जावाल नगर पालिका में 66.37 लाख रुपये का घपला, बीडीओ रानु इंकिया और फाऊलाल सुथार की सामने मिलीभगत - JALORE NEWS
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जावाल नगर पालिका में 66.37 लाख रुपये का घपला, बीडीओ रानु इंकिया और फाऊलाल सुथार की सामने मिलीभगत - JALORE NEWS
सिरोही ( 23 दिसम्बर 2021 ) जावाल नगर पालिका पिछले 8_9 महीने से चर्चा का विषय बनी है। हर रोज़ नए नए चौका देने वाले मामले सामने आ रहे है। जावाल पंचायत द्वारा बड़ा घोटाला और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी फाऊलाल सुथार के द्वारा अवैध भुगतान करने के आरोप के बीच अब नया घपला उजार हो गया।
आपको बता दें सिरोही विकास अधिकारी रानु इंकिया की भूमिका अब ख़ुलकर सामने आ गयी है। सिरोही कलेक्टर भगवती प्रसाद ने आरोप पत्र रानु इंकिया को सौपा जिसमें कहा गया है कि 11 अप्रैल 2021 को जावाल नगर पालिका घोषित होने के बाद भी नगर पालिका को रिकोर्ड चार्ज हैडओवर नही करवाया गया। जिसके कारण 66.37983 रू का भुगतान किया। जिसको लेकर अतरिक्त विकास अधिकारी युगल किशोर धाबाई ने तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी फाऊलाल सुथार के खिलाफ वितिय अनमिययता को लेकर बरलुट थाने में एफआईआर करवाई गयी है। जिस पर बरलुट SHO शंकर लाल ने मुकदमा कायम ना करते हुए जांच में रखा गया है।
Scam of Rs 66.37 lakh in Jawal Municipality, BDO Ranu Inkiya and Faulal Suthar in front of complicity - JALORE NEWS
Sirohi (23 December 2021) Javaal Municipality has been a topic of discussion for the last 8_9 months. Every day new shocking cases are coming to the fore. Between the big scam by the Jawal Panchayat and the allegations of illegal payment by the then Village Development Officer Faulal Suthar, now a new scandal has come to the fore. Let us tell you that the role of Sirohi Development Officer Ranu Inkiya has now come to the fore. Sirohi Collector Bhagwati Prasad handed over the charge sheet to Ranu Inkiya in which it has been said that even after being declared as Jawal Municipality on April 11, 2021, the record charge handover was not done to the
municipality. Due to which Rs 66.37983 was paid. Regarding which Additional Development Officer Yugal Kishore Dhabai has lodged an FIR against the then Village Development Officer Faulal Suthar in Barlut police station for financial irregularities. On which Barlut SHO Shankar Lal did not maintain the case and has been kept in the investigation.
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