राजस्थान का नाम मात्रा एक ऐसा जिला जहां पर अधिक संख्या में एड्स के शिकार हैं आज भी लोगों - JALORE NEWS
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राजस्थान का नाम मात्रा एक ऐसा जिला जहां पर अधिक संख्या में एड्स के शिकार हैं आज भी लोगों - JALORE NEWS
सिरोही ( 20 जनवरी 2023 ) There is also such a district in Rajasthan. Where more number of people are falling prey to AIDS विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार भले ही एड्स पर करोड़ों रुपए का व्यय कर प्रचार-प्रसार करने में लगे हैं और 'सावधानी ही रोकथाम' जैसा बचाव का नारा पूरे देश में गूंज रहा है, पर इसकी जमीनी हकीकत देखें तो मामला उल्टा ही है। इस रोग की जानकारी के बारे में कई विज्ञापन प्रसारित किए जाते हैं और कई गैर शासकीय संस्थाए इसके लिए काम भी कर रही हैं। बावजूद इसके आज भी आमजन इस रोग से पीड़ित लोगों को हीन भावना से देखते हैं। ऐसे मरीजों में हीन भावना बड़ जाती है और एक साथ दो बिमारियों से लड़ते हैं जिससे उनका मनोबल गिरता है और वो ज्यादा बीमार होते जाते हैं।
राजस्थान में एक ऐसा जिला भी है। जहां पर अधिक संख्या में लोग एड्स के शिकार हो रहे हैं। जी हां राजस्थान का सिरोही जिला देश और दुनिया में पर्यटन के नक्शे पर अपनी पहचान रखता है. सिरोही के माउंट आबू में देश और दुनिया के पर्यटक आते है. माउंट आबू की पहचान राजस्थान के शिमला के रुप में होती है. गर्मियों में बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर से लेकर बीकानेर और अजमेर से लेकर भरतपुर, अलवर और जयपुर तक सभी लोग घूमने के लिए माउंट आबू जाते है. यहां लाखों पर्यटक आते है. तो पर्यटन के जरिए कई लोगों को रोजगार भी मिलता है. लेकिन पिछले कुछ समय में सिरोही की पहचान बढ़ते एड्स मरीजों की संख्या के रुप में सामने आ रही है.
सिरोही जिले में इन दिनों एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जो कि एक चिंता का बड़ा विषय है हालांकि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस बीमारी की रोकथाम को लेकर भरसक प्रयास कर रहा है लेकिन मरीजों का आंकड़ा लगातार फिर भी बढ़ता जा रहा है
सिरोही जिले में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या का बढ़ना एक चिंता का विषय है. 7 वर्ष पूर्व यहां पर एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 500 से अधिक थी. लेकिन आज एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़कर 13 सौ से अधिक पहुंच चुकी है. पिछले 7 वर्षों में एचआईवी के कारण 300 से अधिक एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है. जिले में करीब 50 से अधिक मरीज ऐसे हैं जिन्होंने दवाई लेने से इनकार कर दिया. हर साल करीब डेढ़ सौ से 200 मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है जो कि एक गंभीर विषय है, स्वास्थ्य विभाग इसकी रोकथाम को लेकर भरसक प्रयास कर रहा है. जन जागरूकता और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहै हैं. लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.
सिरोही में क्यों बढ़ रहा एड्स - Why is AIDS increasing in Sirohi?
सिरोही जिले में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण अशिक्षा बताया जा रहा है. जिसके कारण जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सिरोही जिला आज भी पिछड़े जिलों की गिनती में शामिल है. जिसका असर एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या में देखने को मिल रहा है. यदि समय रहते जिले के हालात नहीं सुधरे तो काफी गंभीर परिणाम यहां पर भुगतने पड़ सकते हैं. वहीं जिले का अधिकांश भाग आदिवासी क्षेत्र में ऐसे में वहां जागरूकता को लेकर प्रशासन लगातार प्रयासरत है. लेकिन इन अभियानों में और ज्यादा तेज़ी लाने की आवश्यकता है.
