मानने के साथ गुरु की आज्ञा को भी मानना चाहिए।गुरु आज्ञा पालन ही हमें मोक्ष तक पहुंचा सकता है।जिनका संग करने से परमात्म प्राप्ति की लगन बढ़ती हो,दुर्गुण दुराचार स्वतः दूर होते हों और सद्गुण सदाचार स्वतः आते हो,भगवान की विशेष याद आती हो,परमात्मा पर श्रद्धा विश्वास बढ़ता हो,बिना पूछे ही शंकाओं का समाधान हो जाता हो और जो हमसे कुछ भी लेने की इच्छा न रखते हो,उसे ही गुरु बनाना चाहिए। पानी पीजे छानकर, गुरु कीजे जानकर।हमें गुरु की नहीं,अपितु खुद की परीक्षा करनी है कि हमारे परिणाम कितने शुद्ध विशुद्ध निर्मल है। चढ़ावे के दौरान महिला भाजपा जिलाध्यक्ष मंजू सोलंकी व राजेन्द्र सोलंकी उपस्थित हुए और संत से आशीर्वाद लिया।
गुरु पूजन के लाभार्थी राजेंद्र कुमार पुत्र मांगीलाल सोलंकी को मिला। इस दौरान जैन संत नित्यानंदसेन महाराज ने कहा कि मन मे शांति धारण करें। शांति में प्रबल शक्ति होती है। शान्त मन बड़े से बड़े संकट को पार कर लेता है। वहीं अहिंसा को जीवन का आधार कहा। मनुष्य को कभी भी हिंसा के मार्ग पर नहीं चलना चाहिए। अहिंसा के मार्ग पर चलने वाला महान होता है। महाराज ने सात्विक जीवन अपनाने की बात भी कही। जीवन में सात्विक भोजन का भी बड़ा महत्व है। भोजन का भी एक नियम है। उन्होंने किसी गरीब को भोजन करवाने व मदद करने को भी महत्वपूर्ण माना है। इस दौरान अध्यक्ष प्रभावकाचार्य गुरुदेव जयन्तसेन सूरीश्वर के पट्टधर
धर्म दिवाकर आचार्य विजय नित्यसेन सूरीश्वर, वरिष्ठ मुनिराज वीररत्न विजय, सिद्धरत्न विजय, विद्वद् रत्न, प्रशमसेन विजय, डॉ.संयमरत्न विजय, भुवनरत्न विजय, तारकरत्न विजय, निर्भयरत्न विजय, अध्यात्मसेन विजय, अर्हंसेन विजय, जयसेन विजय, साध्वी तत्वलता श्रीजी,
साध्वी कुसुमलता श्रीजी, साध्वी राजयशा श्रीजी, साध्वी जिनांगयशा श्रीजी, साध्वी करुणायशा श्रीजी आदि विशाल श्रमण श्रमणी वृंद उपस्थित थे। वही अध्यक्ष रमेश भंडारी, भाजपा महिला जिलाध्यक्ष मंजू सोलंकी, भेरूलाल सेठ, विकास बोरा, मदन जैन, जेठमल सोलंकी, रिकब चंद सोलंकी, बसंत सोलंकी, डूंगरमल, राकेश भंसाली, ऋषभ सोलंकी, भाविन सोलंकी समेत कई भाविक उपस्थित थे।
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