राजू ठेहट को मारने की फिराक में आनंदपाल गैंग गिरफ्तार : 175 किलो डोडा पोस्त की तस्करी में पकड़े गए गैंग के बदमाशों से पूछताछ में खुलासा - JALORE NEWS
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राजू ठेहट को मारने की फिराक में आनंदपाल गैंग गिरफ्तार : 175 किलो डोडा पोस्त की तस्करी में पकड़े गए गैंग के बदमाशों से पूछताछ में खुलासा - JALORE NEWS
जयपुर ( 17 फरवरी 2022 ) गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर के पांच साल के बाद उसका गिरोह फिर से सक्रिय हो गया है । बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़े आनंदपाल के गुर्गों ने पूछताछ में जो जानकारी दी है , उसने पुलिस की चिंताएं बढ़ा दी हैं । दरअसल , जयपुर कमिश्नर वेस्ट पुलिस को सूचना मिली थी कि 200 फीट के नजदीक से बड़ी मात्रा में डोडा - पोस्त की तस्करी की जा रही है । इस पर पुलिस ने 175 किलो डोडा पोस्त जब्त कर तस्करी वाहन को एस्कॉर्ट करने वाली गैंग के 5 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया ।
गिरफ्तार बदमाशों में से एक मनोज कुमार नेहरा कुख्यात आनंदपाल गिरोह से जुड़ा है ।
दिनांक 16.02.2022 जयपुर - पुलिस उपायुक्त जयपुर ( पश्चिम ) ऋचा तोमर आई . पी.एस. ने बताया कि पुलिस महानिदेशक राजस्थान जयपुर द्वारा अवैध मादक पदार्थों के विरूद्ध चलाये जा रहे विशेष अभियान एवं श्रीमान पुलिस आयुक्त जयपुर आयुक्तालय द्वारा चलाये गये ओपरेशन क्लीन स्विप के तहत दिनांक 15.02-2022 को जयपुर जिला पश्चिम की एक एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुऐ अवैध डोडा पोस्त के पांच अभियुक्तों सहित भारी मात्रा में डोडा पोस्त एवं अवैध हथियारों एवं लग्जरी गाडीयों के साथ गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की ।
पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम ऋचा तोमर आई.पी.एस. ने बताया कि जिला पश्चिम डी.एस.टी. टीम के कानि . प्रवीण कुमार न . 8947 ने बताया की आज रात को दो लग्जरी कारों में पांच जनें भीलवाडा से एक्सप्रेस हाई - वे से जयपुर होते हुये अवैध डोडा पोस्त भरकर सीकर जायेगें । आदि सुचना पर श्री राम सिंह शेखावत अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम के निर्देशन में व श्री प्रमोद कुमार स्वामी सहायक पुलिस आयुक्त झोटवाडा जयपुर व श्री आलोक सैनी सहायक पुलिस आयुक्त वैशाली नगर जयपुर के नेतृत्व में डी.एस.टी. पश्चिम प्रभारी श्री गुरू भुपेन्द्र सिंह पुलिस निरीक्षक व थानाधिकारी थाना करधनी श्री बनवारी लाल मीणा पुलिस निरीक्षक , व थानाधिकारी मुरलीपुरा श्री देवेन्द्र जाखड पुलिस निरीक्षक व थानाधिकारी वैशालीनगर श्री हीरा लाल सैनी पुलिस निरीक्षक की पुलिस थानों की अलग - अलग टीमें गठित की गई ।