Rajasthan budget 2023 2024 : राजस्थान बजट 2023 - 2024 में किसको क्या मिला जाने आपके लिए खास क्या - JALORE NEWS
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Rajasthan budget 2023 2024 : राजस्थान बजट 2023 - 2024 में किसको क्या मिला जाने आपके लिए खास क्या - JALORE NEWS
जयपुर ( 10 फरवरी 2023 ) Rajasthan budget 2023 2024 राजस्थान सरकार के बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार यूथ को भी बहुत कुछ दिया है। सबसे बड़ी राहत कॉम्पिटिशन एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को मिली है। सभी भर्ती परीक्षाओं को मुफ्त करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स को फायदा होगा। साथ ही, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए डिजिटल लाइब्रेरी और आवासीय हॉस्टल भी बनेंगे। सबसे बड़ी घोषणा पहली से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए है। इन्हें RTE (राइट टु एजुकेशन) के तहत फ्री में पढ़ाया जाएगा। वर्तमान में करीब 40 हजार से ज्यादा स्कूल RTE पोर्टल पर रजिस्टर्ड है। इसमें करीब 4 लाख से ज्यादा सीटें हैं।
कॉलेज में ही कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था सरकार की ओर से की जाएगी। ताकि पढ़ाई के दौरान ही नौकरी मिल जाए। प्रदेश में प्रदेश के करीब 4 हजार कॉलेज में पढ़ाई के बाद स्टूडेंट को नौकरी को मिल सकती है। इसका सीधा लाभ 20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिलेगा।
अशोक गहलोत ने पहले ही ये क्लियर कर दिया था कि इस बार का बजट यूथ को ध्यान में रखते हुए होगा। सरकार ने खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए आने वाले साल में पूरे प्रदेश में राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक का आयोजन कराने का निर्णय लिया है। साथ ही, युवाओं के लिए राजीव गांधी नेशनल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम की शुरुआत की जाएगी। छात्राओं को स्कूटी योजना के तहत इलेक्ट्रिक स्कूटी वितरित की जाएगी। भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यह एसओजी के अधीन होगी।
कॉम्पिटिशन एग्जाम
SOG के अधीन हाईटेक स्पेशल टास्क फोर्स (STF) का गठन किया जाएगा।
सभी जिलों में ऑनलाइन सुविधा युक्त एग्जामिनेशन सेंटर बनाए जाएंगे। इसके लिए 250 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
प्रतियोगी परीक्षा में अब बायोमेट्रिक तकनीक से अटेंडेंस होगी।
वन-टाइम रजिस्ट्रेशन प्रणाली लागू की जा रही है। इसमें आवेदन के बाद प्रदेश में होने वाली सभी भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी फ्री में शामिल हो सकेंगे। इस योजना पर 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 50 लाख से ज्यादा कैंडिडेट को फायदा होगा।
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए जिला मुख्यालय पर 75 करोड़ की लागत से स्टडी सेंटर के साथ आवासीय हॉस्टल बनेंगे। इसमें 100 युवा एक साथ ठहर सकेंगे।
राजस्थान में ब्लॉक मुख्यालयों पर सावित्री बाई वाचनालय और डिजिटल लाइब्रेरी बनाई जाएगी।
RPSC और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के आधुनिकीकरण के लिए 50 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
रोजगार
4 साल के कार्यकाल में 1 लाख 42 हजार पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है। वहीं 1 लाख 81 हजार से ज्यादा प्रक्रियाधीन है। ऐसे में राजस्थान में 5 साल में कुल 3 लाख 23 हजार पदों पर भर्ती की जा रही है।
2023 में 100 जॉब फेयर लगाए जाएंगे। इसमें 30 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश के कॉलेजों में कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था भी की जाएगी
18 से 35 साल तक की उम्र के युवाओं को मुख्यमंत्री लघु उद्योग योजना के साथ 10 से 15 प्रतिशत तक 5 लाख तक की सीमा की मार्जिन मनी दी जाएगी।