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कैसे फैल रहा इन जिलों में एड्स - How is AIDS spreading in these districts?
एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर प्रदीप चौधरी ने बताया कि इन जिलों में माइग्रेशन ज्यादा है। यहां से जाने वाले लोग काम के सिलसिले में कई महीनों तक घर वापस नहीं आते हैं। ये जहां काम के लिए जाते हैं वहीं इनका रेड लाइट एरिया में जाना-आना हो जाता है। ऐसे में ये एचआईवी का वायरस अपने जिले में लाते हैं। इस तरह यहां एचआईवी पॉजिटिव की संख्या दूसरे जिलों के मुकाबले बढ़ती जाती है।
पुष्कर में मिला था राजस्थान का पहला केस - Rajasthan's first case was found in Pushkar
स्वास्थ्य विभाग में राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा के मुताबिक राजस्थान में ये बीमारी आज से 35 साल पहले दस्तक दे चुकी थी। अजमेर के पुष्कर में साल 1987 में एक विदेशी युवक में इस वायरस को डिटेक्ट किया गया था। तब से अब तक राजस्थान में लगातार एड्स के केस मिल रहे है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एड्स के मामले में राजस्थान देश में 12वें नंबर पर आता है और यहां हर साल इस बीमारी से औसतन 280 लोगों की मौत होती है।
इन चार कारणों से फैलती है ये बीमारी - This disease spreads due to these four reasons
डॉ. शर्मा के मुताबिक अधिकांश लोगों में गलतफहमी या कहे गलत जानकारी है कि एड्स छून, साथ खाने या साथ बैठने से फैलता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है। अब तक हुए रिसर्च में ये सामने आया है कि ये बीमारी केवल 4 कारणों से फैलती है। इसमें सबसे बड़ा कारण असुरक्षित शारीरिक संबंध स्थापित किए जाए किसी संक्रमित व्यक्ति से। इसके अलावा दूसरा बड़ा कारण संक्रमित व्यक्ति का दिया गया ब्लड किसी सामान्य व्यक्ति के चढ़ाया जाए। तीसरा कारण किसी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग ली गई सिरिंज का उपयोग सामान्य व्यक्ति के किया गया हो या किसी संक्रमित महिला से उसके पैदा होने वाले बच्चे में। इन चार कारणों से ही ये बीमारी फैलती है।
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एड्स के लक्षण क्या हैं - what are the symptoms of aids
एड्स एचआईवी की एडवांस्ड स्टेज होती है. कई बार इसके लक्षण पांच से 10 साल में दिखते हैं. इसमें बुखार, दस्त, मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना, शरीर से अधिक पसीना निकलना, बार-बार थकान महसूस होना, अचानक वजन कम होना, तेज गले, जांघों और बगलों की लिम्फ नोड्स (लसिका ग्रंथियां) में सूजन और गांठें इसके लक्षण हो सकते हैं.
एचआईवी और एड्स का इलाज - HIV and AIDS treatment
HIV का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन दवाओं के सहारे इसके असर को कम किया जा सकता है जिससे शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत बना रहता है. इसमें मरीज को तुरंत एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी दी जाती है क्योंकि HIV शरीर को बहुत कमजोर बना देता है. वहीं, एड्स से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज एड्स एक जानलेवा बीमारी है.
एचआईवी के लक्षण क्या हैं? - what are the symptoms of hiv
एचआईवी की शुरुआत में रोगी को ज्यादा दिक्कत महसूस नहीं होती है. उसे हल्का जुकाम या खांसी हो सकती है. इसके अलावा शुरुआती लक्षणों में थकान, सिरदर्द, बुखार, त्वचा पर चकत्ते, रात में पसीना आना और गर्दन व कमर के लिंफ नोड्स में सूजन आना शामिल हैं.
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