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त पश्चिम के सुपरविजन में मुलजिमों को पकड़ने के लिये अलग - अलग जगह मौर्चा बन्दी की गई । दौराने नाकाबन्दी मुताबिक सूचना के अल सुबह अजमेर की तरफ से एक स्कार्पियो बिना नम्बरी रंग काला आती दिखी जिसको थानाधिकारी बनवारी लाल मीणा पुलिस थाना करधनी मय श्री गुरु भूपेन्द्र मय हमराहीयान की मदद से रोकने का इशारा कर रुकवाना चाहा तो स्कार्पियों गाड़ी का चालक गाडी को भगा कर ले गया उक्त गाड़ी में चालक के अलावा दो शख्स बैठे पुलिस टीमों ने 200 फिट बाईपास से उक्त दोनों गाडीयों का पिछा किया व एक्सप्रेस हाई - वे पर थाना करधनी व मुरलीपुरा की टीमों ने सूचना मिलते ही अम्बुश लगाकर हाईवे को दोनो तरफ से जाम कर दिया जिस पर श्री देवेन्द्र जाखड पु.नि थानाधिकारी मुरलीपुरा को ज़रिये वायरलैस से सूचना दी
गयी इतने में ही अजमेर की तरफ से एक आई 20 गाडी आती हुयी दिखी जिसको डिवाईडर लगाकर रोकना चाहा तो गाडी के चालक ने पुलिस से घिरा देखकर गाडी को डिवाईडर पर चढ़ा दिया और रोड की दूसरी तरफ घुमा दिया जिससे गाड़ी के ड्राईवर साईड का आगे का टायर बलास्ट हो गया और गाड़ी रुक गयी गाडी में बैठे दो शख्स गाड़ी से उतरकर भागने लगे जिनको पुलिस टीमों ने पकड़ा ।
उक्त वाहन आई 20 में 07 प्लास्टिक के कट्टों में अवैध डोडा पोस्त चुरा सहित कुल वजन 176 किलोग्राम बरामद किया गया व आगे एसकोट कर रही स्कारपियों गाडी भी मुरलीपुरा पुलिस टीम द्वारा लगाये गये अम्बुश में फस गयी जिनको तीन शक्सों के साथ पुलिस टीमों ने चारों तरफ से घेरा बन्दी करके दर दबोचा उक्त वाहन आई 20 को एसकोट करना पाया गया व आरोपी मनोज के पास एक लौडेड पिस्टल बरामद कि गई पिस्टल में एक जिन्दा कारतूस मिला जिनको जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया ।
आई 20 गाडी में मौजूद मिले आरोपी
01 . सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री माधाराम जाति जाट उम्र 32 साल निवासी सावलोदा लाडखानी थाना सदर जिला सीकर
02. गोगराज पुत्र श्री मुरारी लाल जाति जाट उम्र 26 साल निवासी गांव गोविन्दपुरा पलसाना थाना खण्डेला जिला सीकर । व स्कारपियों गाडी में
03. अशोक पुत्र श्री रामचन्द्र जाति जाट उम्र 31 साल निवासी सावलोदा धायलान पुलिस थाना सदर जिला सीकर
04 नितेश पुत्र श्री बंशीधर जाति जाट उम्र 21 साल निवासी भगेगा तहसील नीम का थाना जिला सीकर
05 मनोज पुत्र श्री जेतसिंह जाति जाट उम्र 32 साल निवासी गांव अलखपुरा बोगान थाना नैछवा जिला सीकर पाये गये ।
जिनको गिरफतार किया गया ।
अभियुक्त एक माह डोड़ा तस्करी के 5-6 राउण्ड करते थे भीलवाड़ा से एम.पी के पिछे लग्जरी वाहन रखते थे
एसकोट में अभियुक्तों में पुछताछ में बताया की लग्जरी वाहनों से एसकोट करते हुये मादक पदार्थों की तस्करी के लिये एक माह में पांच- छः राउण्ड लगाते थे तथा एक बार ही पचास किलो से लेकर दौ सों किलों तक मादक पदार्थ खरीद कर शेखावटी व हरियाणा बॉडर्र व पंजाब में सप्लाई करते थे वारदात के दौरान पुलिस गस्ती दल पर निगरानी व बचने के लिये मादक पदार्थ से भरे वाहन से एक किलो मीटर पिछे व एक मीटर आगे एसकोट वाहन रखते थें तीन चार बजे के लगभग जयपुर में घुसते व पांच बजे बाद पुलिस गस्त के बाद जयपुर कोर्स करते