स्वरोजगार के लिए विश्वकर्मा कल्याण योजना शुरू की जाएगी। युवाओं को 5000 रुपए तक सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इससे एक लाख युवा लाभान्वित होंगे।
स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए युवाओं को 250 करोड़ की राशि दी जाएगी। इसके साथ ही उन्हें आई स्टार्ट फंड के माध्यम से मैचिंग शेयर की सीमा 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई है।
राजस्थान के युवाओं को स्टार्टअप में सहयोग करने के लिए 75 करोड़ रुपए की लागत से स्कूलों और कॉलेजों में आई स्टार्ट लॉन्च पैड की स्थापना की जाएगी।
राजस्थान के 30,000 हस्तशिल्पी कलाकारों को राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मेलों और प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा 10,000 की सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी
कॉलेज
कोटा में RSMML (राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड) के सहयोग से माइनिंग यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी।
राजीव गांधी स्कॉलरशिप योजना में 200 बच्चों की जगह अब 500 बच्चों को हर साल वित्तीय सहायता दी जाएगी।
कॉलेज में NET(National Eligibility Test), SLET(State Level Eligibility Test) वाले शोधार्थियों को 20 हजार की स्कॉलरशिप दी जाएगी।
हायर एजुकेशन में शोध, सेमिनार, नए रिसर्च के लिए 25 हजार तक की सहायता राशि दी जाएगी।
टीचर्स इंटरफेज ऑफ एक्सीलेंस के तहत 500 शिक्षकों का चयन कर देश-विदेश में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा।
हायर एजुकेशन में शैक्षणिक सुधार और ओरिएंटेशन के लिए जयपुर में फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी स्थापित की जाएगी। इस पर 20 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
राजस्थान में नए आईटीआई सेंटर खोले जाएंगे।
140 करोड़ रुपए से कॉलेज का रिनोवेशन किया जाएगा।
राजस्थान स्किल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी किया जाएगा और नए कॉलेज खोले जाएंगे।
स्कूल
कालीबाई भील और देवनारायण योजना के अंतर्गत 30,000 बालिकाओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी दी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम शुरू की जाएगी। इसके तहत बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर तक 75 किलोमीटर तक फ्री में सफर कर सकेंगे।
प्राइवेट स्कूलों में अब राइट टु एजुकेशन (RTE) एक्ट के तहत क्लास 1 से 12 तक बच्चों को फ्री में एजुकेशन मिल सकेगी।
सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स को फ्री स्कूल यूनिफॉर्म दी जाएगी। इस पर 560 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 1-1 हजार महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाएंगे।
प्रत्येक ब्लॉक और मुख्यालय स्तर पर एक-एक महाविद्यालय में चारों संकाय की सुविधा होगी।
सरकारी स्कूलों के रिनोवेशन के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
ये है स्कूटी योजना
राजस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए कालीबाई भील और देवनारायण मेधावी छात्रा स्कूटी योजना शुरू की गई थी। इसके तहत राजस्थान बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 65% अंक और सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा में 75% अंक प्राप्त किए हैं वे छात्राएं आवेदन कर सकती हैं। इनमें सरकारी स्कूलों की 75% छात्राओं को, जबकि निजी स्कूलों की 25% छात्राओं को स्कूटी दी जाती है।
टैक्स
- कोई नया टैक्स नहीं लगाने की घोषणा। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की कीमतें हर साल 10 फीसदी की जगह 5
फीसदी ही बढ़ोतरी होगी।
- आबकारी एमनेस्टी स्कीम में ब्याज छूट, मूल राशि में
50 फीसदी छूट।
युवा - रोजगार
- 500 करोड़ रुपए का युवा कल्याण कोष का गठन किया जाएगा।
