अनार उत्पादक कृषकों के लिए एडवायजरी जारी - JALORE NEWS
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अनार उत्पादक कृषकों के लिए एडवायजरी जारी - JALORE NEWS
जालोर ( 17 दिसम्बर 2021 ) जिले के कृषि (विस्तार) विभाग द्वारा अनार के उत्पादक कृषकों के लिए फसल के रखरखाव एवं बेचान के लिए विस्तृत एडवायजरी जारी की गई है।
उपनिदेशक आर.बी. सिंह ने बताया कि जिले के जीवाणा में अनार की मंडी शुरू हो गई है। गत वर्ष के अनुभव के आधार पर कृषक अधिक मूल्य पाने की होड में जल्दबाजी दिखाते हुए अपने अनार का फल पूर्ण पकाव की स्थिति से पूर्व ही तुडाई कर अनार मंडी में भिजवा रहे है जो उचित नहीं है। ऐसा करने से छोटे आकार के अनार मंडी में भरमार हो जाने से कृषकों को उनके अनार का उचित मूल्य प्राप्त नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि अनार के फल किस्म के अनुरूप फूल आने के 135-175 दिनों के बाद जब सामान्यतः अनार के फल में टीडीएस/अम्लता 25-40 हो जाती है तभी तुडाई योग्य होते है। अनार का फल पूर्णतया पकने के बाद हाथ से थपकी देने पर धातु ध्वनि उत्पन्न करता है। फल को हाथ की हथेली के मध्य रखकर दबाने पर अन्दर से दाने तडकने की आवाज आती है। फलों की परिपक्वता फलों के रंग के आधार पर भी निर्धारित की जाती है जैसे लाल रंग की किस्मों का रंग 75-80 प्रतिशत लाल हो जाता हैं। फल के अंतिम छोर पर उपस्थित कलिका अन्दर की ओर मुड जाते है और कठोर हो जाते हैं। अनार का फल नॉनक्लाईमैट्रिक प्रकार का होने के कारण फल को अपूर्ण परिपक्व तोडने पर फलों की गुणवत्ता, फल तुडाई के उपरान्त खराब होने लगती है।
उन्होंने अनार की विभिन्न श्रेणी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सुपर श्रेणी के अच्छे आकर्षक चमकदार लाल रंग के छिलके वाला धब्बारहित अनार जिसका भार 750 ग्राम से अधिक हो , आकर्षक लाल रंग के छिलके वाला धब्बारहित अनार जिसका भार 500 से 750 ग्राम के मध्य हो किंग श्रेणी, चमकदार छिलके वाला धब्बारहित अनार जिसका भार 400 से 500 ग्राम के मध्य हो क्वीन श्रेणी, पूर्ण परिपक्व चमकदार लाल रंग के छिलके वाला धब्बारहित अनार जिसका भार 300-400 ग्राम के मध्य हो प्रिंस श्रेणी, पूर्ण परिपक्व लाल रंग के छिलके वाला धब्बारहित अनार जिसका भार 250 से 300 ग्राम के मध्य हो 12। श्रेणी, पूर्ण परिपक्व लाल रंग छिलके वाला कुछ धब्बे वाला अनार जिसका भार 250-300 ग्राम के मध्य हो 12ठ श्रेणी में है।
उन्होंने जिले के समस्त अनार उत्पादक कृषकों से अपील की है कि वे अपने फसल के पूर्ण पकाव होने पर ही तुडाई कर मंडी में भिजवाये ताकि उन्हें उपज का उचित मूल्य मिल सकें। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी किसान सेवा केन्द्र/कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग में सम्पर्क किया जा सकता है।
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