जिसमें वाहन को करीब 100-150 किलोमीटर की तेज रफतार से जयपुर कोर्स करते थे । कोई पुलिस गाडी यदि रास्ते में मिलती तो एसकोड कर रही गाडी पिछे चल रही अवैध मादक पदार्थ से भरी गाड़ी को पहले ही रूकने की सुचना देते थे तथा कुछ देर इंतजार कर गाडी साईड में लगाकर पुलिस गाड़ी को जाने के बाद निकल जाते थे ।
पुलिस से घिरा देखकर तस्करों ने वाहन को डिवायडर से टकराकर वापस गुमाने का प्रयास किया , वाहन डिवायडर से टकराने से टॉयर हुआ बलास्ट
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अभियुक्तगण 200 फिट बाईपास से कोर्स करते ही पुलिस की गाडीया ने पिछा करना शुरू किया व थानाधिकारी करधनी व डी . एस . टी पश्चिम प्रभारी गुरू भुपेन्द्र पुलिस निरीक्षक की टीम व थानाधिकारी मुरलीपुरा व एसीपी झोटवाडा , एसीपी वैशालीनगर ने एक्स प्रेस हाई वे गाडीयों को रोकने के लिये हाई वे दोनों तरफ अम्बुश लगाकर हाई वे जाम कर दिया । जैसे ही तस्करों के वाहन पहले से खडी पुलिस टीम के पास पहुचे व पिछे से आ रही पुलिस टीमों को देखकर डिवायडर पर वाहन को छडा दिया जिससे वाहन का चालक साईट का टॉयर बलास्ट हो गया जिस पर पिछा कर रहे पुलिस कर्मियों से टकराते टकराते बाल बचे व चलती गाड़ी से मुलजिम कुदकर फरार होने लगे जिनको पुलिस दलों ने दबोचा व मादक पदार्थ से भरा वाहन पुलिया से निचे गिरता गिरता बचा । जिसको केन की सहायता से वाहन को जप्त कर थाना लाया गया ।
आपराधिक इतिहास 1
बीरबल बासनी हत्याकांड पुलिस थाना नेछवा सीकर आरोपी मनोज नेहरा ने बताया कि जब बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहा था इस दौरान मै हिस्ट्रीशीटर महेन्द्र बासनी के सम्पर्क आया जिसके शराब के ठेके थे जिसका गांव में आना जाना था । एक दिन महेन्द्र बासनी अपने घरेलू कार्य की आवश्यकता की वजह से मुझसे पिकअप किराये पर ले गया उस पिकअप में यूपी से बुलाये हुये एक शुटर बिठाकर बिरबल बासनी का मर्डर करने के लिये लेकर गया बीरबल बासनी उसका दुश्मन था क्योकि बिरबल बासनी के साले बनवारी ने महेन्द्र बासनी की आँखो में तेजाब डाली थी । उस पिकअप से बीरबल का मर्डर करके शूटर के साथ यूपी चला गया और मेरी पिकअप अपने घर पर खडी कर गया । मैने पिकअप लाकर मेरे घर पर खड़ी कर दी और नैछवा पुलिस ने आकर पिकअप व मुझे लेकर चली गयी व बलवीर के मर्डर के मुकदमे में मुझे गिरफतार कर लिया जिसमें में 10 साल की सजा हो गयी । मै 2010 2020 तक जेल में रहा । मै सीकर जेल मे था तो वहा पर आपस में गुटबाजी हो गयी जिसमें राजु ठेठ व बलवीर बानुडा की गेंगे के बदमाश जेल मे थे बलबीर बानुडा 2012 में इसी जेल में आया था जिससे मेरी उससे गहरी जान पहचान हो गयी थी और मै जेल मे रहते हुये बलवीर बानुडा की दोस्ती के बाद आनन्दपाल की गैंग का समर्थक बन गया ।
