Jawai Dam: 66 साल में 9वीं बार हो सकता है ऐसा , जवाई बांध में कितने पानी की आवाक हुआ जाने
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Jawai Dam: 66 साल में 9वीं बार हो सकता है ऐसा , जवाई बांध में कितने पानी की आवाक हुआ जाने
जालौर ( 30 जुलाई 2023 ) Jawai Dam पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध जवाई एक बार फिर छलकने को आतुर है। वर्ष 1957 में बनकर तैयार हुए इस बांध के 66 साल में महज आठ बार गेट खोलने पड़े। इस बार बांध में बिपरजॉय तूफान आने पर जल आवक शुरू हुई, जो मानसून की बरसात चलने से अब तक जारी है। अरावली की वादियों में अब एक झमाझम बरसात होते ही बांध के 9वीं बार गेट खुल सकते हैं। 61.25 फीट भराव क्षमता वाले इस बांध में अभी करीब 55 फीट पानी है।
1.25 फीट बढ़ाया गया था गेज
जवाई बांध का निर्माण पहले 60 फीट तक किया गया था। उस समय बांध में 7000 एमसीएफटी पानी आता था। इसके बाद वर्ष 1973 में अतिवृष्टि हुई। बांध में तेजी से पानी आया और गेट खोलने पड़े। इस पर बांध की क्षमता को 1.25 फीट बढ़ाया गया। इससे बांध की क्षमता 7327.50 एमसीएफटी हो गई।
इनका कहना है
जवाई बांध में इस बार पानी की आवक अच्छी हुई है। बांध में अभी सेई बांध से पानी आ रहा है। बांध अभी अपनी पूरी भराव क्षमता से महज 6.25 फीट ही खाली है।
गंगाराम, अधिशासी अभियंता, जवाई बांध
एक नजर में जवाई बांध से पानी की निकासी
1-वर्ष 1973 में 1924.05 मिमी बरसात होने पर 31 अगस्त को बांध के गेट बांध में 59.80 फीट पर खोले गए। 23 हजार 420 मिलयन घन फीट पानी निकाला। गेट 12 सितम्बर तक खुले रहे।
2-वर्ष 1990 में 1226.40 मिमी बरसात होने पर 12 अगस्त को बांध के गेट बांध में 60.05 फीट पर खोले गए। 4632.59 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 1 अक्टूबर तक खुले रहे।
3-वर्ष 1992 में 975.60 मिमी बरसात होने पर 11 सितम्बर को बांध के गेट बांध 61 फीट पर खोले गए। 1721.09 मििलयन घन फीट पानी निकाला। गेट 27 अक्टूबर तक खुले रहे।
4-वर्ष 1993 में 709 मिमी बरसात होने पर 17 जुलाई को 59.50 फीट पर बांध के गेट खोले गए। 1702 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 10 अगस्त तक खुले रहे।
5-वर्ष 1994 में 766 मिमी बरसात होने पर 22 सितम्बर को गेट बांध में 61.25 फीट पानी पर खोले गए। 1117 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 10 अक्टूबर तक खुले रहे।
6-वर्ष 2006 में 1068.50 मिमी बरसात होने पर 19 अगस्त को बांध के गेट बांध में 59 फीट पर खोले गए। 6275 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 2 अक्टूबर तक खुले रहे।
7-वर्ष 2016 में 1020 मिमी बरसात होने पर 27 अगस्त को बांध के गेट 59.20 फीट पर खोले गए। 4423 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 22 अक्टूबर तक खुले रहे।
8-वर्ष 2017 में 905 मिमी बरसात होने पर 27 जुलाई को गेट बांध में 59.75 फीट पानी पर खोले गए। 7118.66 मिलियन घन फीट पानी निकाला। गेट 11 अक्टूबर तक खुले रहे।
जवाई की वर्तमान िस्थति
878 एमएम बरसात हो चुकी है अभी जवाई बांध पर
13 गेट है जवाई बांध के