- भर्तियां समय पर की जाएंगी। पेपर लीक को रोकने
के लिए एसओजी के अधीन आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो पेपर लीक रोकने के कदम उठाएगी।
• हर जिले में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र खोले जाएंगे, 250 - करोड़ की लागत आएगी।
- सभी भर्ती परीक्षाएं अब फ्री होंगी, भर्ती परीक्षाओं में
किसी तरह की फीस नहीं ली जाएगी।
स्पोर्ट्स
राजस्थान में 229 खिलाड़ियों को आउट ऑफ द पॉलिसी के तहत 7 विभाग में सरकारी नौकरी दी गई है।
भविष्य में पदक विजेताओं को खेल विभाग में ही नियुक्ति दी जाएगी। ताकि खेल विशेष में खिलाड़ियों को ट्रेनिंग भी दे सके।
राजस्थान में 100 नए कोच की भर्ती की जाएगी।
राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलिंपिक का एक साथ आयोजन किया जाएगा। इसमें 150 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
राजस्थान के 7 संभाग में सलीम दुरानी आवासीय स्पोट्र्स स्कूल बनाए जाएंगे। इसमें 105 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम के निर्माण के लिए मैचिंग ग्रांट 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपए की गई है।
कला-संस्कृति
- आर्टिजन को 10 हजार की सहायता दी जाएगी।
- राजस्थान लिटरेचर फेस्टिवल किया जाएगा, तीन तरह के लिए अवॉर्ड दिए जाएंगे।
• जयपुर में कला पर इंटरनेशल स्तर का इवेंट होगा। -
- मुख्यमंत्री लोक कलाकार योजना शुरू होगी, इसमें 100 दिन तक लोक कलाकारों को सरकार काम देगी। लोक कलाकारों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए सहायता दी जाएगी। 100 करोड़ का बजट तय किया । - सभी समुदायों में शांति बनाए रखने के लिए शांति एवं सद्भाव केंद्र की स्थापना होगी। देश में पहला राज्य है राजस्थान ।
CM गहलोत ने पिछले साल का बजट भाषण पढ़ा:कुछ देर पुरानी लाइनें पढ़ते रहे, बाद में सदन में माफी मांगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। कुछ देर तक वह पुराना बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर CM के कान में कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका, तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब किसी विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ा गया हो और इस पर जोरदार हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही दो बार रोकनी पड़ी। CM गहलोत बजट भाषण के लिए जब तीसरी बार खड़े हुए तो माफी मांगी। उन्होंने कहा- जो कुछ हुआ उसके लिए सॉरी फील करता हूं।
विपक्षी सदस्य भारी हंगामा करते हुए सदन के वेल में आ गए थे। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पुराना बजट पढ़ा है। भारी हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा को तलब किया और अफसरों की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की।
राजस्थान बजट 2023-24: पुराने पन्नों से राजस्थान की राजनीति में उठे भंवर में फंसे जादूगर गहलोत
राजस्थान में दोहरे फ्रंट पर जूझ रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राज्य का बजट पेश करते हुए वो चूक हो गई, जिसकी कल्पना शायद उनके विरोधियों ने भी नहीं की थी। मुख्यमंत्री कुछ मिनटों तक पुराने बजट के पन्ने पढ़ते चले गए। जिस लोक-लुभावन बजट की भूमिका उनकी सरकार की ओर से पिछले लंबे अर्से से बांधी जा रही थी, वो चंद मिनटों में धूमिल हो गई। देखते ही देखते पुराना बजट पढ़ने का मुख्यमंत्री गहलोत का वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया।
खुद को राजनीति का जादूगर कहने वाले अशोक गहलोत की छवि पर इस घटना का प्रतिकूल असर पड़ना निश्चित है। इस घटना को वह कैसे काउंटर करेंगे? यह आगे आने वाले दिनों में देखना होगा, क्योंकि न केवल विपक्षी भाजपा को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है, बल्कि सचिन पायलट गुट और कांग्रेस में उनके विरोधी भी इस मुद्दे पर आक्रमक होंगे।
महज संयोग या लापरवाही?