एक दो बार जेल में ही दोनो गैंग के बीच में झगड़ा हो गया था और जेल में बन्दीयों की संख्या ज्यादा हो गयी थी इन दोनो कारणों से मेरा व दोनो गैंगो के कुछ बदमाशो को सन् 2012 में अलग अलग जेल में स्थानान्तरण हो गया और मेरा सीकर जेल से बीकानेर जेल में स्थानान्तरण हो गया । मै जब बीकानेर जेल मे गया था उससे पहले बीकानेर जेल में गणेशदान चारण सरपंच सीथल विक्रम सिंह , भवानी सिंह दातार सिंह , मुकेश सरपंच नेमीचन्द माली वगैरह छटे छटाये बदमाश जेल में ही थी जो सभी आन्न्दपाल गेंग के समर्थक थे जिनसे मेरी उठ बैठ हो गयी थी । सन् 2014 में बलवीर बानूडा , संजय पाण्डे , आन्न्दपाल सिंह , मंजीत सिंह , दातार सिंह भी बीकानेर जेल में आ गये थे । बीकानेर जेल में राजू ठेठ के भाई ओमा ठेठ के मामेर ससुर का लड़का जयप्रकाश जांजू भी था और उसके साथी रामपाल वगैरा भी थ जो राजु ठेठ की गैंग के सदस्य थी । जेल में आनन्द पाल व बलवीर बानूडा एक गुट था । राजू ठेठ व आनन्द पाल की पूर्व से ही दुश्मनी थी वो दुश्मनी जेल में भी बरकरार थी । जयप्रकाश जांजु से चालाकी से जेल के अन्दर आनन्द पाल व बलवीर बानुडा को मारने के लिये हथियार मंगवा लिये थे । जिससे जैल में रहते हुये गैगंवार हुआ । ●
मुख्य अभियुक्त मनोज जो आनन्दपाल गैंग के साथ बीकानेर जैल गैंगंवार में दो व्यक्तियों की हत्या के जुर्म में हुआ था
गिरफतार :
( रामपाल व जयप्रकाश जाजु हत्याकांड जुलाई 2014 ) बीकानेर जेल में आनन्द पाल , बलवीर बानूडा , गणेशदान चारण , सरपंच सीथल , विक्रम सिंह , भवानी सिंह , दातार सिंह , मुकेश सरपंच , नेमीचन्द माली व राजु ठेठ का रिश्तेदार जयप्रकाश जाजू रामपाल व अन्य सदस्य भी थे । दिनांक 24 जुलाई 2014 को शाम करीब 5-5.15 पीएम को जयप्रकाश व रामपाल ने आन्न्द पाल व उसके सदस्यो पर गोलिया चलाना चालू कर दी जिस पर बलवीर बानूडा के गोली लग गयी इस घटनाक्रम में बलवीर बानूडा के गोल लगने से उसकी मौत हो गयी थी तथा दूसरे गुट के जयप्रकाश जाजू व रामपाल की भी मृत्यु हो गयी थी । दोनो तरफ से मुकदमे दर्ज हुये । दोनो गुटों के परिवार वालो की तरफ से बीछवाल थाना जिला बीकानेर में मुकदमे दर्ज हुये । एक प्रकरण में आनन्दपाल , संजय पाण्डेय दातार पाण्डे , मंजीत सिंह , सुर्य वल्लभ भवानी सिंह , विक्रम सिंह , नेमीचन्द माली व मुझे गिरफतार कर लिया था तथा दूसरे पक्ष के ओमा ठेठ , हनुमान जाखड़ , मनोज औला , देवी सिंह वैगरा को गिरफतार किया गया था । दोनो मुकदमों में चालान होकर जमानत पर चल रहे है ।