150000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा सकता है जवाई से एक साथ 13 गेट खोलने पर
50 गुणा 16.15 फीट का है हर दरवाजा
1965 एमसीएफटी पानी चाहिए अभी बांध को पूरा भरने के लिए
जवाई बांध का इतिहास - History of Jawai Dam
जवाई डैम राजस्थान राज्य के पाली जिले के सुमेरपुर शहर के पास बना हुआ है। एक समय में जब मारवाड़ में भयंकर का काला पडा तब पूरे मारवाड़ में पानी से सभी जूझ रहे थे और हक़ मंच गया जिसको देखते हुए तब मारवाड़ के लोगों राजा उम्मेद सिंह के पास में जा पहुंचा इस बांध का निर्माण किया मांग किया गया तब जाकर यहाँ बांध का निर्माण जोधपुर के महाराजा उम्मेद सिंह द्वार करवाया गया है।
जवाई बांध को बनाने का कार्य 12 मई 1946 को शुरू हुआ था और यह 1957 में बनकर तैयार हो गया था। जवाई बांध के निर्माण में कुल खर्च 2 करोड़ 7 लाख रुपए था। यह बांध लगभग 500 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है।
रियासत काल में इस बाँध का निर्माण स्टेट के इंजीनियर एडगर व फर्गुसन की देखरेख में हुआ था। के गठन के पश्चात सन 1956 में यह बाँध मुख्य अभियंता मोती सिंह की देखरेख में पूर्ण हुआ। जवाई बांध पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध है जिसकी क्षमता 7887.5 मिलियन क्यूबिक फ़ीट है। आपको बता दें कि सेई बांध और कालीबोर बांध जवाई बांध के फीडर बांध हैं। इस नदी की लम्बाई लगभग कुल 96 किमी है।
इस गांव में 500 किमी² का क्षेत्र शामिल है यह पश्चिमी में सबसे बड़ा बांध है। बांध में 7887.5 मिलियन क्यूबिक फीट की क्षमता है और खेती योग्य क्षेत्रफल के 102,315 एकड़ (414.05 किमी) क्षेत्र शामिल है। इसकी ऊंचाई लगभग 61.25 फीट (18.67 मीटर) है। सेई बांध और कालीबोर बांध जावई बांध के फीडर बांध हैं।
डर इसलिए ज्यादा...
" बिपरजाय चक्रवात के कारण औसत बारिश का आंकड़ा इस साल बांध के कैचमेंट क्षेत्र में अभी पूरा हो चुका है।
• जिले के आहोर के 23, सायला के 19, . जालोर के 9, चितलवाना के 7 एवं बागोड़ा के 6 गांव में नुकसान की आशंका रहती है।
समय रहते गेट खोलना ठीक
11 जुलाई को सीएम को पत्र भेजकर जवाई के गेट खोलने की मांग कर चुके हैं। सीएम को लिखा कि एक साथ जवाई में पानी ट छोड़ने पर किसानों को फायदे के बजाय भूमि के कटाव सहित अन्य नुकसान होगा, -देवजी पटेल, जालोर-सिरोही सांसद
एक दो गेट खोलने से मिलेगी राहत
सांचौर के सुथड़ी के किसान मानाराम बताते हैं नेहड़ क्षेत्र में 2016 में बाढ़ से हजारों बीघा की फसलें बर्बाद हुईं थीं। लूणी नदी में पानी चल रहा है। जवाई का पानी ज्यादा गेट खोलकर छोड़ा तो नेहड़ क्षेत्र में वापस बाढ़ के हालत बन सकते हैं। पानी धीरे-धीरे रिलीज करने से कुएं रिचार्ज होंगे।
61 फीट भरने पर गेट खोलना संभव
चौबीस घंटे में 936 क्यूसैक पानी आ रही हैं। सेई बांध का गेट पूरा खुला है। कैंचमेंट एरिया से पानी आ रहा हैं। बांध 61 फीट भरने पर खोलना संभव होगा। बार गेट खोलने की ज्यादा संभावना है। अच्छी बारिश हुई तो भराव क्षमता से पहले भी कोई निर्णय लिया जा सकता हैं।
-जीआर सुथार,
एक्सईएन जवाई बांध
JALORE NEWS
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