जालोर में ईद-उल-अजहा का पर्व श्रद्धा और भाईचारे के साथ मनाया गया, शाही मस्जिद में अमन-चैन की दुआएं मांगी - JALORE NEWS
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Eid-ul-Azha-was-celebrated-with-devotion-and-brotherhood-in-Jalore-prayers-for-peace-were-offered-in-Shahi-Mosque |
जालोर में ईद-उल-अजहा का पर्व श्रद्धा और भाईचारे के साथ मनाया गया, शाही मस्जिद में अमन-चैन की दुआएं मांगी - JALORE NEWS
पत्रकार श्रवण कुमार ओड़ जालोर
जालोर ( 7 जून 2025 ) JALORE NEWS जालोर शहर समेत जिलेभर में शनिवार को ईद-उल-अजहा का पर्व पूरे श्रद्धा, उल्लास और आपसी भाईचारे के साथ मनाया गया। अलसुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोग पारंपरिक परिधानों में सजधज कर मस्जिदों की ओर रवाना होने लगे। शहर की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद और शाही ईदगाह मस्जिद में विशेष नमाज़ का आयोजन हुआ, जहां हजारों की संख्या में अकीदतमंदों ने हिस्सा लिया।
शाही जामा मस्जिद में शाही इमाम मौलाना मारूफ साहब ने नमाज़ अदा करवाई और देश में अमन-चैन, भाईचारे, खुशहाली और इंसानियत की भलाई के लिए विशेष दुआ की। नमाज़ के बाद लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी और "ईद मुबारक" की गूंज से माहौल खुशनुमा हो उठा।
शहर की शाही ईदगाह मस्जिद में भी ईद-उल-अजहा की नमाज़ अकीदत के साथ अदा की गई, जहां नमाज़ियों ने अपने मुल्क की सलामती और समाज में सौहार्द की भावना को मजबूत करने की दुआएं मांगीं। नमाज़ के बाद मुस्लिम समाज ने परंपरागत रूप से कुर्बानी की रस्म निभाई, जो त्याग, सेवा और आस्था का प्रतीक मानी जाती है।
ईद-उल-अजहा के इस पावन मौके पर शहर में पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। विभिन्न सामाजिक संगठनों और गणमान्य लोगों ने भी मुस्लिम समाज को ईद की शुभकामनाएं दीं।
यह पर्व न सिर्फ आस्था का प्रतीक है, बल्कि त्याग, समर्पण, प्रेम और भाईचारे की मिसाल भी पेश करता है। जालोर की सरज़मीं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यहां हर मजहब और संस्कृति को समान आदर और अपनापन मिलता है।
ईद-उल-अजहा पर जालोर की सरज़मीं ने फिर यह सिद्ध कर दिया कि यह धरती सिर्फ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से ही नहीं, बल्कि आपसी भाईचारे, सौहार्द और इंसानियत की मिसालों से भी समृद्ध है।
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