घटना के बाद दोनो गैग के मुल्जिमानो के अलग अलग जेलो में शिफ्ट कर दिया था और मेरा , विक्रम सिंह , संजय पाण्डे , दातार सिंह को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट कर दिया था । सन् 2014 से सन् 2020 तक मै अजमेर जेल में ही रहा । उस दौरान राजू ठेठ अलवर जेल में था । आनन्द पाल व बलवीर बानूडा के खत्म होने के बाद में दोनो गैंग बिखर गयी थी उसके बाद दोनो गैंगो के बीच में आपस में कोई घटना नही हुयी । मेरी जमानत दिसम्बर 2020 में 10 साल 6 माह की सजा काटकर अजमेर जेल से रिहा हुआ । पुलिस को पुछताछ में अभियुक्त से पता चला है कि बीकानेर जैल में वर्ष 2014 हुई गैंगवार में आनन्दपाल गैंग का बलवीर बानुडा व राजु ठेठ की गैंग के दो बदमाशों की हत्या में शामिल था . तभी से राजु ठेठ से दुशमनी चल रही है , जो जैल से छुटते ही पैसे अवैध काम करके हथियारों के लिये पैसे जुटाकर अपने साथी बलवीर बानुडा की हत्या का बदला लेने व राजु ठेठ का चाहता था मारना जिसके कब्जे से एक लौडेड पिस्टल बरामद की गई । मनोज जैल से छूटते ही अपनी गैग में सदस्यों को वापसी जोड़ने के हुआ
सक्रिय जिससे दुबारा गैगं व अपना अधिकार चला सके ।
जेल से रिहा ( 2020 ) होने के बाद का घटनाक्रम 01. चौमूँ में सराफा व्यापारी की ज्वैलरी शोरूम की पाँच लोगों ने डकैती घटना को दिया था
अंजाम जब से आरोपी मनोज नेहरा चल रहा फरार पुछताछ पर बताया मनोज ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद 2-3 महिने घर पर रहा उसके बाद मार्च 2021 में मेरे पास घर पर सुमेर सिंह उर्फ वसुली निवासी बासनी लक्ष्मणगढ आया जिससे मेरी जान पहचान अजमेर जेल में हुयी थी जो एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे में जेल था जिसने मुझसे कहा की चौमू चलकर मेरे सट्टे के पैसे लेकर आने है जिस पर मैं उसके साथ मोटरसाइकिल पर चौमू आ गया मोटरसाइकिल सुमेर की थी तथा मोटरसाइकिल मै चला रहा था और चौमू के पास एक अन्य मोटरसाइकिल मिली जिस पर जीतू उर्फ जीतेन्द्र निवासी बाटडानाउ पाण्डे व दो अन्य व्यक्ति मिले जो सुमेर सिंह के आदमी थे । हम पांचो मिलकर चौमू में स्थित एक
सुनार के घर पर गये थे जिससे सुमेर सिंह क्रिकेट सट्टे के रुपये मांगते थे जिसके घर पर गये परन्तु यह घर पर नहीं मिला तब हम सुनार की दूकान पर करीब 200-2.30 बजे गये जहा सुनार की दूकान पर उक्त दुकानदार मिला जिस पर हमने सुनार की दूकान पर से रुपये व जेवरात लूट लिये और हम यहा से रवाना होकर उदयपुरिया मोड होते हुये सीकर आ गये और सीकर में बाईपास स्थित कोई होटल पर आ गये और मैने लूटे हुये रुपये व जेवरात बाटने के लिये कहा तो उन्होंने अगले दिन रुपये व जेवरात बाटने के लिये कहा फिर मैं उसी दिन सीकर से राजू जाट धौलासी के पास गुजरात में रहकर 1 माह तक फरारी काटी थी उक्त वारदात के बाद फरार हो गया जिस पर आरोपी मनोज के उपर 2 हजार रूपये का ईनामी घोषित है ।
02.नेछया जिला सीकर में हत्या के प्रयास की घटना को दिया अंजाम , जिसमें भी आरोपी मनोज है वह पुछताछ में बताया की में गुजरात से वापस सीकर सुरेन्द्र थालोड सावलोदा के पास आ गया । मई जून 2021 में नरसास गांव में शराब के ठेके को लेकर ताराचन्द व सुरेन्द्र सिंह के बीच में झगड़ा हो गया जिसमें में सुरेन्द्र सिंह , मनाराम , और दो - तीन साथी और ये हम बस बोलेरो से लाड़ी व सरिये लेकर गये थे , ताराचन्द चौधरी को विच रास्ते में रुकवाकर उसके हाथ पैर तोड़ दिये थे जिस कारण हमारे खिलाफ थाना नेछवा में धारा 308 आईपीसी का मुकदमा दर्ज हो गया था ।