इसे महज संयोग कहा जाए या लापरवाही, आखिर मुख्यमंत्री की बजट कॉपी में पिछले साल के बजट के पन्ने आए कैसे? मुख्यमंत्री इसे एक मानवीय भूल कहकर टाल नहीं सकते हैं। उन्होंने बजट की पूर्व संध्या पर वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ ग्रुप फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी और बजट को युवाओं के लिए समर्पित बताया था।
जब मुख्यमंत्री पुराने बजट के पन्ने पढ़ रहे थे, तब एक आईएएस अधिकारी ने यह बात मुख्य सचेतक व कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी तक पहुंचाई। जोशी ने कैमरों के सामने ही मुख्यमंत्री के कानों में बजट रोकने के लिए कहा, जो रिकॉर्ड हो गया। इस पर विपक्षी भाजपा का आरोप है कि बजट लीक हुआ, क्योंकि डॉ. महेश जोशी को कैसे पता चला कि मुख्यमंत्री पुराने बजट के पन्ने पढ़ रहे हैं? सरकार को चाहिए कि वो बजट लीक हुआ या नहीं हुआ, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराए, ताकि विपक्ष के आरोप में कितना दम है, इसका दूध का दूध-पानी का पानी हो जाए।
पायलट को मिल गया मौका
मुख्यमंत्री गहलोत को इस प्रकरण के बाद अपने विरोधी सचिन पायलट से भी निपटना होगा। वो पायलट के साथ कुर्सी की लड़ाई में इस सरकार के गठन के समय से उलझे हुए हैं। वर्ष 2020 में सचिन पायलट गुट की बगावत के बाद उनकी सरकार और संगठन पर पकड़ बेहद मजबूत हो गई थी। हालांकि, पिछले साल सितंबर में जब वो करीब-करीब कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की ओर बढ़ गए थे, तब सरकार में दूसरी बगावत उनके गुट के मंत्रियों और विधायकों की तरफ से हुई।
कांग्रेस पार्टी को आनन-फानन में मलिकार्जुन खड़गे को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना पड़ा था। ऐसा माना जा रहा है, तब से मुख्यमंत्री गहलोत की छवि आलाकमान (गांधी परिवार) के आगे कमजोर हुई है।
सचिन पायलट लगातार सत्ता में परिवर्तन का दबाव बना रहे हैं, लेकिन अशोक गहलोत, पायलट के सभी दावों को पलटते आ रहे हैं। सचिन पायलट को कोई भी मौका नहीं मिल पा रहा था, लेकिन आज के प्रकरण में भाजपा के साथ सचिन को भी एक बड़ा मौका दे दिया है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव से 9 महीने पहले सचिन पायलट 'बजट के पुराने पन्ने' को कितना हवा में उछाल पाते हैं। रायपुर में इसी महीने के अंत में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होना है। इस अधिवेशन में पुराने बजट के पन्ना प्रकरण को गहलोत विरोधी गुट द्वारा उठाया ही जाएगा। विरोधी कह सकते हैं कि अब युवा नेतृत्व को राजस्थान में आगे बढ़ाया जाए, क्योंकि जब मुख्यमंत्री इतना नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या पढ़ना और क्या नहीं पढ़ना? तो जनता में कैसे उनके नेतृत्व में सरकार रिपीट का संदेश जाएगा?
50 साल से सक्रिय राजनीति कर रहे अशोक गहलोत के समक्ष पिछले 4 साल का यह सबसे बड़ा संकट नजर आने लगा है। इन पुराने बजट पन्नों को जितनी हवा मिलेगी, उतना ही उनकी कुर्सी पर संकट गहराता दिखेगा। इस बार वह जादू की कौन सी छड़ी चलाते हैं? यह देखना होगा, क्योंकि गहलोत बजट को इस चुनाव नहीं, बल्कि वर्ष 2028 के विधानसभा चुनाव का बजट बता रहे हैं।
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