बाड़मेर में एक झोपड़ी में लगीं आग तीन बच्चों जिंदा जलाया, झोपड़ी हुआ राख - JALORE NEWS
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3 मासूम बच्चे जिंदा जले, मामूली सी लापरवाही बनी काल, हड़कंप मचा - 3 innocent children burnt alive, slight negligence became death, there was a stir
देखते-देखते राख हुई झोपड़ी
नागाणा के थानाधिकारी नरपतदान ने बताया- बुधवार दोपहर करीब तीन बजे खेत में बने झोपड़ी में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते लपटें उठने लगीं। गांव वाले मौके पर पहुंचे। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। देखते ही देखते झोपड़ी राख हो गई। झोपड़ी में खेल रहे सरूपी (4) पुत्र हाकम सिंह निवासी सांसियो की बस्ती बांदरा, अशोक सिंह (2) पुत्र हिंगोल सिंह निवासी मिठड़ा, रुकमा (7) पुत्री हिंगोल सिंह निवासी मिठड़ा की मौत हो गई। अशोक सिंह और रुकमा सगे भाई-बहन हैं।
सरूपी के दादा रिडमल सिंह ने बताया- मैं मेरे भाई का परिवार साथ में ही रहते हैं। मेरे भाई हिंगौल की 4 साल पहले डेथ हो गई थी। हम लोग पड़ोस के गांव में शादी समारोह में गए हुए थे। पीछे मेरे भाई की पत्नी मेरा पोता और भतीजा-भतीजी घर पर थे। दोपहर करीब 3:00 झोपड़ी में आग लग गई।
दोनों बहन-भाई के पिता नहीं - Both are not father of brother and sister
रुकमा और अशोक बहन-भाई थे। दोनों मां के साथ रहते थे। दोनों का एक भाई जुझार सिंह ननिहाल मिठड़ा में रहता है। पूरा परिवार खेती पर निर्भर है।
झोपड़ी के गेट की तरफ लगी आग - hut gate fire
प्रत्यक्षदर्शी नगसिंह ने बताया- झोपड़ी में धुआं निकलता देख वहां से गुजर रहे बच्चे चिल्लाने लगे। ग्रामीण भागकर मौके पर पहुंचे। झोपड़ी के गेट की तरफ आग लगने की वजह से बच्चे बाहर निकल नहीं पाए। रेत व पानी की बाल्टियां लाकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, परंतु देर हो चुकी थी। तीनों बच्चों का शव डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की मोर्म्युरी में रखवाया गया है। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
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