जिसमें में अभी तक फरार चल रहा हूँ । उसके बाद मै य सुरेन्द्र दोनों मिलकर डोडा पोस्त पूरा एनटीपीएस एक्ट का काम करने लग गये । मुलजिम सुरेन्द्र सिंह का आपराधिक इतिहास मुलजिम सुरेन्द्र ने पुछताछ में बताया कि वर्ष 2000 में पारिवारीक झगड़े में रिस्ते में लगने वाले घाथा रामेश्वर की मौत हो गयी थी जिसमें पाच मुलजिम मेरे पिता माधाराम , भाई सुनील , देवेन्द्र , बुआजी का लटका सुनील व मैं गिरफ्तार हुआ जिसमें आजीवन कारावास की सजा हुई थी , उसमें 08 साल जैल में रहा फिर न्यायालय द्वारा बरी किया गया ।
गैंग को मजबूत करने एवं बड़ा पैसा इक्कटा करने के लिये वैध मादक पदार्थों की तस्करी का कारोबार किया
प्राश्न पुछताछ में आरोपीयों ने बताया कि 10 साल जैल में रहने के बाद आनन्दपाल सिंह की गैंग को दुबारा चालू करने व साथीयों को एक जुट करने के लिये नवम्बर 2021 से मैने व सुरेन्द्र में डोडा पूरा का काम शुरू कर दिया । अब तक प्रत्येक माह में 4-5 कर मादक पदार्थ भीलवाडा व मध्यप्रदेश से लाकर शेखावाटी , हरियाणा व पंजाब तक सप्लाई करते थे प्रत्येक चक्कर में हम दोनो 1800 रुपये प्रति किलो के हिसाब से हर बार में डोडा पोस्त लेकर आते थे व 3000 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आगे बेचते थे । प्रति चक्कर पर हमे खर्चा काटकर 40-50 हजार रुपये की बचत हो जाती थी । अब तक 15 से 20 किविंटल दोडा पोस्त बुरा लाकर सप्लाई कर चुके है जिसमें लाखों रुपये का मुनाफा हुआ है । आरोपी बढी गैंग के सदस्य है जिनसे पुछताछ जारी है . पुछताछ में और भी कई वारदातों का खुलासा होने की संभावना है ।
बेरोजगार एवं पढ़ने वाले लड़कों को शामिल किया गैंग में :
पुछताछ पर आरोपी मनोज नेहरा ने बताया कि 10 साल जैल में रहने के बाद घर आ गया था कोई काम धन्धा नहीं था तथा विरोधी गैंग से भी जान को खतरा था , जैल में रहने के दौरान कई दर्जनों अपराधीयों से दोस्ती हो गयी थी तथा जैल से बाहर आ गये थे उनसे सम्पर्क किया और नये लड़कों को बड़ा पैसा कमाने का लालच देकर अपनी गैंग में शामिल किया गया जिनमें गिरफतार शुद्वा आरोपी नितेश , अशोक , गोगराज को रूपये का लालच देकर शामिल किया और भी काफी लडके है जो मनोज के साथ कई वारदातों में शामिल रहे है । जिनके बारें पुछताछ कर जानकारी ली जा रही है ।
तस्करी में जप्त शुद्धा वाहनों को विवरण
01. एक स्कारपियों बिना नम्बरी जो सुरेन्द्र सिंह के चाचा मग्गाराम के नाम है ।
02. आई 20 नम्बर आर जे 23 सी डी 0589 जो मुलजिम अशोक के नाम से है , जिसको जरिये इकरारनामा महेश निवासी को बेचना बताया है ।
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