बस स्टैंड बना आवारा पशुओं का अड्डा , नगर परिषद की मौन - JALORE NEWS
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बस स्टैंड बना आवारा पशुओं का अड्डा , नगर परिषद की मौन - JALORE NEWS
जालौर ( 15 अक्टूबर 2021 ) जालौर शहर में भले ही नगर परिषद् की ओर से आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए धड़ पकड़ अभियान चला होगा , परंतु यहां फोटो देखने के बाद में कोई भी व्यक्ति भरोसा नहीं कर सकते था , किया आवारा पशुओं को पकड़ने का काम किस प्रकार से अभियान चलाया गया होगा , इनका अनुमान लगाया जा सकता है ,
किस प्रकार से कार्रवाई की गई है यहां जालौर शहर की जनता भी जानती है कि धड पकड़ अभियान में पकड़ने के बाद वापस छोड़ देते हैं जिससे आवारा पशुओं दिन और रातों को बस स्टैंड पर और , मुख्य मार्ग और आहोर चौराहा , अस्पताल चौराहा , हरिदेव जोशी सर्कल , बाईपास रोड , राजेंद्र नगर , गोडिजी मंदिर सहित पूरे जालौर शहर में आवारा पशुओं का रहता है आतंक रहते हैं जिसके कारण आम जनता को भी आवारा पशुओं से डर सताता है , नगर परिषद की ओर से कोई ध्यान नहीं दिए जा रहे हैं ।
नगर परिषद अभी मौन नज़र आ रही है । गौरतलब हो कि पूर्व में नगर परिषद ने नगर में घूम रहे आवारा पशुओं के संबंध में मुनादी कराकर मवेशी मालिकों को हिदायत दी थी कि वह अपने मवेशी घर में ही बांध कर रखें, अन्यथा मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। मगर, इसका कोई असर आज तक नहीं हो पाया है। शहर के रहवासी क्षेत्रों में अवैध रूप से पशुपालन किया जा रहा है। दुधारू पशुओं को घरों के आसपास रखने वाले लोग बछड़ों को शहर में छोड़ देते है।
जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है । जालौर शहर में इस निजी बस स्टैंड की बिल्डिंग बनें 32 साल हो गया है । फिर भी यहां किसी प्रकार से कोई ध्यान नहीं दे रहा है । जहां पर बस स्टैंड पर आम नागरिक की बैठने की व्यवस्था को आवारा पशुओं ने यहां पर अड्डा बना दिया है जिससे यहां के बस स्टैंड पर आने जाने वाले यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यहां पर लोगों को अब डर भी संतानें लगा है । हैरान की बात है कि यह मवेशियों के द्वारा आपसे में आएं दिन भिड़ जाते हैं ।
जिससे घायल भी होते हैं कुछ महीनों पहले ही शहर जालौर के राजेंद्र नगर में बुजुर्ग की आवारा सांड के हमले में मौत के बाद नगरपरिषद द्वारा इन मवेशियों के बाहर छोड़ने के दावे किए जा रहे हैं , लेकिन अब भी हकीकत विपरीत से काफी दूर है । शुक्रवार को नया बस स्टैंड पर ही इन मवेशियों का जमावड़ा नजर आया । इतना ही नहीं अनेक बारे लोग इन पशुओं से टकराकर दुर्घटना का शिकार भी हो चुका है । साथ ही साथ में फल - सब्जियां बेचने को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है , मवेशियों का सबसे ज्यादा जमावड़ा सड़कों पर होता है।
यहां पर लगभग पूरी सड़क पर मवेशी दिन भर खड़े रहते हैं तो कई मवेशी बीच सड़क पर ही बैठे रहते है। वाहन चालक हार्न भी बजाता है तब भी वे टस से मस नहीं होते। वाहन चालकों को नीचे उतरकर उन्हें सड़क किनारे करना पड़ता है, तभी वह आगे बढ़ते हैं। दिन हो या फिर रात यह मवेशी राहगीरों के लिए सबसे ज्यादा मुसीबत बनी हुए हैं लेकिन प्रशासन द्वारा इस ओर कोई क़दम तक नहीं उठाया है जहां पर नगर परिषद भी कार्रवाई की मुनादी कराने के बाद इस पर कोई ( अमल ) ध्यान न दिए जा रहे हैं जिसके कारण से राहगीरी परेशान दिखाई देते हैं। फिर भी नगर परिषद मौन नज़र आ रही है ।
इनका कहना है
( 1 ) यात्रियों का कहना है कि लोगों कि मानें तो जालौर शहर में कांजी हाउस बना हुआ है फिर भी नगर परिषद की द्वारा इन आवारा पशुओं को कांजी हाउस भेजने की व्यवस्था नही कराई जाती है । तथा इन आवारा पशु पालको के विरूद्ध भी कोई करवाई नही की जाती यदि शीघ्रहि नगर परिषद द्वारा । आवारा पशुओ के विरूद्ध कोई ठोस कदम उठाया चाहिए नहीं तो भविष्य में प्राईवेट बस स्टैंड पर किसी दिन आवारा पशुओं के चलते कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
यात्रियों का कहना
इनका कहना है
( 2 ) सब्जियां व्यापारियों का कहना है कि आवारा पशुओं फल - सब्जियां खा जाते हैं जिससे इसका नुकसान भी उठाना पड़ा रहा है । वहीं सब्जी व फल विक्रेता व राहगीरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।
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